Tuesday, June 4, 2024

Indore Seat Result: रिकॉर्ड अंतर से जीते इंदौर सीट से बीजेपी कैंडिडेट शंकर लालवानी, नोटा ने भी रच दिया इतिहास

Madhya Pradesh Election Results 2024: इंदौर लोकसभा सीट से आज जीतने वाले ने भी रिकॉर्ड बनाया और कोई भी कैंडिडेट न चुनने का विकल्प देने वाले नोटा (NOTA) ने भी। इस सीट से बीजेपी के उम्मीदवार शंकर लालवानी ने 11,75,092 मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की। इस चुनाव में यह देश भर की 543 सीट पर रिकॉर्ड मतों के अंतर से जीत है। शंकर लालवानी ने न सिर्फ भारी अंतर से जीत हासिल कर रिकॉर्ड बनाया, बल्कि बीजेपी का इस सीट पर 35 साल से कब्जा भी कायम रखा। अपने उम्मीदवार के पर्चा वापस लेने के कारण कांग्रेस पहली बार इंदौर के चुनावी दौड़ से बाहर थी। शंकर लालवानी को 12,26,751 वोट हासिल किए। लालवानी के निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी प्रत्याशी संजय सोलंकी को 51,659 मतों से संतोष करना पड़ा।

NOTA को मिले रिकॉर्ड मत

इंदौर में कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया और वह इसके तुरंत बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे। इस प्रकार इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ से बाहर हो गई। इसके बाद कांग्रेस ने स्थानीय मतदाताओं से अपील की कि वे ईवीएम पर 'नोटा' का बटन दबाकर भाजपा को सबक सिखाएं। इंदौर में इस बार 'नोटा' को 2,18,674 वोट हासिल हुए जो एक रिकॉर्ड है।

कांग्रेस की इस अपील पर शंकर लालवानी का क्या है रिएक्शन

शंकर लालवानी ने अपनी जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को दिया। उन्होंने कहा कि इंदौर में भाजपा की जीत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की जीत है। वहीं कांग्रेस की 'नोटा' की अपील को उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ‘नकारात्मक भूमिका’ निभाई। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार पंकज संघवी को जितने वोट मिले थे, इस बार उसके आधे वोट भी कांग्रेस के समर्थन वाले नोटा को नहीं मिल सके। यह दर्शाता है कि इंदौर की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान लालवानी ने अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को 5.48 लाख वोट से हराया था। शंकर लालवानी ने कहा कि वह सांसद के तौर पर अपने नये कार्यकाल के दौरान इंदौर में यातायात, पेयजल और पर्यावरण के क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए काम करेंगे।

Why NDA losses in Maharashtra: महाराष्ट्र में इन पांच वजहों से नहीं चला जादू, लक्ष्य से आधी भी नहीं मिली सीटें



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Monday, June 3, 2024

Kronox Lab Sciences IPO subscription: पहले दिन ही 11 गुना सब्सक्राइब, रिटेल निवेशकों ने जमकर लगाया दांव

क्रोनॉक्स लैब साइंसेज के आईपीओ को आज 3 जून को निवेशकों की ओर से मजबूत रिस्पॉन्स मिला है। सब्सक्रिप्शन के पहले दिन ही यह इश्यू 11.10 गुना सब्सक्राइब हो गया है। इसे कुल 7.43 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां मिल गई है, जबकि ऑफर पर 66.99 लाख शेयर हैं। माना जा रहा है कि एग्जिट पोल में स्थिर सरकार बनने के अनुमान के चलते बाजार में आई तेजी से आईपीओ को फायदा मिला है। कंपनी ने आईपीओ के लिए 129-136 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। निवेशकों के पास इस आईपीओ में 5 जून तक निवेश का मौका रहेगा। कंपनी का इरादा आईपीओ के जरिए 130.15 करोड़ रुपये जुटाने का है।

Kronox Lab Sciences IPO subscription status: सब्सक्रिप्शन से जुड़ी डिटेल

क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB)- 1.11 गुना

नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) - 19.97 गुना

रिटेल इंडिविजुअल इनवेस्टर्स (RII)- 13 गुना

टोटल - 11.10 गुना

(03 Jun 2024 | 05:00:00 PM)

