रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने शुक्रवार को बताया कि पहली बार, भारत के डिफेंस प्रोडक्सन (Defence Production) की वैल्यू वित्तीय वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपए के स्तर को पार कर गई है। 2021-22 में देश में कुल रक्षा उत्पादन का मूल्य 95,000 करोड़ रुपए से ज्यादा था। पहली बार देश का डिफेंस प्रोडक्शन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। पिछले कुछ सालों में, सरकार ने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं। मंत्रालय ने कहा, "रक्षा मंत्रालय की लगातार कोशिशों के चलते वित्त वर्ष 2022-23 में डिफेंस प्रोडक्शन पहली बार एक लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है।" इसने एक बयान में कहा, "वर्तमान में डिफेंस प्रोडक्शन की वैल्यू 1,06,800 करोड़ रुपए है और बाकी प्राइवेट डिफेंस इंडस्ट्री से डेटा मिलने के बाद ये आंकड़ा और बढ़ जाएगा।" मंत्रालय ने कहा कि 2022-23 में डिफेंस प्रोडक्शन की वैल्यू 2021-22 के आंकड़े से 12 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है, तब ये 95,000 करोड़ रुपए था। मंत्रालय ने कहा, "सरकार डिफेंस प्रोडक्शन और उनके एसोसिएशन के साथ लगातार काम कर रही है, ताकि उनके सामने आने वाली चुनौतियों को दूर किया जा सके और देश में डिफेंस प्रोडक्शन को बढ़ावा दिया जा सके।" इसमें कहा गया है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस मकसद के लिए कई नीतिगत सुधार किए गए हैं, जिसमें MSME और स्टार्ट-अप को सप्लाई चेन में शामिल करना है। मंत्रालय ने कहा कि MSME (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) और स्टार्ट-अप समेत डिफेंस इंडस्ट्री मिलिट्री हार्डवेयर के डिजाइन, डेवलपमेंट और मैन्यूफेक्चरिंग में आगे आ रहे हैं। कैबिनेट ने अप्रैल-सितंबर खरीफ सीजन के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये की फर्टिलाइजर सब्सिडी को दी मंजूरी मंत्रालय ने कहा, "सरकार की तरफ से पिछले सात-आठ सालों में इंडस्ट्री को जारी किए गए डिफेंस लाइसेंस की संख्या में लगभग 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।" इसने कहा, "इन उपायों ने देश में डिफेंस इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को बढ़ावा दिया है और रोजगार के जबरदस्त अवसर पैदा किए हैं।" भारत वैश्विक स्तर पर हथियारों के सबसे बड़े इंपोर्टर में से एक है। अनुमानों के अनुसार, भारतीय सशस्त्र बलों को अगले पांच सालों में पूंजीगत खरीद में लगभग 130 अरब डॉलर खर्च करने का अनुमान है। सरकार अब इंपोर्टेड सैन्य प्लेटफॉर्म पर निर्भरता कम करना चाहती है और उसने घरेलू रक्षा निर्माण को समर्थन देने का फैसला किया है। रक्षा मंत्रालय ने 2024-25 तक रक्षा निर्माण में 25 अरब डॉलर (1.75 लाख करोड़ रुपए) के कारोबार का लक्ष्य रखा है, जिसमें 5 अरब डॉलर (35,000 करोड़ रुपए) के सैन्य हार्डवेयर का निर्यात लक्ष्य शामिल है।
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