जल्दी आपको इंटरनेट की बेहतर स्पीड मिल सकती है। दूरसंचार विभाग ने ब्रॉडबैंड की परिभाषा में बदलाव किया है अब टेलीकॉम कंपनियों को ब्रॉडबैंड के लिए कम से कम 2 एमबीपीएस की स्पीड मुहैया करानी होगी। अभी तक 512 केबीपीएस को ब्रॉडबैंड माना जाता था। भारत में ब्रॉडबैंड के करीब 85 करोड ग्राहक है। इसमें से 82.5 करोड ग्राहक मोबाइल पर ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल करते हैं। यही नहीं देश में ढाई करोड़ लोगों के पास लैंडलाइन ब्रॉडबैंड है। अब कंपनियों को ब्रॉडबैंड कहलाने के लिए स्पीड बढ़ानी होगी। अधिसूचना में कहा गया है कि अब 2G 3G सर्विस ब्रॉडबैंड की कैटेगरी में नहीं आएगी। ट्राई ने 2013 और 2021 में स्पीड बढ़ाने की सिफारिश की थी। अडानी ग्रुप मामले में FM ने कहा - SBI और LIC का अडानी ग्रुप में लिमिट एक्सपोजर, दोनों ने जारी किया विस्तृत बयान बता दें कि TRAI ने 2013 और 2021 में स्पीड बढ़ाने की सिफारिश की थी। TRAI की शिफारिशों पर डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए न्यूनतम स्पीड को मिनिमम 2MBPS कर दिया है। एक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जायेगा। गौरतलब है कि स्पीडटेस्ट ग्लोबल इंडेक्स के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2022 में भारत इंटरनेट स्पीड में सुधार हुआ है लेकिन ग्लोबल रैंकिंग में अभी भी 79वें स्थान पर है।
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