वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) केंद्र सरकार की 'मेक इन इंडिया' (Make in India) पहल का एक ऐसा प्रोडक्ट है, भारतीय रेलवे (Indian Railways) के यात्रियों को स्पीड, सिक्योरिटी और सर्विस के रूप में पूरी तरह से एक नया यात्रा अनुभव देने के मकसद से पेश किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को नागपुर रेलवे स्टेशन (Nagpur Railway Station) से छठी वंदे भारत ट्रेन को बिलासपुर के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। वंदे भारत ट्रेन क्या है और इसे क्यों शुरू किया गया? वंदे भारत ट्रेन गति और सुविधा के मामले में भारतीय रेलवे के लिए अगली बड़ी छलांग है। रेलवे ने फरवरी 2019 में नई दिल्ली और वाराणसी के बीच भारत की पहली स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन (Semi-High Speed Train), वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू की थी। यह वर्ल्ड क्लास यात्री सुविधाओं से लैस है और तेज एक्सेलेरेशन और डीएक्सेलेरेशन के कारण हाई स्पीड तक पहुंच जाती है। यह यात्रा के समय को 25 प्रतिशत से 45 प्रतिशत तक कम कर देती है। Delhi T3 Terminal : दिल्ली में T3 ने बनाया मुसीबतों का ‘रिकॉर्ड’, क्या हो रहा है और सुधार के लिए क्या कर सकते हैं? पहली वंदे भारत ट्रेन ने नई दिल्ली और वाराणसी के बीच यात्रा के समय को दो शहरों को जोड़ने वाली सबसे तेज ट्रेन के मुकाबले लगभग 50 प्रतिशत कम कर दिया। वंदे भारत एक्सप्रेस 180km प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार तक चल सकती है और इसमें शताब्दी जैसी ट्रेवल क्लास हैं, लेकिन बेहतर सुविधाओं के साथ। इसका मकसद गति, सुरक्षा और सेवा के संबंध में यात्रियों को एक नया यात्रा अनुभव देना है। इन-हाउस डिजाइन और निर्माण चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF), एक रेलवे प्रोडक्शन यूनिट, केवल 18 महीनों में सिस्टम इंटीग्रेशन के लिए पूरी तरह से इन-हाउस डिजाइन और निर्माण, कंप्यूटर मॉडलिंग और बड़ी संख्या में सप्लायर्स के साथ काम करने के पीछे की ताकत रही है। एक वंदे भारत ट्रेन को बनाने में करीब 120 करोड़ रुपए का खर्च आता है। ये ट्रेनें भारतीय इंजीनियरों की क्षमता और 'मेक इन इंडिया' पहल का प्रमाण हैं। यह प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' विजन को साकार करने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है। इस साल की शुरुआत में, रेलवे की तरफ से ट्रेन का एक नया वर्जन वंदे भारत 2.0 लॉन्च किया गया था। सितंबर में गांधीनगर से मुंबई के लिए रवाना हुई ट्रेन वंदे भारत 2.0 थी, जो पुरानी ट्रेन की तुलना में कई बेहतर और नई सुविधाओं से लैस है। ये ट्रेन काफी हल्की है, जो पुरानी ट्रेन के वजन 430 टन के बजाय 392 टन वजनी है। अब तक इन पांच रूट पर चलती है वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन- - नई दिल्ली-श्री वैष्णो देवी माता, कटरा - नई दिल्ली-वाराणसी - गांधीनगर राजधानी-अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल - अम्ब अन्दौरा- नई दिल्ली - मैसूर-एम.जी. रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन मैसूर-चेन्नई सेंट्रल वंदे भारत दक्षिण भारत की पहली ऐसी ट्रेन है। अब आगे क्या? केंद्रीय बजट 2022-23 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि अगले तीन सालों के दौरान बेहतर एनर्जी एफिशिएंसी और पैसेंजर राइडिंग एक्सपीरियंस वाली 400 नई जनरेशन की वंदे भारत ट्रेनों का विकास और निर्माण किया जाएगा। 15 अगस्त, 2021 को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, प्रधान मंत्री मोदी ने घोषणा की कि 'आजादी का अमृत महोत्सव' के 75 हफ्ते के दौरान, 75 वंदे भारत ट्रेनें देश के हर कोने को जोड़ेगी।
from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/ntlhKpG
via
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
The Doha accord would see thousands of American troops quit Afghanistan in a phased plan after more than 18 years in return for various secu...
-
A mysterious dissident group accused of breaking into the North Korea's embassy in Madrid last month said on Thursday it was temporarily...
-
The launch on Monday came two days North Korea's state media said leader Kim Jong Un supervised an artillery drill aimed at testing the ...
No comments:
Post a Comment