Thursday, April 3, 2025

Waqf Amendment Bill: हाशिए पर गई मुस्लिम महिलाओं को मुख्यधारा में लाएगा वक्फ बिल, जानें- कैसे होगा महिला सशक्तिकरण

Waqf Amendment Bill: राज्यसभा में बीजेपी के एक सदस्य ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां फैलाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस बिल के प्रावधानों से देश के गरीब, पसमांदा मुसलमानों और महिलाओं की स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी। भारतीय जनता पार्टी के सांसद डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा कि आज का दिन गरीब, पसमांदा मुसलमान भाइयों, विधवा एवं तलाकशुदा बहनों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है जो क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया गया है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज ने तमाम बदलाव किए गए हैं। लेकिन मुसलमान समाज में सुधार के लिए कोई कानून संसद में नहीं लाया गया।

दरअसल, पीढ़ियों से वक्फ सामाजिक, आर्थिक सहायता, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आजीविका के फाइनेंसिंग का स्तंभ रहा है। फिर भी, यह महिलाओं की उपेक्षा करते आए हैं। इसके कारण उन्हें संसाधनों और निर्णय लेने तक सीमित पहुंच मिल सकी है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 इसे बदलने का प्रयास करता है। यह विधेयक निष्पक्षता और समावेशन पर ध्यान केंद्रित करते हुए मुस्लिम महिलाओं को विरासत में उनके उचित हिस्से को सुरक्षित करने की पेशकश करता है।

महिलाओं के लिए क्या होगा फायदा?

वक्फ संशोधन बिल, 2025 में सबसे महत्वपूर्ण बदलावों में से एक पारिवारिक वक्फ (वक्फ-अलल-औलाद) के अंतर्गत महिलाओं के विरासत के अधिकारों की सुरक्षा है। नए कानून में वक्फ को संपत्ति तभी समर्पित की जा सकती है। जब यह सुनिश्चित हो जाए कि महिला उत्तराधिकारियों को उनके उचित उत्तराधिकार का हिस्सा मिल चुका है। यह प्रावधान उत्तराधिकार कानूनों की अनदेखी से संबंधित लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को सीधे तौर पर हल करता है। इनसे अक्सर महिलाओं को नुकसान होता है। धारा 3A(2) को लागू करके विधेयक यह सुनिश्चित करता है कि वक्फ संपत्तियों के निर्माण से पहले महिलाओं को उनके उचित दावों से वंचित न रखा जाए।

यह विधेयक विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों के लिए वित्तीय सहायता को शामिल करने के लिए वक्फ-अलल-औलाद के दायरे का विस्तार करता है। धारा 3(R)(iv) में प्रावधान है कि वक्फ आय का उपयोग अब इन कमजोर समूहों के रखरखाव और कल्याण के लिए किया जा सकता है। इससे इन जरूरतमंदों के लिए आर्थिक सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता सुनिश्चित होगी। यह प्रावधान महिलाओं के साथ न्याय (जेंडर जस्टिस) के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए इस्लामी कल्याण सिद्धांतों के अनुरूप है।

महिलाएं भी होंगी बोर्ड की सदस्य

इस संशोधन में राज्य वक्फ बोर्ड (धारा 14) और केंद्रीय वक्फ परिषद (धारा 9) में दो मुस्लिम महिला सदस्यों को शामिल किए जाने का प्रावधान बरकरार रखा गया है। यह कदम महिलाओं को वक्फ संसाधनों के वितरण और प्रबंधन को प्रभावित करने वाली निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में अपनी बात रखने की अनुमति देकर उन्हें सशक्त बनाने के लिए किया गया है।

महिलाओं को मिला कानून हथियार

- इसमें मुस्लिम लड़कियों के लिए छात्रवृत्ति का प्रावधान है।

- महिला उद्यमियों के लिए कौशल विकास और माइक्रोफाइनेंस सहायता मिलेगी।

- उत्तराधिकार विवादों और घरेलू हिंसा के मामलों के लिए कानूनी सहायता दी जाएगी।

जेंडर जस्टिस को बढ़ावा

विधेयक में पेश किए गए सुधारों का उद्देश्य वक्फ बोर्ड में मौजूद ऐतिहासिक असमानताओं को दूर करके महिलाओं के साथ न्याय यानी जेंडर जस्टिस को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं में आर्थिक स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करने के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर्स और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की स्थापना को सुगम बनाता है। इन पहलों से महिलाओं को स्वास्थ्य सेवा, उद्यमिता और फैशन डिजाइन सहित विभिन्न क्षेत्रों में कौशल हासिल करने में मदद मिलेगी। इससे उनकी रोजगार क्षमता और आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।

नया विधेयक वक्फ मैनेजमेंट में डिजिटाइजेशन की शुरुआत करता है, जो भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वक्फ रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण बेहतर निगरानी सुनिश्चित करता है। इससे धन का दुरुपयोग होना या लाभार्थियों के स्थान पर अन्य को भेजा जाना मुश्किल हो जाता है। यह बढ़ी हुई पारदर्शिता महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह इस बात की गारंटी देती है कि निर्धारित वित्तीय संसाधन उनके उत्थान के लिए हैं। उनका उपयोग प्रभावी ढंग से किया जाता है।

वक्फ बिल यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि वक्फ समाज कल्याण और न्याय के साधन के रूप में सेवा प्रदान करने के अपने वास्तविक उद्देश्य को पूरा करे। यह उत्तराधिकार के अधिकार को सुरक्षित करेगा। साथ ही विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।

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वहीं, शासन में प्रतिनिधित्व बढ़ाकर और आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देगा। यह विधेयक वक्फ एडमिनिस्ट्रेशनन में दीर्घकालिक महिला-पुरुष समानता की नींव रखता है। जैसे-जैसे ये सुधार आकार लेंगे, वे मुस्लिम महिलाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोलने का वादा करेंगे। यह बिल सुनिश्चित करेंगे कि वक्फ आने वाले वर्षों में उनकी प्रगति और सशक्तिकरण का माध्यम बना रहे।



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