कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने निवेशकों को एक वन टाइम स्पेशल विंडो की सुविधा दी है। इस विंडो की मदद से निवेशक 1 अप्रैल, 2019 से पहले डाली गईं ऐसी फिजिकल शेयर ट्रांसफर रिक्वेस्ट्स को दोबारा फाइल कर सकते हैं, जो खामियों के कारण या तो खारिज कर दी गईं या फिर वापस कर दी गईं। यह सुविधा 6 महीने के लिए है। यह 7 जुलाई 2025 से 6 जनवरी, 2026 तक उपलब्ध रहेगी।
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) निवेश को आसान बनाने और निवेशकों के अधिकारों की रक्षा करने की कोशिश में जुटा हुआ है। फिजिकल फॉर्म में शेयरों के ट्रांसफर को 1 अप्रैल, 2019 से बंद कर दिया गया था। इस विंडो में फाइल की गईं ट्रांसफर रिक्वेस्ट्स को केवल डीमैटरियलाइज्ड फॉर्म में प्रोसेस किया जाएगा और इस दौरान उचित प्रक्रिया का पालन होगा।
कंपनियों और RTAs को करना होगा प्रचार
कंपनियों और शेयर ट्रांसफर एजेंट्स (RTAs) को विंडो के दौरान हर दो महीने में प्रिंट और सोशल मीडिया के जरिए विंडो का प्रचार करने के लिए कहा गया है। उन्हें ऐसे मामलों को संभालने के लिए डेडिकेटेड टीम्स को लगाने और प्राप्त, प्रोसेस्ड और अप्रूव्ड रिक्वेस्ट्स की संख्या के बारे में SEBI को मंथली रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश है। इसके साथ ही किसी रिक्वेस्ट के रिजेक्शन के कारणों और एवरेज प्रोसेसिंग टाइम के बारे में भी उन्हें SEBI को बताना होगा।
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इससे पहले भी ऐसी विंडो ला चुका है SEBI
इससे पहले SEBI ने निवेशकों को ऐसी ट्रांसफर डीड्स को फिर से जमा करने की सुविधा दी थी, जिन्हें कट ऑफ डेट से पहले जमा तो किया गया लेकिन डॉक्युमेंटेशन इश्यूज के कारण खारिज कर दिया गया। SEBI ने इस सुविधा की डेडलाइन 31 मार्च, 2021 तय की थी। हालांकि, कई निवेशक इस डेडलाइन के अंदर अप्लाई नहीं कर सके थे। निवेशकों, रजिस्ट्रार, शेयर ट्रांसफर एजेंट्स (RTAs) और लिस्टेड कंपनियों के रिप्रेजेंटेशंस के आधार पर विशेषज्ञों की एक समिति ने इस मामले का रिव्यू किया था। समिति में लीगल प्रोफेशनल्स, RTAs, और कंपनी के प्रतिनिधि शामिल थे। इसके बाद विशेषज्ञ समिति ने ऐसे निवेशकों के लिए फिजिकल फॉर्म में शेयरों के ट्रांसफर का एक और मौका दिए जाने की सिफारिश की थी।
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