Kronox Lab Sciences IPO से जुड़ी डिटेल

इस आईपीओ में नए इक्विटी शेयर जारी नहीं होंगे और यह यह पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) पर बेस्ड है। OFS के हिस्से के रूप में 95.70 लाख इक्विटी शेयरों की बिक्री की जाएगी। प्रमोटर जोगिंदर सिंह जसवाल, केतन रमानी और प्रीतेश रमानी ओएफएस में सेलिंग शेयरहोल्डर हैं, जिनमें से प्रत्येक 31.9 लाख शेयर बेचेंगे। पैंटोमैथ कैपिटल एडवाइजर्स इस इश्यू के लिए एकमात्र बुक रनिंग लीड मैनेजर है, जबकि केफिन टेक्नोलॉजीज इस ऑफर के लिए रजिस्ट्रार है।

निवेशक इस आईपीओ में कम से कम 110 शेयरों और उसके मल्टीपल में बोली लगा सकते हैं। इस हिसाब से रिटेल निवेशकों को कम से कम 14960 रुपये का निवेश करना होगा। सब्सक्रिप्शन के बाद 6 जून को शेयरों का अलॉटमेंट होने की उम्मीद है। रिफंड की प्रक्रिया 7 जून से शुरू हो जाएगी। NSE और BSE पर लिस्टिंग के लिए संभावित तारीख 10 जून है।

Kronox Lab Sciences के बारे में

गुजरात स्थित यह कंपनी फार्मास्यूटिकल, एग्रोकेमिकल, पर्सनल केयर, मेटल रिफाइनरी और एनिमल हेल्थ प्रोडक्ट्स जैसे डायवर्सिफाइड एंड यूजर्स इंडस्ट्रीज के लिए हाई प्योरिटी वाले स्पेशियलिटी फाइन केमिकल बनाती है। यह फॉस्फेट, सल्फेट, एसीटेट, क्लोराइड, साइट्रेट, नाइट्रेट्स, नाइट्राइट्स, कार्बोनेट, EDTA डेरिवेटिव्स, हाइड्रॉक्साइड, सक्सिनेट और ग्लूकोनेट सहित 185 से अधिक प्रोडक्ट ऑफर करती है, जो भारत और वैश्विक स्तर पर 20 से अधिक देशों में कस्टमर्स को सप्लाई किए जाते हैं।



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Crypto Price: क्रिप्टो मार्केट में रौनक, BitCoin की बढ़ी चमक, Ethereum में 1% से अधिक उछाल

Crypto Price: क्रिप्टो मार्केट में आज रौनक छाई हुई है। मार्केट कैप के हिसाब से टॉप-10 के सिर्फ दो क्रिप्टो में ही मामूली तेजी है। सबसे बड़े क्रिप्टो बिटक्वॉइन (BitCoin) की बात करें तो इसकी चमक करीब ढाई फीसदी बढ़ी है और क्रिप्टो मार्केट में दबदबा भी बढ़ा है। एक बिटकॉइन अभी 2.48 फीसदी की तेजी के साथ 69,162.90 डॉलर (57.51 लाख रुपये) के भाव (BitCoin Price) में मिल रहा है। वहीं दूसरे सबसे बड़े क्रिप्टो एथेरियम (Ethereum) की चमक एक फीसदी से अधिक बढ़ी है। पूरे क्रिप्टो मार्केट की बात करें तो पिछले 24 घंटे में वैश्विक मार्केट कैप में 1.81% की तेजी आई है और यह 2.57 लाख करोड़ डॉलर (213.68 लाख करोड़ रुपये) पर पहुंच गया है।

क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन में उछाल

पिछले 24 घंटे में क्रिप्टो के लेन-देन में तेजी आई है। कॉइनमार्केटकैप पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक एक दिन में 7456 करोड़ डॉलर (6.20 लाख करोड़ रुपये) क्रिप्टो का लेन-देन हुआ जो पिछले दिन की तुलना में 54.24% अधिक रहा। पिछले 24 घंटे में क्रिप्टो मार्केट में BitCoin की स्थिति 0.24 फीसदी मजबूत हुई है और क्रिप्टो बाजार में इसकी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी है।

