Sunday, March 19, 2023

Amritpal Singh: पुलिस के पीछा करने के दौरान अमृतपाल सिंह ने कई बार बदला रूट, 5-6 बाइकों से हुई टक्कर, पूरे पंजाब में हाई अलर्ट

Punjab: कट्टरपंथी उपदेशक और खालिस्तान (Khalistan) समर्थक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) अब भी फरार है। इस बीच पुलिस ने बताया कि शनिवार को अमृतपाल सिंह किस तरह से उनकी आंख में धूल झोंक कर फरार हो गया। जालंधर के DIG स्वपन शर्मा ने रविवार को कहा कि पीछा करने के दौरान अमृतपाल सिंह ने कई बार अपना रास्ता बदला। 12 से 13 Km लंबी एक लेन की लिंक रोड पर पहुंच गया। मीडिया करते हु DIG ने बताया कि इस दौरान उसकी कई बाइकों से टक्कर भी हो गई थी। DIG स्वपन शर्मा ने कहा, "हमें उसे (अमृतपाल सिंह) पकड़ने के निर्देश दिए गए थे। पीछा करते हुए वह हमसे आगे एक लेन की लिंक रोड पर आ गया। हमसे आगे निकलते समय वो 5-6 मोटरसाइकिल सवारों से टकरा गया। इनमें से कुछ का मकसद हमें उसका पीछा करने से रोकने का था।" मीडिया से बात करते हुए, DIG शर्मा ने शनिवार को हुई हाई-स्पीड कार चेस की डिटेल दी। उन्होंने कहा कि पुलिस का ध्यान हटाने और बचने के लिए 'वारिस पंजाब दे' (Waris Punjab De) के प्रमुख की कार कई मोटरसाइकिलों से टकरा गई। DIG शर्मा ने बताया कि जालंधर के मेहतपुर इलाके में इंटरसेप्शन के दौरान कार में बैठे एक शख्स ने चलती गाड़ी से छलांग लगा दी। काफिले के आगे चल रही दो कारों में सवार सिंह के सात हथियारबंद गार्डों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, लेकिन तीसरी कार में मौजूद अमृतपाल सिंह मौके से भागने में सफल रहा। सूत्रों के अनुसार मर्सिडीज कार में अमृतपाल सिंह समेत चार लोग सवार थे, जिसे सिंह के चाचा चला रहे थे। चारों का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है। असम ले जाए गए अमृतपाल सिंह के चार साथी उधर अमृतपाल सिंह के संगठन से जुड़े चार सदस्यों को पंजाब से गिरफ्तार करने के बाद रविवार को असम के डिब्रूगढ़ लाया गया, जबकि अमृतपाल और उसके दूसरे साथियों को पकड़ने की कोशिश जारी है। पंजाब सरकार ने अब सोमवार दोपहर तक के लिए राज्य में मोबाइल इंटरनेट और SMS सर्विस को बंद कर दिया है। सुरक्षा बलों ने अमृतसर, जालंधर और लुधियाना समेत राज्य के कई स्थानों पर फ्लैग मार्च किया। राज्य के प्राधिकारियों ने शनिवार को इंटरनेट और SMS सर्विस रविवार दोपहर तक के लिए निलंबित कर दी थीं। पुलिस ने बताया कि अमृतपाल के संगठन के चार गिरफ्तार सदस्यों को एक विशेष विमान से डिब्रूगढ़ लाया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "चारों को फिलहाल डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में रखा गया है।" उन्होंने इस संबंध में और कोई जानकारी नहीं दी। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि वह अमृतपाल को जल्द गिरफ्तार कर लेगी। अधिकारियों ने बताया कि पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ शनिवार को बड़ी कार्रवाई शुरू की थी और उसके नेतृत्व वाले एक संगठन के 78 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था। जालंधर जिले में अमृतपाल के काफिले को रोका गया, लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। अधिकारियों ने कई जगहों पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। पंजाब में अतिरिक्त मुख्य सचिव की तरफ से रविवार को जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया है, "भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत मुझे प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, ये निर्देश दिया जाता है कि पंजाब के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं (2G/3G/4G/5G/CDMA/GPRS), सभी SMS सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं को 19 मार्च (दोपहर 12 बजे) से 20 मार्च (दोपहर 12 बजे) तक के लिए निलंबित किया जाएगा, ताकि हिंसा भड़का सकने और शांति एवं सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ सकने वाली हर प्रकार की घटना को रोका जा सके।’’ आदेश में कहा गया है कि ब्रॉडबैंड सेवाओं को निलंबित नहीं किया जा रहा है, ताकि बैंकिंग सुविधाएं, अस्पताल सेवाएं और अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध रहें। अमृतपाल सिंह के गांव की घेराबंदी इस बीच, अमृतसर में अमृतपाल के पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई। अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। तरसेम सिंह ने कहा, "(उसके बारे में) कल से कोई जानकारी नहीं है। हमें लग रहा है कि उसे पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है।" उन्होंने कहा, "डरने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उसने (अमृतपाल) कुछ गलत नहीं किया है।" तरसेम ने कहा कि अमृतपाल युवाओं को नशे से दूर कर रहा था। पुलिस कमिश्न कुलदीप सिंह चहल ने रविवार को जालंधर में मीडिया से कहा, "वह (अमृतपाल) अब भगोड़ा है और हम उसकी तलाश कर रहे हैं और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे।" जब चहल से सवाल किया गया कि अमृतपाल के सहयोगियों को गिरफ्तार किए जाने के बावजूद वह अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर है, तो क्या किसी प्रकार की ‘चूक’ हुई है, इसके जवाब में पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जांच में किसी तरह की चूक नहीं हुई है। उन्होंने कहा, "ये चोर और सिपाही का खेल है। वे कभी-कभी बच निकलते हैं, लेकिन उसे गिरफ्तार कर लेंगे।" ये पूछे जाने पर कि अमृतपाल भागने में कैसे सफल रहा, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी चहल ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों ने अमृतपाल की गाड़ी का पीछा किया। पंजाब: अमृतपाल सिंह अपनी गाड़ी और फोन छोड़कर भागा, किसी फिल्मी स्टाइल कम नहीं है पुलिस के उसका पीछा करने की कहानी उन्होंने कहा, "उसकी (अमृतपाल) गाड़ी का 20 से 25 किलोमीटर तक पीछा किया गया। वो हमसे आगे था और स्वाभाविक रूप से, उसे इसका लाभ मिला। संकरी गलियां थीं और वह किसी तरह अपनी गाड़ी बदलकर भाग गया।" उन्होंने कहा कि अमृतपाल से जुड़ी दो गाड़ियों को जब्त कर लिया गया है। पुलिस ने शनिवार को अमृतपाल के नेतृत्व वाले ‘वारिस पंजाब दे’ (WPD) से जुड़े लोगों के खिलाफ ‘बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी घेराबंदी और तलाश अभियान (CASO)’ शुरू किया था। अमृतपाल के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार, अभियान के दौरान अब तक कुल 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कई दूसरों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस की ये कार्रवाई अमृतपाल सिंह के धार्मिक जुलूस ‘खालसा वाहिर’ के मुक्तसर जिले से शुरू होने से एक दिन पहले हुई है। पुलिस ने बताया कि राज्यव्यापी अभियान के दौरान अब तक .315 बोर की एक राइफल, 12 बोर की सात राइफल, एक रिवॉल्वर और 373 कारतूस सहित नौ हथियार बरामद किए गए हैं। पुलिस के मुताबिक, पंजाब में कई जगहों पर गाड़ियों की तलाशी लेने के साथ ही सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि WPD से जुड़े लोग अलग-अलग वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या की कोशिश, पुलिसकर्मियों पर हमले और सरकारी कामकाज में बाधा डालने से जुड़े चार आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को अजनाला थाने पर हमले के लिए WPD तत्वों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह हुआ फरार, पुलिस ने उसके 78 समर्थकों को किया गिरफ्तार पिछले महीने, अमृतपाल और उसके समर्थकों ने तलवारें और बंदूकें लहराते हुए बैरिकेड को तोड़ दिए थे और अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अजनाला थाना में घुस गए थे। वे सभी अमृतपाल के एक सहयोगी की रिहाई की मांग कर रहे थे। इस घटना में एक पुलिस अधीक्षक समेत छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। घटना के बाद राज्य में आम आदमी पार्टी (AAP) नीत सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था और उस पर चरमपंथियों के सामने झुकने का आरोप लगाया गया था। दुबई में रह चुके अमृतपाल सिंह को पिछले साल ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख बनाया गया था, जिसकी स्थापना अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने की थी। दीप सिद्धू की पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।

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