Paytm Shares : पेटीएम की पैरेंट कंपनी (One97 Communications) के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर अपने 952.3 रुपये प्रति शेयर के रिकॉर्ड लो पर पहुंच गए। माना जा रहा है कि कंपनी की संभावनाओं को लेकर इनवेस्टर्स अभी भी निराश हैं, इसलिए यह बिकवाली देखने को मिल रही है। शुक्रवार को लगभग 4 फीसदी की गिरावट के साथ उन इनवेस्टर्स की 10 अरब डॉलर से ज्यादा रकम डूब गई है, जिन्होंने फिनटेक कंपनी के इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग में भाग लिया था। 62 हजार करोड़ है मार्केट कैप पेटीएम के शेयरों ने अपने प्राइस बैंड के टॉप एंड पर 19 अरब डॉलर के वैल्युएशन के साथ आईपीओ मार्केट में दस्तक दी थी। फिलहाल कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 62,166 करोड़ रुपये है, जबकि लिस्टिंग से पहले यह 1.4 लाख करोड़ रुपये था। मैक्वायरी ने घटाया टारगेट सिर्फ जनवरी की बात करें तो ब्रोकरेज फर्म मैक्वायरी द्वारा स्टॉक का टारगेट 1,200 रुपये से घटाकर 900 रुपये करने के बाद कंपनी के शेयर इस महीने में 28 फीसदी से ज्यादा टूट चुके हैं। ब्रोकरेज हाउस को कंपनी के बिजनेस में सुधार के सीमित संकेत दिखते हैं। Stock Market की 4 दिन की गिरावट में इनवेस्टर्स के डूबे 8 लाख करोड़, इन 4 वजहों से टूट रहा बाजार टेक्नोलॉजी स्टॉक्स में कमजोरी का भी पड़ा असर इसके अलावा, कंपनी के स्टॉक को ग्लोबल बॉन्ड यील्ड में मजबूती के चलते दुनिया भर में टेक्नोलॉजी स्टॉक्स में कमजोरी से भी जूझना पड़ रहा है। बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी टेक्नोलॉजी स्टॉक्स के लिए निगेटिव है, क्योंकि इससे उनका वैल्युएशन कम होता है। महामारी के चलते ब्याज दरों के रिकॉर्ड लो स्तर पहुंचने से टेक्नोलॉजी स्टॉक्स को सहायता मिली है, क्योंकि इससे इससे इनवेस्टर्स को भविष्य में कमाई का मौका मिला है। पेटीएम के मामले में प्रॉफिटेबिलिटी के ट्रैक रिकॉर्ड की कमी इनवेस्टर्स के लिए कोई समस्या नहीं है, जिन्होंने पांच से छह साल में होने वाले प्रॉफिट की उम्मीद में कंपनी की रिच वैल्युएशन को स्वीकार कर लिया है। Make money in stock markets : उम्मीद छोड़िए “निराशा” से ही भरेगी आपकी जेब, जान लें कमाई का यह फंडा डिलिवरी वॉल्यूम ने बढ़ाई चिंता पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने नवंबर में लिस्टिंग के बाद हाल में स्टॉक में कमजोरी की वजह ग्लोबल फैक्टर्स और पब्लिक इनवेस्टर्स को उसके बिजनेस मॉडल की समझ की कमी को बताया था। आज के सेशन में बिकवाली की मुख्य वजह लॉन्ग टर्म इनवेस्टर थे। एनएसई में इसका डिलिवरी वॉल्यूम 37 फीसदी था, जो 20 दिन के 29.6 फीसदी के एवरेज से खासा ज्यादा था।
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