YCombinator के सपोर्ट वाले कई स्टार्टअप्स के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। दरअसल, ये स्टार्टअप्स Silicon Valley Bank (SVB) में पैसे रखना पसंद करते हैं। इस बैंक के डूब जाने से उनके लिए अपना ऑपरेशन जारी रखना मुश्किल हो रहा है। वे वर्किंग कैपिटल का इंतजाम करने की कोशिश कर रहे हैं। YCombinator के 60 फीसदी ऐसे स्टार्टअप्स जिनके फाउंडर भारतीय हैं, वे एसवीबी में पैसे रखते हैं। ये स्टार्टअप्स इंडिया या अमेरिका से ऑपरेट करते हैं। मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी मनीकंट्रोल को दी है। कई स्टार्टअप्स SVB में पैसे रखना पसंद करते थे YCombinator के प्रेसिडेंट और सीईओ गैरी टैन ने कहा है कि उनके पोर्टफोलियो में शामिल एक-तिहाई स्टार्टअप्स के लिए अगले 30 दिन में एंप्लॉयीज की सैलरी देना आसान नहीं होगा। उन्होंने CNBC के साथ बातचीत में ये बातें बताईं। YC के सपोर्ट वाले कई स्टार्टअप्स के लिए SVB डिफॉल्ट बैंक रहा है। हालांकि, स्टार्टअप्स के फाउंडर्स के लिए सिलिकॉन वैली बैंक में अकाउंट ओपन करना अनिवार्य नहीं है, लेकिन ज्यादातर इस बैंक के साथ बिजनेस करने में दिलचस्पी दिखाते हैं। इसकी वजह सिलिकॉन वैली के इनवेस्टर्स के साथ इसके बेहतर संबंध हैं। SVB की इनवेस्टर्स कम्युनिटी में अच्छी पैठ YC के सपोर्ट वाले इंश्योरेंस टेक स्टार्टअप Verek Insurance के फाउंडर और सीईओ राहुल जे माथुर ने कहा, "ऐसी YCombinator कंपनियां हैं, जो खास तौर पर मर्करी, ब्रेक्स और जेपी मॉर्गन चेज की बैंकिंग सुविधाएं लेती हैं। लेकिन, मेरा मानना है कि ऐसी कंपनियां ज्यादा हैं, जो एसवीबी पर भरोसा करती है। इसकी वजह यह है कि इनवेस्टर कम्युनिटी में इस बैंक की अच्छी पैठ है।" उन्होंने कहा कि एवीबी में Verak के डिपॉजिट का बीमा है। एसवीबी स्टार्टअप्स को सपोर्ट करता था YCombinator के सपोर्ट वाले 60 फीसदी से ज्यादा स्टार्टअप्स का सिलिकॉन वैली बैंक में 2,50,000 डॉलर से ज्यादा डिपॉजिट है। Prodigal Tech के फाउंडर और सीईओ शांतुन गंगल ने कहा कि एसवीबी फाउंडर्स को बहुत सपोर्ट करता आया है। इसके चलते ज्यादातर YC फाउंडर इस बैंक के साथ रिलेशन रखना चाहते थे। मनीकंट्रोल ने इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए YC को सवाल भेजे थे, लेकिन अभी जवाब नहीं आया है। 8 मार्च को खुलासे के बाद शेयरों में आई बड़ी गिरावट Silicon Valley Bank की पेरेंट कंपनी एसवीबी फाइनेंशियल ग्रुप ने 8 मार्च की शाम मार्केट को बताया था कि उसने अपने पोर्टफोलियो से करीब 21 अरब डॉलर के सिक्योरिटीज बेचे हैं। इसके चलते उसे पहली तिमाही में 1.8 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ेगा। इस खबर के बाद वॉल स्ट्रीट पर इसके शेयरों में बिकवाली शुरू हो गई। इससे मार्केट में डर का माहौल बन गया। बैंक के फाइनेंशियल क्राइसिस में फंसने के डर से बड़े इनवेस्टर्स ने अपने पैसे निकालने शुरू कर दिए।
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