Union Budget 2023 : यूनियन बजट से इन दिनों खासी उम्मीदें लगाई जा रही हैं। 2024 के आम चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट होने के कारण सरकार कई लोकलुभावन ऐलान करने की पूरी कोशिश करेगी। हालांकि, एक्सपर्ट्स ने संकेत दिए कि बजट की घोषणाएं काफी हद तक फिस्कल कंसोलिडेशन और दीर्घकालिक ग्रोथ के लिए खर्च पर सीमित रहेंगी। इसकी वजह वैश्विक मंदी की आशंकाओं के साथ-साथ कई फैक्टर हैं, जिनके चलते बड़ा बजट पेश करने की संभावनाओं पर असर पड़ सकता है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट 2023 पेश करेंगी। Union Budget 2023 से ये हैं प्रमुख उम्मीदें... Income tax में राहत हर साल की तरह इस बार भी नागरिकों और एक्सपर्ट्स ने सरकार से बजट में इनकम टैक्स में राहत देने का अनुरोध किया है। टैक्स एक्सपर्ट्स ने सरकार से पुराने इनकम टैक्स रीजीम के तहत लागू सेक्शन 80C और 80D सहित इनकम टैक्स एक्ट के सामान्य सेक्शंस के तहत डिडक्शन बढ़ाने के लिए कहा है। वैकल्पिक टैक्स रीजीम के तहत टैक्स स्लैब में सुधार और टैक्स की दरों को कम करना कुछ अन्य उपाय हैं, जिनकी मांग की गई है। गांवों और वेलफेयर पर खर्च Rural spending : पिछले चुनाव पूर्व बजट के आंकड़े बताते हैं कि सरकारें आम तौर पर ग्रामीण और वेलफेयर से जुड़े खर्चों पर ध्यान केंद्रित करती हैं। भारत ने अपने पिछले दो चुनाव पूर्व बजटों में एक समान पैटर्न देखा है। हाल ही में गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2024 में आम चुनाव से पहले वेलफेयर और ग्रामीण खर्च के लिए अधिक धन आवंटित किया जाएगा। मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन यूनियन बजट में लोकल मैन्युफैक्चरिंग को सबसे अधिक बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। खबरों से संकेत मिलते हैं कि सरकार अपनी सफल प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के दायरे में और क्षेत्रों को शामिल करेगी। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग जैसे कुछ क्षेत्र को ज्यादा आवंटन मिल सकता है, जो पहले से ही योजना के दायरे में हैं। बजट 2022 में, सरकार ने पीएलआई स्कीम के लिए कुल 1.97 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की। इस बजट में यह कम से कम 20-30 फीसदी तक बढ़ सकता है। दरअसल, सरकार की योजना चीन को टक्कर देने और वैश्विक निवेश को आकर्षित करने के लिए स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने की है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा खर्च infrastructure development : हर चुनाव पूर्व बजट की तरह, सरकार की वित्तीय योजना में इंफ्रास्ट्रक्चर पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाता है। चूंकि इंफ्रास्ट्रक्चर आर्थिक विकास और नौकरियां पैदा करने के लिए खासा अहम है। इसलिए वित्त वर्ष 24 में विकास की चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार इस साल ज्यादा आवंटन की घोषणा करने से नहीं कतराएगी। ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहन Green energy : जलवायु परिवर्तन को अधिकांश उद्योगों में महत्व दिया गया है और सरकार टिकाऊ ऊर्जा संसाधनों को बढ़ावा देने के लिए खर्च बढ़ाने में संकोच नहीं कर रही है। सरकार रिन्युएबिल एनर्जी स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं और प्रोत्साहनों की घोषणा कर सकती है। दरअसल, देश 2070 तक नेट जीरो इमीसन की स्थिति में पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है।
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