टॉप-10 क्रिप्टो में वीकली मिला-जुला रुझान

अब वीकली बात करें तो टॉप-10 क्रिप्टो में मिला-जुला रुझान है। एक हफ्ते में डॉगक्वॉइन 3 फीसदी से अधिक, एथेरियम 2 फीसदी से अधिक, एक्सआरपी और कार्डानो डेढ़-डेढ़ फीसदी से अधिक और सोलाना एक फीसदी से अधिक टूटा है। वहीं दूसरी तरफ सात दिनों में बीएनबी 4 फीसदी से अधिक और टॉनक्वॉइन ढाई फीसदी से अधिक मजबूत हुआ है। बिटक्वॉइन एक हफ्ते में करीब एक फीसदी उछला है तो टेथर और यूएसडी क्वॉइन में मामूली तेजी है।

टॉप 10 क्रिप्टोकरेंसीज में रूझान

क्रिप्टो मौजूदा भाव  24 घंटे में उतार-चढ़ाव
बिटक्वॉइन (BitCoin) 69,162.90 डॉलर 2.48%
एथेरियम (Ethereum) 3,814.55 डॉलर 1.01%
टेथर (Tether) 0.9999 डॉलर 0.06%
बीएनबी (BNB) 629.79 डॉलर 5.43%
सोलाना (Solana) 165.07 डॉलर 0.52%
यूएसडी क्वॉइन (USD Coin) 1.0 डॉलर 0.02%
एक्सआरपी (XRP) 0.5198 डॉलर 1.16%
डॉगक्वॉइन (DogeCoin) 0.1625 डॉलर 3.08%
कार्डानो (Cardano) 0.4534 डॉलर 0.97%
टॉनक्वॉइन (TonCoin) 6.61 डॉलर 3.24%

सोर्स: कॉइनमार्केटकैप, भाव खबर लिखे जाने के समय



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इन सेक्टर की कंपनियों पर नहीं पड़ता लोकसभा चुनावों के नतीजों का ज्यादा असर

लोकसभा चुनाव न सिर्फ नई सरकार तय करने का काम करते हैं बल्कि ये स्टॉक मार्केट्स की दिशा का भी निर्धारण करते हैं। इसलिए चुनावों के नतीजों से पहले स्टॉक मार्केट्स में काफी उतारचढ़ाव देखने को मिलता है। कुछ सेक्टर पर चुनावों का ज्यादा असर दिखता है। कुछ ऐसे भी सेक्टर हैं, जिन पर चुनावों के नतीजों का ज्यादा असर नहीं दिखता है। किसी भी पार्टी की सरकार आए उनका प्रदर्शन एक जैसा बना रहता है। मनीकंट्रोल आपको कुछ ऐसे सेक्टर्स के बारे में बता रहा है, जिन पर चुनावी नतीजों का आम तौर पर कम असर देखने को मिलता है।

ऑटो सेक्टर की तेज रफ्तार बनी रहेगी

ऑटो (Auto Sector) ऐसा सेक्टर है, जिस पर चुनावी नतीजों का असर कम पड़ता है। इस सेक्टर की कंपनियों पर इकोनॉमी की स्थिति सहित दूसरे फैक्टर्स का ज्यादा असर पड़ता है। Aequitas Investments के एमडी एवं सीआईओ सिद्धार्थ भैया ने कहा कि सरकार की पॉलिसी, टैक्सेशन और मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रोत्साहन का असर ऑटो इंडस्ट्री पर पड़ता है लेकिन इससे ज्यादा असर लोगों की इनकम की ग्रोथ, शहरीकरण, फ्यूल प्राइसेज और रोजगार के मौकों पर पड़ता है। यही वजह है कि इस सेक्टर की दिग्गज कंपनियों में बड़ी संख्या में म्यूचुअल फंड की स्कीमों का निवेश है। मारुति सुजुकी के स्टॉक्स में 277 स्कीमों ने निवेश किया है। Tata Motors में 212 स्कीमों ने निवेश किया है। Mahindra & Mahindra के स्टॉक्स में 197 स्कीमों ने निवेश किया है।

