Monday, December 29, 2025

गोल्ड, सिल्वर और कॉपर में 29 दिसंबर को भारी गिरावट, इन 4 वजहों से रिकॉर्ड ऊंचाई से फिसली कीमतें

गोल्ड, सिल्वर और कॉपर के लिए 29 दिसंबर का दिन ठीक नहीं रहा। तीनों मेटल्स की कीमतों में सोमवार को बड़ी गिरावट आई। इससे पहले तीनों में जबर्दस्त तेजी देखने को मिली थी। इस गिरावट में जियोपॉलिटिकल टेंशन में कमी और ऊंची कीमतों पर मुनाफावसूली का हाथ है। एक्सपर्ट्स ने कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद कुछ मुनाफावसूली का अनुमान जताया था।

कॉपर 13 फीसदी फिसला

फरवरी एक्सपायरी वाला गोल्ड फ्यूचर्स करीब 2 फीसदी गिरकर 1,37,646 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। अप्रैल और जून एक्सपायरी वाले गोल्ड फ्यूचर्स में भी करीब 2 फीसदी गिरावट आई। मार्च एक्सपायरी वाला सिल्वर फ्यूचर्स 8 फीसदी फिसला। इससे पहले यह 2,32,663 रुपये प्रति किलोग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। जनवरी एक्सपायरी वाला कॉपर फ्यूचर्स 13 फीसदी गिरकर 1,211.05 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया।

मुनाफावसूली ने कीमतों पर बनाया दबाव

जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट (ईबीजी, कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च) प्रणव मेर ने कहा, "टेक्निकल फ्रंट पर 2025 में जबर्दस्त तेजी के बाद हमें 2026 में ऐसी तेजी जारी रहने की उम्मीद नहीं दिखती।" इंटरेस्ट रेट में कमी और ग्लोबल ट्रेड को लेकर टेंशन बढ़ने से मेटल की कीमतों में जबर्दस्त तेजी आई थी। ऐसा लगता है कि इनवेस्टर्स अब ऊंची कीमतों पर मुनाफावसूली कर रहे हैं।

जियोपॉलिटिकल टेंशन में कमी की उम्मीद

अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुलाकात फ्लेरिडा में हुई है। दोनों नेताओं ने कहा है कि रूस के साथ युद्ध खत्म करने को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। इसका असर मेटल्स की कीमतों पर पड़ा है। खासकर सोने को निवेश का सबसे सुरक्षित जरिया माना जाता है। जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने पर सोने की चमक बढ़ जाती है। अब जियोपॉलिटिकल टेंशन में कमी का असर सोना सहित दूसरे मेटल्स की कीमतों पर दिख रहा है।

चीन ने फिजिकल सप्लाई पर लगाई रोक

खबरों के मुताबिक, चीन ने कहा है कि वह 2026 से फिजिकल सप्लाई रोक देगा। फिर कंपनियों को एक्सपोर्ट लाइसेंस के लिए अप्लाई करना पड़ेगा। यह पॉलिसी 2027 तक जारी रहेगी। इस खबर पर दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलॉन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा है, "यह अच्छा नहीं है। सिल्वर का इस्तेमाल कई इंडस्ट्रीज में उत्पादन के लिए होता है।" मोतीलाल ओसवाल ने कहा है कि चीन के इस फैसले का असर ग्लोबल मार्केट्स में फिजिकल मेटल की उपलब्धता पर पड़ेगा।

यह भी पढ़ें: Income tax return: अगर 31 दिसंबर तक बिलेटेड और रिवाइज्ड रिटर्न फाइल नहीं किया तो क्या होगा?

सीएमई ग्रुप ने मार्जिन बढ़ाया 

अमेरिका के सीएमई ग्रुप के 26 दिसंबर को नए नियमों के ऐलान का असर भी चांदी की कीमतों पर पड़ा है। CME, COMEX, CBOT और NYMEX जैसे बड़े डेरिवेटिव एक्सचेंज को ऑपरेट करने वाले सीएमई ग्रुप ने मार्च 2026 सिल्वर डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स पर 25,000 डॉलर का शुरुआती मार्जिन लगा दिया है। पहले यह 20,000 डॉलर था। इसका मतलब है कि ऐसे इनवेस्टर्स जिनके अमाउंट में इतना अमाउंट नहीं होगा, उनकी पोजिशन लिक्विडिट हो जाएगी। इसका असर भी चांदी की कीमतों पर पड़ा है।



from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/7YFmoUq
via

No comments:

Post a Comment