गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स काउसिंल (GST Council) की आगामी बैठक 18 फरवरी को नई दिल्ली में होने वाली है। यह जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक होगी। बैठक में पेंसिल शॉर्पनर, मिलेट्स आधारित हेल्थ प्रोडक्ट सहित कई उत्पादों पर दरें घटाने का फैसला लिया जा सकता है। साथ ही भारतीय और विदेशी शिपिंग लाइनों पर टैक्स में समानता लाने के मुद्दे पर भी इस बैठक में चर्चा हो सकती है। इसके अलावा काउंसिल पान मसाला और बालू के अवैध खनन से जुड़े मामलों में टैक्स चोरी रोकने के कुछ उपायों का भी ऐलान कर सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण (FM Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल के सदस्यों में सभी राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं। IGST एक्ट में हो सकता है बदलाव एक सूत्र ने मनीकंट्रोल को बताया, "बैठक के दौरान काउंसिल IGST (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) एक्ट में संसोधन पर विचार कर सकती है। इसके तहत गुड्स की सप्लाई के जगह को ‘माल के गंतव्य स्थान’ से बदलकर ‘प्राप्तकर्ता का स्थान’ किया जा सकता है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि विदेशी और भारतीय दोनों शिपिंग लाइन्स को भारत से बाहर या बाहर से भारत में जहाजों के जरिए माल भेजने पर एक समान IGST का भुगतान करना पड़े।" सस्ते हो सकते हैं पेंसिल शॉर्पनर वहीं एक दूसरे सूत्र ने बताया, "फिटमेंट कमिटी ने पेंसिल शॉर्पनर पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करने की सिफारिश की है।" इससे पहले 47वीं बैठक में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को सही करने के लिए पेंसिल शॉर्पनर पर जीएसटी बढ़ाया गया। हालांकि काउंसिल के सदस्यों ने इस फैसले पर दोबारा विचार की मांग की थी क्योंकि इनका अधिकतर इस्तेमाल स्कूली छात्र करते हैं। यह भी पढ़ें- Adani case: सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, जरूरत पड़ी तो मामले में करेंगे कार्रवाई मिलेट्स उत्पादों पर जीएसटी घटाने की तैयारी इसके अलावा काउंसिल उन हेल्थ उत्पादों पर जीएसटी दरें घटाने पर विचार कर सकती है, जिनमें मिलेट्स की मात्रा 70 फीसदी या उससे अधिक हो। बता दें कि ज्वार, बाजरा, रागी (मडुआ), मक्का, जौ, कोदो, सामा, बाजरा, सांवा, लघु धान्य या कुटकी, कांगनी और चीना जैसे अनाज मिलेट्स यानी मोटा अनाज होते हैं। इन सेक्टर्स में टैक्स-चोरी रोकने के उपायों पर होगी चर्चा जीएसटी काउंसिल 18 फरवरी को होने वाली अपनी बैठक में पान मसाला, बालू खनन जैसे कुछ टैक्स चोरी की अधिकता वाले सेक्टर्स पर क्षमता आधारित टैक्स लगाने पर विचार कर सकती है। इस संबंध में ओडिशा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी की अध्यक्षता में जीओएम ने अपनी अंतिम रिपोर्ट परिषद को सौंप दी है। बैठक में इस रिपोर्ट में चर्चा और इसके कुछ प्रस्तावों को मंजूरी दिए जाने की संभावना है।
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