पावर सेक्टर की पावर कम नहीं होने वाली

पावर ऐसा सेक्टर है, जो सीधे तौर से लोगों की बुनियादी जरूरतों से जुड़ा है। देश में पावर की मांग लगातार बढ़ रही है। सरकार का फोकस रिन्यूएबल एनर्जी पर बढ़ा है। दुनियाभर में ऐसा हो रहा है। इसलिए लोकसभा चुनावों के नतीजे चाहे जो आए, पावर सेक्टर की चमक कम नहीं होने वाली है। यही वजह है कि NTPC के स्टॉक्स में 310 स्कीमों का निवेश है। पावर ग्रिड के शेयर में म्यूचुअल फंड्स की 155 स्कीमों ने पैसे लगाए हैं। टाटा पावर में 85 स्कीमों का निवेश है।

कंज्यूमर गुड्स में हमेशा रहती है स्ट्रॉन्ग डिमांड

कंज्यूमर गुड्स सेक्टर को डिफेंसिव सेक्टर माना जाता है। इस पर चुनावी नतीजों का ज्यादा असर नहीं पड़ता है। इसकी वजह यह है कि इस सेक्टर की कंपनियों के प्रोडक्ट्स लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होते हैं। हालांकि, पिछले कुछ समय से इस सेक्टर पर इनफ्लेशन का असर दिखा है, लेकिन इसमें सरकार की पॉलिसी का हाथ नहीं है। Nestle के स्टॉक्स में 107 स्कीमों ने निवेश किया है। वरूण बेवरेजेज के शेयर में भी 107 स्कीमों का निवेश है। जुबिलेंट फूडवर्क्स के स्टॉक में 87 स्कीमों का निवेश है।

इंश्योरेंस सेक्टर पर चुनावी नतीजों का असर नहीं

इंश्योरेंस ऐसा सेक्टर है, जिस पर चुनावी नतीजों का असर नहीं पड़ता है। हालांकि, अभी ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियों की वैल्यूएशन ज्यादा है। लेकिन, इन कंपनियों की ग्रोथ के लिए जबर्दस्त संभावनाएं मौजूद हैं। इसकी वजह यह है कि अभी आबादा के बड़ी हिस्से की पहुंच इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स तक नहीं है। यही वजह है कि इंश्योरेंस कंपनियों के स्टॉक्स में म्यूचुअल फंड की स्कीमों ने बहुत निवेश किया है। एसबीआई लाइफ में 173 स्कीमों का निवेश है। Max Financial Services का स्टॉक 130 स्कीमों की पोर्टफोलियो में शामिल है।

यह भी पढ़ें: Market रिकॉर्ड ऊंचाई पर होने के बाद भी इनवेस्ट करने से नहीं डरें, दिग्गज निवेशक मधुसूदन केला ने दी सलाह 

फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स स्टॉक्स में हरियाली

इस सेक्टर की कंपनियों का संबंध कृषि क्षेत्र से है, जिस पर आज भी आबादी का बड़ा हिस्सा निर्भर है। सरकारी किसी की भी रहे इस सेक्टर की कंपनियों के प्रोडक्ट्स की मांग हमेशा स्ट्रॉन्ग रहती है। कोरोमंडल इंटरनेशनल में 69 स्कीमों का निवेश है। पारादीप फास्फेट्स के स्टॉक्स में 16 स्कीमों का पैसा लगा है।



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Swiggy के लिए IPO से पहले अच्छी खबर, इस अमेरिकी निवेशक ने बढ़ाकर 15.1 अरब डॉलर की कंपनी की मार्केट वैल्यू

Swiggy IPO: इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाने की तैयारी में जुटी ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी, स्विगी (Swiggy) के लिए एक अच्छी खबर है। अमेरिकी इनवेस्टमेंट फर्म, बैरन (Baron) ने स्विगी की मार्केट वैल्यूएशन को करीब 24 प्रतिशत बढ़ाकर 15.1 अरब डॉलर (करीब 1.25 लाख करोड़) कर दिया है। कंपनी ने अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंजों को भेजे एक डॉक्यूमेंट्स में यह जानकारी दी। बैरन ने इससे पहले स्विगी की मार्केट वैल्यू 12.2 अरब डॉलर आंकी थी। यह बढ़ोतरी बताता है कि स्विगी के निवेशक उसकी प्रतिद्वंदी कंपनी जोमैटो (Zomato) को ध्यान में रखते हुए इसकी मार्केट वैल्यू भी बढ़ा रहे हैं।

