RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने एक बार फिर कहा है कि ग्रोथ का चीन का मॉडल इंडिया के लिए इफेक्टिव नहीं होगा। उनका मानना है कि तेज ग्रोथ के लिए मैन्युफैक्चरिंग के बजाय इंडिया को सर्विसेज पर फोकस करना चाहिए। चीन की ग्रोथ मैन्युफैक्चरिंग आधारित रही है। अमेरिका और यूरोप सहित दुनियाभर में चीन के प्रोडक्टस छाए हुए हैं। ग्लोबल मार्केट में चीन के प्रोडक्ट्स की पैठ इतनी ज्यादा हो गई है कि अब उनका विरोध शुरू हो गया है। राजन ने कहा कि इंडिया को आंख मूंद कर चीन की नकल करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर हम मैन्युफैक्चरिंग में चीन को टक्कर देने में कामयाब भी हो गए तो इसकी कोई गारंटी नहीं कि हमारे प्रोडक्ट्स को विरोध का सामना नहीं करना होगा। टाइम्स नेटवर्क के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इसलिए मैन्युफैक्चरिंग आधारित ग्रोथ के लिए अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल करना समझदारी नहीं है। इसके बजाय इंडिया को सर्विसेज में अपनी स्थिति मजबूत करनी चाहिए, जिसमें पहले से इसे बढ़त हासिल है। उन्होंने कहा, '' चीन की नकल करने से हमे नुकसान है, क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग आधारित ग्रोथ के चलते पहले से पश्चिम में चीन का विरोध हो रहा है।'' यह भी पढ़ें : आपको ITR फाइल करना होगा अगर ये शर्तें आप पर लागू होती हैं, जानिए शर्तों की पूरी लिस्ट राजन ने कहा कि हम चीन जितनी सस्ती चीजें बनाने में कामयाब नहीं हो सकते। आज दुनिया में इस तरह के प्रोडक्ट्स को लेकर काफी संवेदनशीलता दिख रही है। उन्होंने इंडिया के अपने स्टूडेंट्स को एजुकेशन नहीं देने पर भी नाखुशी जताई। बड़ी संख्या में इंडियन स्टूडेंट्स् को एजुकेशन के लिए विदेश जाना पड़ता है। यूक्रेन क्राइसिस शुरू होने पर हजारों इंडियन स्टूडेट्स यूक्रेन में फंस गए। सरकार को उन्हें वहां से निकालना पड़ा। आरबीआई के पूर्व गवर्नर राजन ने कहा, "हमने यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे अपने स्टूडेंट्स को वापस आते देखा है। इंडिया में डॉक्टर्स की काफी मांग है। हमारे देश में मेडिकल कॉलेजों की कमी है। लेकिन यह एक मौका है। अगर इंडिया बड़ी संख्या में डॉक्टर तैयार कर लेता है तो वह मेडिकल सर्विसेज का एक्सपोर्ट कर सकता है। इंडिया टेलीमेडिसिन की सेल्स के जरिए इंग्लैंड के एनएचएस के बोझ को कम कर सकता है।" उन्होंने कहा कि कोरोना की महामारी के दौरान अमेरिकी में टेलीमेडिसिन 20 फीसदी बढ़ी है। उन्होंने पूछा कि इंडिया से टेलीमेडिसिन क्यों नहीं ऑफर की जा सकती। अभी ऐसा करने में कई बाधाएं हैं। उदाहरण के लिए डिग्री को लेकर कुछ मसले हैं। क्या मेडिकल डिग्री को बाहर में मान्यता मिलती है? उन्होंने कहा कि हमें यह देखना होगा कि क्या करने की जरूरत है।
from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/C6rYI3J
via 
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
- 
The device would be introduced on Amazon India and its pre-bookings would start on January 15. from Top Tech News- News18.com http://bit.l...
- 
The number of Covid-19 deaths globally has been dropping for the past three weeks from Top World News- News18.com https://ift.tt/uex9Mhf
- 
Business software group SAP forecast flat revenue and a decline in operating profit in 2021, as it released preliminary annual results that ...
 
No comments:
Post a Comment