Friday, February 4, 2022

Electric vehicles को बड़ा बूस्ट! सरकार नई बैटरी स्वैप स्कीम के तहत इंसेंटिव्स का जल्द कर सकती है ऐलान

Electric vehicle : भारत सरकार द्वारा दो महीनों के भीतर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए नई बैटरी अदलाबदली योजना (battery swap scheme) के तहत इंसेंटिव्स को अंतिम रूप दिए जाने का अनुमान है। रॉयटर्स ने एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है। सरकार अपने कार्बन उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए व्यापक स्तर पर क्लीन मोबिलिटी को प्रोत्साहन दे रही है। इस पॉलिसी में शुरुआत में लास्ट माइल डिलिवरी और राइड शेयरिंग जैसे सेक्टरों को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर्स (electric scooters), मोटरसाइकिल और थ्री-व्हीलर यानी ऑटो रिक्शा के लिए बैटरी स्वैप सर्विसेज पर जोर देगी। सरकार ने बजट में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी का किया था ऐलान सरकार ने मंगलवार को पेशश बजट (Budget 2022) में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी (Battery Swapping policy) का ऐलान किया है, जिससे ईवी ड्राइवर्स को अपने बैटरी ब्लॉक्स स्वैप स्टेशंस पर नए चार्ज ब्लॉक से बदलने की अनुमति मिलेगी। इससे वाहन चार्ज करने में लगने वाले समय की बचत होगी। Budget 2022: क्या है बैटरी स्वैपिंग, आपको इससे क्या होगा फायदा? बैटरी स्वैपिंग से बड़ी समस्या होगी दूर सरकार का फोकस देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल का इस्तेमाल बढ़ाने पर है। इससे एक तरफ डीजल और पेट्रोल की खपत घटेगी तो दूसरी तरफ पॉल्यूशन में कमी आएगी। वित्तमंत्री ने निर्मला सीतारमण ने कहा था कि अर्बन प्लानिंग के तहत ज्यादा पब्लिक चार्जिंग स्टेशंस शुरू करने की कोशिश हो रही है। लेकिन, बड़े शहरों में जगह की कमी इसके लिए बाधा बन सकती है। ऐसे में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी से समस्या का समाधान हो सकता है। इंडिया में एंट्री के टेस्ला के प्लान को झटका, टैक्स छूट की मांग खारिज बैटरी की लीज कॉस्ट पर मिल सकता है 20 फीसदी इंसेंटिव इंडस्ट्री एग्जीक्यूटिव्स ने कहा, बैटरी एक ईवी का सबसे महंगा पार्ट है और स्वैपिंग से कंपनियों को लीज या सब्सक्रिप्शन मॉडल के जरिए सेवा की पेशकश करने की अनुमति मिलेगी। इससे ईवी खरीदने और उसे चलाने की लागत में कमी आएगी। एक सूत्र ने कहा, सरकार के ईवी ओनर्स को कुल सब्सक्रिप्शन या बैटरी की लीज कॉस्ट पर 20 फीसदी तक का इंसेंटिव देने का अनुमान है और यह क्लीन व्हीकल खरीदने पर मिली सब्सिडी के अलावा होगा। EPNS: वॉलेट-टू-वॉलेट कम्युनिकेशंस और नोटिफिकेशंस के लिए गेमचेंजर प्रोटोकॉल वर्ष 2019 में भारत ने सीधे बायर्स को इंसेंटिव देकर ईवी को प्रोत्साहन देने के लिए 100 अरब रुपये (1.3 अरब डॉलर) का आवंटन किया, लेकिन उसमें से सिर्फ 10 फीसदी का ही इस्तेमाल हुआ। अधिकारी ने कहा कि वैटरी स्वैपिंग के लिए इंसेंटिव संभवतः उसी फंड से दिया जाएगा।

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