वैसे भी निवेशक आमतौर पर अनलिस्टेड कंपनियों का मार्केट वैल्यूएशन करते समय उसकी राइवल लिस्टेड कंपनियों के मार्केट वैल्यू पर विचार करते हैं। स्विगी के मामले में भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है। 15.1 अरब डॉलर के वैल्यूएशन ने स्विगी को जोमैटो के करीब लाकर खड़ा कर दिया है।

जोमैटो के शेयरों में इस साल अबतक शानदार तेजी देखी गई है। जनवरी में इसके शेयरों का भाव 200 रुपये के करीब पहुंच गया था, जो अब तक का इसका सबसे ऊंचा स्तर है। पिछले छह महीनों में जोमैटो के शेयरों में 50 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई और इसका मार्केट वैल्यूएशन लगभग 19 अरब डॉलर है। अप्रैल में यह 20 अरब डॉलर को भी पार कर गया था।

यह खबर ऐसे समय में आई है, जब स्विगी अपना इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाने की तैयारी में जुटी हुई है। मार्केट वैल्यू में बढ़ोतरी स्विगी के प्रति निवेशकों के सेंटीमेंट को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

स्विगी ने अप्रैल में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास अपने IPO डॉक्यूमेंट्स जमा किए थे। मनीकंट्रोल ने इस बार में सबसे पहले खबर दी थी। कंपनी को उसके शेयरधारकों से 1.25 अरब डॉलर का IPO लाने की मंजूरी मिली है।

बेंगलुरु मुख्यालय वाली कंपनी ने बताया कि वह वह नए इश्यू के जरिए 3,750 करोड़ रुपये (करीब 45 करोड़ डॉलर) और ऑफर-फॉर-सेल (OFS) के जरिए 6,664 करोड़ रुपये (करीब 80 करोड़ डॉलर) जुटाने की योजना बना रही है। इसके अलावा स्विगी ने आईपीओ से पहले एंकर निवेशकों से करीब 750 करोड़ रुपये जुटाने की भी योजना बनाई है।

यह भी पढ़ें- शेयर बाजार में 3 साल की सबसे बड़ी तेजी, एग्जिट पोल के बाद निवेशकों ने ₹14 लाख करोड़ कमाए



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Sunday, June 2, 2024

Exit Polls: एग्जिट पोल पर बिफरा विपक्ष, राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

Exit Polls 2024: कांग्रेस ने एग्जिट पोल (चुनाव बाद सर्वेक्षण) को रविवार (2 जून) को फर्जी बताते हुए कहा कि यह चुनावों में धांधली को सही ठहराने के लिए जानबूझकर किया गया प्रयास बताया। साथ ही कहा कि I.N.D.I.A. गठबंधन के कार्यकर्ताओं का मनोबल कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खेले जा रहे मनोवैज्ञानिक खेल का हिस्सा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एग्जिट पोल को 'मोदी मीडिया पोल' बताया।

पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पार्टी के लोकसभा सांसदों के साथ एक बैठक के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के मुख्यालय में पत्रकारों से कहा, "इसे एग्जिट पोल नहीं कहा जाता बल्कि इसका नाम 'मोदी मीडिया पोल' है। यह मोदी जी का पोल है, यह उनका काल्पनिक पोल है।" यह पूछने पर कि I.N.D.I.A. गठबंधन को कितनी सीट मिलेंगी, इस पर गांधी ने कहा, "आपने सिद्धू मूसेवाला का '295' गीत सुना है? इसलिए 295 सीट...।"

जयराम रमेश का पीएम पर निशाना

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने नई सरकार के 100 दिवसीय एजेंडे की समीक्षा करने के लिए एक लंबा विचार-मंथन सत्र आयोजित करने समेत कई बैठकों के लिए भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह नौकरशाही तथा प्रशासनिक तंत्र को एक संकेत भेजने के लिए दबाव बनाने का तरीका है कि वह सत्ता में लौट रहे हैं।

रमेश ने पीटीआई से कहा, "यह सब दिमाग का खेल है। मैं लौट रहा हूं, मैं फिर से प्रधानमंत्री बनने जा रहा हूं। वह नौकरशाही, देश के प्रशासनिक तंत्र को एक संकेत भेज रहे हैं और हम उम्मीद करते हैं कि निष्पक्ष मतगणना की जिम्मेदारी संभालने वाले लोक सेवक दबाव बनाने के इन हथकंड़ों से डरेंगे नहीं।"

