Monday, May 15, 2023

SEBI से रूस के किन निवेशकों को फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर का लाइसेंस मिला है?

Sebi ने हाल में रूस के दो निवेशकों को पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स के लाइसेंस जारी किए थे। इनमें एक कंपनी और एक इंडिविजुअल हैं। Alfa Capital Management Company का रजिस्ट्रेशन दो कैटेगरी- कैटेगरी 1 और कैटेगरी 2 में है। इंडिविजुअल इनवेस्टर Vsevolod Rozanov का रजिस्ट्रेशन कैटेगरी 1 के तहत है। कैटेगरी 1 में रजिस्ट्रेशन सरकार और सरकार से जुड़े विदेशी निवेशकों का किया जाता है। इनमें सॉवरेन वेल्थ फंड शामिल हैं। कैटेगरी 2 में ऐसे एंटिटी आते हैं, जो रेगुलेटेड होते हैं या इनके मैनेजर्स रेगुलेटेड होते हैं। इनमें इंश्योरेंस कंपनियां, म्यूचुअल फंडस, इनवेस्टमेंट मैनेजर्स और ब्रोकर्स-डीलर्स शामिल हैं। अल्फा कैपिटल रूस के बड़े कारोबारी ग्रुप में से एक Alfa Capital रूस के सबसे बड़े फाइनेंशियल ग्रुप Alfa Group का हिस्सा है। इसकी मौजूदगी ऑयल एंड गैस, टेलीकम्युनिकेशंस, मीडिया र यूटिलिटीज जैसे सेक्टर में है। अल्फा कैपिटल की वेबसाइट पर कहा गया है कि यह कंपनी 30 साल पुरानी है, जो 873 अरब रूबल्स का प्रबंधन करती है। इसके 17 लाख क्लाइंट्स हैं। इनमें इंडिविजुअल्स, प्राइवेट फंड्स और चैरिटेबल ऑर्गेनाइजेशंस शामिल हैं। इसके पास इनवेस्टमेंट फंड्स, म्यूचुअल फंड्स और नॉन-स्टेट पेंशन फंड्स को मैनेज करने का लाइसेंस है। Vsvolod Rozanov कौन है? Vsvolod Rozanov एक इनवेस्टर हैं, जो कई रूसी कंपनियों के बोर्ड में शामिल हैं। वह AFK Sistema JSFC के मैनेजिंग पार्टनर और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर रह चुके हैं। यह रूस के सबसे बड़े बिजनेस हाउसेज में से एक की होल्डिंग कंपनी है। उन्हें इंडियन मार्केट की समझ है। सीएफओ बनने से पहले वह ग्रुप की इंडियन टेलीकॉम सब्सिडियरी Sistema Shyam TeleService के बॉस थे। यह कंपनी सिस्तेमा और इंडिया के श्याम ग्रुप का ज्वाइंट वेचर था। Systema का है इंडियन कनेक्शंस Systema Shyam एमटीएस (MTS) ब्रांड नाम से टेलीकॉम सेवाएं देती थी। यह इंडिया की टॉप टेलीकॉम कंपनियों में से एक थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में इसका लाइसेंस कैंसिल कर दिया था। तब केंद्रीय टेलीकॉम मिनिस्टर डी राजा पर टेलीकॉम लाइसेंस में घोटाले का आरोप लगा था। तब मसले के समाधान के लिए उच्च स्तरीय बैठकें हुई थीं। यहां तक कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इंडिया का दौरा किया था। इसकी वजह यह है कि इस कंपनी में रूसी सरकार की भी 19 फीसदी हिस्सेदारी थी। पांच साल बाद सिस्तेमा श्याम का विलय रिलायंस कम्युनिकेशंस में हो गया था।

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