स्टॉक मार्केट में गिरावट पर कुछ हद तक ब्रेक लगा है। लेकिन, अब भी बाजार की दिशा का अंदाजा नहीं लग रहा। ऐसे में निवेशकों को यह समझ नहीं आ रहा कि अभी किस सेक्टर या स्टॉक पर दांव लगाने में फायदा हो सकता है। मनीकंट्रोल ने इस सवाल का जवाब जानने के लिए मोतीलाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अंकित मंधोलिया से बातचीत की। उनसे पूछा कि अभी निवेशकों को किन स्टॉक्स या सेक्टर से दूर रहना चाहिए और किन स्टॉक्स या सेक्टर में निवेश बढ़ाना चाहिए। फाइनेंशियल मार्केट का 20 साल से ज्यादा अनुभव रखने वाले मंधोलिया ने मार्केट को लेकर कई अहम बातें बताईं।
NBFC सेक्टर के लिए मुश्किल कुछ समय तक बनी रहेगी
मंधोलिया का कहना है कि निवेशकों को एनबीएफसी स्टॉक्स (NBFC Stocks) से दूर रहना चाहिए। इसकी वजह यह है कि वैल्यूएशन हाई लेवल से नीचे आई है। लेकिन, अब भी मुश्किल खत्म नहीं हुई है। अगली कुछ तिमाहियों तक एनबीएफसी सेक्टर के लिए मुश्किल बनी रहेगी। एनबीएफसी सेक्टर की वैल्यूएशन में करीब 17 फीसदी गिरावट आई है। अभी NBFC इंडेक्स में दोगुना P/B पर ट्रेडिंग हो रही है, जो इसके 1.8 गुना के लंबी अवधि के हिस्टोरिकल रेंज के करीब है।
इन सेक्टर का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है
उन्होंने कहा कि आईटी, हेल्थकेयर, BFSI, कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी, इंडस्ट्रियल्स और रियल एस्टेट सेक्टर का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद है। जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बन जाने के बाद ग्लोबल ट्रेड में कई तरह के बदलाव हो सकते हैं। यह इंडिया के लिए पॉजिटिव होगा, क्योंकि इससे चाइना प्लस 1 थीम पर फोकस बढ़ेगा। इंडिया कई सेक्टर्स के लिए ग्लोबल डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर जैसे सेक्टर्स शामिल हैं। सरकार PLI स्कीम, मेक इन इंडिया जैसी स्कीमों से मदद उपलब्ध करा रही है। उधर, कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता हासिल करने की सरकार की पॉलिसी और मजबूत घरेलू डिमांड का भी अच्छा असर पड़ता दिख रहा है।
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विदेशी निवेशकों के रुख में आएगा बदलाव
इंडियन मार्केट में विदेशी निवेशकों (FIIs) की बिकवाली के बारे में उन्होंने कहा कि अक्टूबर-नवंबर के दौरान उनकी बिकवाली 1.6 लाख करोड़ रुपये की रही है। इतने कम समय में इतनी ज्यादा बिकवाली विदेशी निवेशकों ने इंडियन मार्केट में पहले कभी नहीं की है। इसकी बड़ी वजह ज्यादा वैल्यूएशन, अर्निंग्स ग्रोथ में सुस्ती और अनिश्चित वैश्विक स्थितियां हैं। इसके अलावा चीन में सरकार की तरफ से राहत पैकेज के ऐलान का असर भी विदेशी निवेशकों पर पड़ा। लेकिन, अब विदेशी निवेशकों के रुख में बदलाव दिख रहा है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में BJP की जीत से रिफॉर्म्स पर सरकार का फोकस बढ़ेगा। इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ेगा।
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