उन्होंने कहा कि शनिवार शाम को आया एग्जिट पोल पूरी तरह फर्जी है और उस व्यक्ति द्वारा गढ़ा गया है जिसका चार जून को सत्ता से बाहर होना तय है। कांग्रेस नेता ने कहा, "यह निवर्तमान प्रधानमंत्री (PM मोदी) और निवर्तमान गृह मंत्री (अमित शाह) द्वारा खेले जा रहे मनोवैज्ञानिक खेल का हिस्सा है। निवर्तमान गृह मंत्री ने कल 150 जिला मजिस्ट्रेट और जिलाधिकारियों से बात की। एग्जिट पोल के जो नतीजे हैं उनका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है।"

एग्जिट पोल में शनिवार को अनुमान जताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटेंगे और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को लोकसभा चुनावों में भारी बहुमत से जीत मिल सकती है। एग्जिट पोल की आलोचना करते हुए रमेश ने कहा कि कुछ राज्यों में NDA को उस राज्य में उपलब्ध सीटों की संख्या से अधिक सीट दी गई है।

सर्वे को 'राजनीतिक एग्जिट पोल' बताया

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ये राजनीतिक एग्जिट पोल हैं न कि पेशेवर तरीके से किए एग्जिट पोल हैं। रमेश ने कहा कि कांग्रेस कोषाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता अजय माकन ने उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को सहायक निर्वाचन अधिकारी के पास बैठने की अनुमति न दिए जाने का मुद्दा उठाया है।

रमेश ने कहा, "उन्होंने (माकन) यह मुद्दा उठाया है, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से कुछ प्रतिक्रिया मिली है लेकिन मामले की सच्चाई यह है कि उन्होंने (माकन) उम्मीदवारों द्वारा जतायी वैध आशंकाओं के आधार पर यह मुद्दा उठाया है। हमने डाक मतपत्रों की गिनती और निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली को बदलने के प्रयास का मुद्दा उठाया है।"

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग के समक्ष ऐसे सभी मुद्दे उठाए हैं और पिछले 77 दिन में उसने 117 शिकायतें दर्ज कराई है जिनमें से 14 प्रधानमंत्री के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, "निर्वाचन आयोग की ओर से कोई विश्वसनीय कार्रवाई नहीं की गयी है। यह एक संवैधानिक निकाय है और हम उससे निष्पक्ष, पेशेवर तरीके से काम करने की उम्मीद करते हैं।"

कांग्रेस महासचिव ने कहा, "हमने डाक मतपत्र मुद्दे पर निर्वाचन आयोग से मिलने का वक्त मांगा है। हम उम्मीद करते हैं कि हमें निर्वाचन आयोग से वक्त मिलेगा जिसे सभी राजनीतिक दलों के लिए उपलब्ध रहना चाहिए और सत्तारूढ़ पार्टी की एक विस्तारित शाखा के रूप में काम नहीं करना चाहिए।" बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना 4 जून को होगी।

अखिलेश ने भी उठाए सवाल

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल को 'भाजपाई एग्जिट पोल' करार देते हुए रविवार को कहा कि घपला करने की गुंजाइश बनाने के लिए की गई इस कवायद के जरिए जनमत को धोखा दिया जा रहा है।

यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर की गई टिप्पणी में कहा, "एक्जिट पोल की क्रोनोलॉजी समझिए। विपक्ष ने पहले ही घोषित कर दिया था कि भाजपाई मीडिया भाजपा को 300 पार दिखाएगा, जिससे घपला करने की गुंजाइश बन सके। आज का ये भाजपाई एक्ज़िट पोल कई महीने पहले ही तैयार कर लिया गया था बस चैनलों ने चलाया आज है। इस एक्जिट पोल के माध्यम से जनमत को धोखा दिया जा रहा है।"

ये भी पढ़ें- Exit Poll 2024: पीएम मोदी का जलवा बरकरार, एग्जिट पोल में 400 के करीब पहुंचा NDA

