अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद केवल अदाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में ही गिरावट नहीं आई है। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) पर भी इसका खासा असर देखने को मिला है। अदाणी ग्रुप में अब एलआईसी का निवेश नेगेटिव हो गया है। इसका मतलब है कि अब अदाणी के शेयरों में एलआईसी घाटे में है। बता दें कि एलआईसी ने भी अदाणी ग्रुप में बड़ा निवेश किया है, जिसके चलते निवेशकों का भरोसा अब एलआईसी को लेकर भी घटा है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप की कंपनियों पर मार्केट मैनिपुलेशन और फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था। बता दें कि पिछले एक महीने में एलआईसी स्टॉक लगभग 17% टूट चुका है। एलआईसी के पास कितनी है हिस्सेदारी BSE के आंकड़ों के अनुसार एलआईसी के पास ग्रुप की प्रमुख फर्म अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के 4,81,74,654 इक्विटी शेयर हैं जो कि 4.23% हिस्सेदारी के बराबर है। वहीं, LIC के पास अदाणी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) में 4,06,76,207 इक्विटी शेयर या 3.65% हिस्सेदारी है। अदाणी टोटल गैस में LIC के पास 6,55,88,170 इक्विटी शेयर या 5.96% हिस्सेदारी है। अदाणी ग्रीन एनर्जी में कंपनी के पास 2,03,09,080 इक्विटी शेयर या 1.28% हिस्सेदारी है। अदाणी के सीमेंट कारोबार में भी एलआईसी के कुछ शेयर हैं। अंबुजा सीमेंट्स में कंपनी के पास 12,55,89,263 इक्विटी शेयर या 6.33% और ACC में 1,20,33,271 इक्विटी शेयर या 6.41% हिस्सेदारी है। अदाणी से जुड़े शेयरों में एलआईसी की सबसे बड़ी हिस्सेदारी अदाणी पोर्ट्स में है। अदाणी पोर्ट्स में कंपनी के पास 19,75,26,194 इक्विटी शेयर या 9.14% हिस्सेदारी है। इसके अलावा, LIC की अदाणी विल्मर, अदाणी पावर और NDTV में कोई हिस्सेदारी नहीं है। कुल मिलाकर 24 जनवरी तक अदाणी के शेयरों में एलआईसी की हिस्सेदारी लगभग 81,267.75 करोड़ रुपये थी। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी के शेयरों में गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ था। एक महीने बाद भी अदाणी के शेयरों में बिकवाली का दौर जारी है। 24 फरवरी के अंत तक अदाणी ग्रुप का बाजार मूल्य एक महीने में 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक गिर गया है। नेगेटिव में गया निवेश एक्सचेंजों पर उपलब्ध दिसंबर शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार 22 फरवरी को बाजार बंद होने के समय अदाणी ग्रुप की कंपनियों में एलआईसी का निवेश मूल्य 33,632 करोड़ रुपये था। इसके पहले 27 जनवरी को एलआईसी ने खुलासा किया था कि अडानी ग्रुप में उसके निवेश का मूल्य 56,142 करोड़ रुपये था। अगर दिसंबर के शेयरहोल्डिंग डेटा के हिसाब से यही वैल्यू कैलकुलेट की जाए तो यह 62,550 करोड़ रुपए बैठता है। यानी इसमें 6,408 करोड़ रुपये या 10 फीसदी से थोड़ा अधिक अंतर आया है। तो अब सवाल यह है कि क्या एलआईसी ने 1 जनवरी से 24 जनवरी के बीच अदाणी ग्रुप के 6,400 करोड़ रुपये के शेयर बेचे? दिसंबर के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के तहत LIC की अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश की वैल्यू 22 फरवरी को बाजार बंद के समय 33,632 करोड़ रुपये है। अगर मान लें कि एलआईसी के अदाणी ग्रुप की कंपनियों में करीब 10 फीसदी हिस्सेदारी बेची गई है और उसे 22 फरवरी के निवेश की वैल्यू में एडजस्ट करते हैं, तो संशोधित मार्केट वैल्यू 30,221 करोड़ रुपये होगी। हालांकि, इस संबंध में CNBC-TV18 द्वारा पूछे गए सवाल का एलआईसी ने कोई जवाब नहीं दिया है। एक महीने में 17 फीसदी टूटा एलआईसी एलआईसी के शेयरों में भी लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। पिछले एक महीने में इसके शेयरों में 17 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। 24 जनवरी को एलआईसी के एक शेयर की कीमत BSE पर 702.20 रुपये थी। लेकिन 24 फरवरी को यह 584.65 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बंद हुआ है। शुक्रवार को यह शेयर लगभग 1 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ है।
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