Tuesday, February 14, 2023

महाराष्ट्र: पुणे में लगेगा कचरे से हाइड्रोजन बनाने वाला भारत का पहला प्लांट, 430 करोड़ रुपये आएगी लागत

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने के वादे के साथ अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने MCD चुनाव में बाजी मार ली। लेकिन जिस आम आदमी पार्टी ने बीजेपी सरकार पर दिल्ली में कचरे के ढेर को लेकर घेरा था, अब उसी AAP के सामने सबसे बड़ी और पहली चुनौती है कि कूढ़े के ढेर से कैसे दिल्ली को निजात दिलाई जाए। AAP सरकार अभी इस पर प्लान तैयार कर रही है। इस बीच एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि देश में कचरे से हाइड्रोजन बनाने का पहला प्लांट (India's first waste-to-hydrogen plant in Pune) महाराष्ट्र के पुणे में लगाया जाएगा। इसपर कुल 430 करोड़ रुपये की लागत आएगी। पर्यावरण अनुकूल समाधान उपलब्ध कराने वाली कंपनी ‘द ग्रीन बिलियंस लिमिटेड’ (TGBL) यह हाइड्रोजन बनाने का प्लांट लगाएगी। कंपनी ने इस संबंध में पुणे नगर निगम (PMC) के साथ 30 साल का दीर्घकालीन समझौता किया है। TGBL के चेयरमैन और संस्थापक प्रतीक कनाकिया (Prateek Kanakia) ने पीटीआई से कहा कि यह प्लांट अगले साल तक 350 टन ठोस कचरे का प्रतिदिन निपटान करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी 350 टन ठोस कचरे से 10 टन हाइड्रोजन प्रतिदिन उत्पादित करने की योजना है। हम पुणे के हडपसर इंडस्ट्रियल एस्टेट (Hadapsar Industrial Estate) में प्लांट स्थापित कर रहे हैं। कनाकिया ने कहा कि कंपनी प्लांट स्थापित करने में 350 करोड़ रुपये निवेश करेगी। इसके अलावा 82 करोड़ रुपये स्टोरेज सुविधा तथा ‘लॉजिस्टिक’ जरूरतों पर खर्च किए जाएंगे। क्या है कंपनी का प्लान? बता दें कि देश में ठोस कचरे से हाइड्रोजन प्राप्त करने का यह पहला प्रयास है। कनकिया ने कहा कि पहला 10 टन रिएक्टर नवंबर 2023 तक स्थापित किया जाएगा और पूरे प्लांट को पूरा करने का लक्ष्य नवंबर 2024 है। उन्होंने कहा कि कचरे से प्राप्त ईंधन का उपयोग प्लाज्मा गैसीकरण तकनीक का उपयोग करके हाइड्रोजन उत्पन्न करने के लिए किया जाएगा। हमें भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान और भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु से तकनीकी सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य कचरे से हाइड्रोजन उत्पादन की तकनीकी को और विकसित करना है। फैसिलिटी से निकलने वाले गीले कचरे का उपयोग कम कार्बन उत्सर्जन वाले पारंपरिक जैव-उर्वरकों की तुलना में बेहतर माने जाने वाले ह्यूमिक एसिड युक्त जैव-उर्वरकों को उत्पन्न करने के लिए किया जाएगा। 'हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है' केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा था कि हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है और इसे नगर निगम के कचरे से प्राप्त किया जा सकता है। भारत सरकार द्वारा हाइड्रोजन अपनाने पर जोर देने के साथ, ऐसी परियोजनाओं से न केवल भारत को डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे उत्सर्जन भी कम होगा। ये भी पढ़ें- Pakistan Crisis IMF: आर्थिक संकट से बाहर निकलने के लिए पाक सरकार जनता पर लगाएगी नया टैक्स, देश में भुखमरी की आशंका कनकिया ने कहा कि कंपनी भविष्य में इसी तरह के प्लांटों को लागू करने और स्थापित करने के लिए देश भर में अन्य राज्य नगरपालिकाओं के साथ चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम PPP (public-private-partnership) मॉडल के तहत गुवाहाटी नगर निगम के साथ हाथ मिलाना चाहते हैं।"

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