उन्होंने आगे लिखा, "इस एक्ज़िट पोल को आधार बनाकर भाजपाई सोमवार को खुलनेवाले शेयर बाजार से जाते-जाते लाभ उठाना चाहते हैं। अगर ये एक्ज़िट पोल झूठे न होते और सच में भाजपा हार न रही होती तो भाजपावाले अपनों पर ही इल्ज़ाम न लगाते। भाजपाइयों के मुरझाए चेहरे सारी सच्चाई बयान कर रहे हैं।"

सपा प्रमुख ने आरोप लगाया, "भाजपाई ये समझ रहे हैं कि पूरे देश का परिणाम चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव की तरह बदला नहीं जा सकता है क्योंकि इस बार विपक्ष पूरी तरह से सजग है और जनाक्रोश भी चरम पर है। भाजपा से मिले हुए भ्रष्ट अधिकारी भी सर्वोच्च न्यायालय की सक्रियता देखकर धांधली करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं, साथ ही वो जनता के क्रोध का भी शिकार नहीं होना चाहते हैं।"

उन्होंने कहा, "इंडिया गठबंधन के सभी कार्यकर्ता, पदाधिकारी और प्रत्याशी ईवीएम की निगरानी में एक प्रतिशत भी चूक न करें। इंडिया गठबंधन जीत रहा है। इसीलिए चौकन्ने रहकर मतगणना कराएं और जीत का प्रमाणपत्र लेकर ही विजय का उत्सव मनाएं।"



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Dalal Street Week Ahead: लोकसभा चुनाव के नतीजों का क्या होगा असर? RBI पॉलिसी समेत इन फैक्टर्स से तय होगी बाजार की चाल

शेयर बाजार की दिशा इस हफ्ते आम चुनावों के नतीजों और ब्याज दर को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्णय से तय होगी। एनालिस्ट्स ने यह राय जताई है। बीते सप्ताह BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,449 अंक या 1.92 फीसदी टूटा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 426.4 अंक या 1.85 फीसदी की गिरावट आई। सेंसेक्स 27 मई को 76009.68 अंक के ऑल टाइम हाई पर पहुंचा था। उसी दिन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 23,110.80 अंक के अपने रिकॉर्ड हाई पर गया था। अंतिम चरण के चुनाव के बाद एग्जिट पोल के रूझान सामने आ गए हैं।

ज्यादातर एग्जिट पोल में भाजपा की अगुवाई वाली NDA को बड़ी जीत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, मतगणना चार जून को होगी। यहां हमने उन अहम फैक्टर्स के बारे में बताया है, जो इस हफ्ते बाजार को प्रभावित कर सकते हैं।

लोकसभा चुनाव परिणाम

मजबूत एग्जिट पोल के बाद सभी की निगाहें 4 जून को आने वाले एक्चुअल चुनाव नतीजों पर रहेंगी। मार्केट एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि फाइनल रिजल्ट भी एग्जिट पोल के आसपास होंगे। 4 जून के बाद बाजार अगले पांच सालों के लिए सरकार के रोडमैप पर फोकस करना शुरू कर देगा। मतदान के बाद मतदान केंद्रों से बाहर निकलने वाले लोगों के सर्वे में कई एजेंसियों ने संकेत दिया कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 2024 के लोकसभा चुनाव में 350 से अधिक सीटें मिलने की संभावना है और कुछ एजेंसियों ने एनडीए के लिए 400 से अधिक सीटें भी बताई हैं, जिसमें नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे।

RBI पॉलिसी

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा कि चुनाव नतीजों के अलावा बाजार के लिए एक अन्य अहम घटनाक्रम भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक है। MPC की बैठक के नतीजे सात जून को आएंगे। अधिकांश एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि पॉलिसी रेट्स में कोई बदलाव नहीं होगा और मुख्य रूप से RBI गवर्नर की टिप्पणी पर फोकस होगा।

बार्कलेज की रीजनल इकोनॉमिस्ट श्रेया सोधानी ने कहा, "वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में जीडीपी का आंकड़ा 7.8 फीसदी (अनुमान 7 फीसदी के मुकाबले) रहा, जो बताता है कि विकास दर आरबीआई की उम्मीद से अधिक तेजी से बढ़ रही है, जिसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक को दरों में कटौती करने की कोई जल्दी नहीं होनी चाहिए, जबकि एमपीसी हेडलाइन मुद्रास्फीति पर राहत का इंतजार कर रही है। हमारे विचार से एमपीसी 7 जून को अपनी बैठक में पॉलिसी मिक्स को में बदलाव नहीं करने के लिए 5-1 से मतदान करेगी।"

डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा

इस हफ्ते मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज पीएमआई के मई के आंकड़े भी आने हैं। मई महीने के लिए HSBC मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज पीएमआई आंकड़े 3 जून और 5 जून को जारी किए जाएंगे। अधिकांश एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि दोनों आंकड़े अप्रैल में दर्ज किए गए 58.8 और 60.8 की पिछली संख्या से अधिक होंगे। इसके अलावा, 31 मई को समाप्त हफ्ते के लिए फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व भी आने वाले हफ्ते में 7 जून को जारी किया जाएगा।

ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा

ग्लोबल लेवल पर अगले हफ्ते बाजार का मेन उोरल बेरोजगारी दर, गैर-फार्म-पेरोल, JOLTs की नौकरियों के खुलने और छोड़ने और संयुक्त राज्य अमेरिका से नौकरियों में कटौती पर रहेगा। ये डेटा बिंदु विशेष रूप से अगले हफ्ते 12 जून को तय FOMC बैठक से पहले अहम हैं। इसके अलावा, अमेरिका, चीन, जापान और यूरो एरिया सहित कई देशों द्वारा मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज PMI आंकड़े, जो 3 जून और 5 जून को आने वाले हैं, पर भी नज़र रखी जाएगी।

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FII फ्लो

फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की एक्टिविटी भी आगे देखने के लिए एक अहम फैक्टर होगी। अधिकांश एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि पिछले कुछ महीनों में उनके अहम आउटफ्लो के बाद FII वापस आएंगे। भारत में संभावित राजनीतिक स्थिरता, मजबूत आर्थिक विकास और मैनेजेबल इन्फ्लेशन का हवाला देते हुए खरीदारी हो सकती है। FII ने मई में कैश सेगमेंट में 42,214 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री की है, जो जून 2022 के बाद से सबसे अधिक मासिक बिक्री है, जिसका कारण चीनी शेयरों में उनकी खरीद और यूएस बॉन्ड यील्ड (4.5 प्रतिशत पर कारोबार) में उछाल है।

हालांकि, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स ने उसी महीने 55,733 करोड़ रुपये के शेयर खरीदकर FII के आउटफ्लो की पूरी भरपाई की, जो वास्तव में बाजार के लिए एक प्रमुख सपोर्टिंग फैक्टर के रूप में काम कर रहा है। विजयकुमार ने कहा कि अगर चुनाव परिणाम राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करते हैं, तो ऐसी स्थिति में FPI के भी खरीदार बनने की संभावना है।

IPO

प्राइमरी मार्केट में निवेशकों को आने वाले हफ्ते में तीन नए पब्लिक इश्यू देखने को मिलेंगे। मेनबोर्ड सेगमेंट से 130 करोड़ रुपये का क्रोनॉक्स लैब साइंसेज आईपीओ 3 जून को खुलेगा। अन्य दो आईपीओ ​​मैजेंटा लाइफकेयर और सैट्रिक्स इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी एसएमई सेगमेंट से होंगे। ये दोनों 5 जून को खुलेंगे। SME सेगमेंट में आगे एमट्रॉन इलेक्ट्रॉनिक्स और एसोसिएटेड कोटर्स 3 जून को अपने आईपीओ बंद करेंगे, और टीबीआई कॉर्न आईपीओ का क्लोजिंग 4 जून को होगा।

लिस्टिंग की बात करें तो विलास ट्रांसकोर 3 जून को शुरूआत करेगा, जबकि बीकन ट्रस्टीशिप और जेडटेक इंडिया आईपीओ के शेयरों में ट्रेडिंग 4 जून से शुरू होगी। इसके अलावा, एसोसिएटेड कोटर्स और एमट्रॉन इलेक्ट्रॉनिक्स 6 जून को और टीबीआई कॉर्न 7 जून को अपने शेयर लिस्ट करेंगे।

कॉर्पोरेट एक्शन

आने वाले सप्ताह में होने वाली प्रमुख कॉर्पोरेट एक्शन इस प्रकार हैं

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(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।)



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