Hyderabad Encounter Case: 2019 के चर्चित हैदराबाद एनकाउंटर को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित पैनल ने फर्जी माना है। पैनल ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में इस कथित एनकाउंटर में शामिल सभी 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा चलाने की सिफारिश की गई है। बता दें कि हैदराबाद में 2019 में महिला वेटनरी डॉक्टर से रेप और हत्या के 4 आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराने का दावा किया था। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, रिपोर्ट में लिखा गया है, 'एनकाउंटर के आरोप गलत हैं। हमारे विचार में आरोपियों के ऊपर जानबूझकर गोलियां चलाई गईं ताकि उनकी मौत हो जाए।' पुलिसकर्मियों की ओर से दावा किया गया था कि रेप और हत्या के आरोपियों ने उनसे पिस्तौल छीन ली थी और भागने का प्रयास किया था। ये भी पढ़ें- RRR Hindi OTT Release: दर्शकों का इंतजार खत्म, आज से ZEE5 और Netflix पर भी देख सकेंगे राजामौली की सुपरहिट फिल्म रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिसकर्मियों ने जानबूझकर गोलियां चलाई थीं। उन्हें पता था कि ऐसा करने पर उन लोगों की मौत भी हो सकती है। इसलिए यह एनकाउंटर फर्जी है। रिपोर्ट सार्वजनिक करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने तीन-सदस्यीय पैनल की सीलबंद रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का आदेश देते हुए आगे की कार्रवाई के लिए तेलंगाना हाई कोर्ट के पास भेज दिया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने वरिष्ठ वकील श्याम दीवान के उस अनुरोध को ठुकरा दिया कि पैनल की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में रखी जाए। पीठ ने कहा कि यह (रिपोर्ट) एनकाउंटर मामले से संबद्ध है। इसमें यहां रखने जैसी कोई बात नहीं है। आयोग ने किसी को दोषी पाया है। हम मामले को हाई कोर्ट के पास भेजना चाहते हैं। हमें मामले को वापस हाई कोर्ट के पास भेजना पड़ेगा, हम इस मामले की निगरानी नहीं कर सकते। सिरपुरकर की अध्यक्षता में तैयार हुई है रिपोर्ट चार आरोपियों के एनकाउंटर में मारे जाने की जांच कर रहे आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज वीएस सिरपुरकर ने की है। सिरपुरकर समिति का गठन 12 दिसंबर 2019 को हुआ था। उसे उन परिस्थितियों की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया, जिसके चलते एनकाउंटर हुई। उसे अपनी रिपोर्ट छह महीने में सौंपनी थी। क्या है पूरा मामला? आपको बता दें कि तेलंगाना पुलिस ने कहा था कि आरोपी एनकाउंटर में मारे गए। यह घटना सुबह करीब साढ़े छह बजे हुई थी जब आरोपियों को जांच के लिए घटनास्थल ले जाया जा रहा था। चारों आरोपियों मोहम्मद आरिफ, चिंटाकुंटा चेन्नाकेश्वुलु, जोलु शिवा और जोलु नवीन को नवंबर 2019 में महिला डॉक्टर के गैंगरेप तथा हत्या मामले में पकड़ा गया था। चारों आरोपियों को हैदराबाद के समीप NH-44 पर कथित मुठभेड़ में गोली मार दी गई थी। इसी हाईवे पर 27 वर्षीय युवती का जला हुआ शव मिला था। पुलिस ने दावा किया कि 27 नवंबर 2019 को महिला वेटनरी डॉक्टर का अपहरण कर उससे साथ गैंगरेप किया गया। बाद में उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने दावा किया था कि आरोपियों ने महिला का शव जला दिया था।
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