Saturday, November 16, 2024

Maharashtra Chunav 2024: शरद पवार की 'स्टाइल ऑफ पॉलिटिक्स' नहीं समझ पाए कन्हैया, व्यक्तिगत हमलों के फेर में फंसे

महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी में शरद पवार से ज्यादा अनुभवी और दिग्गज नेता शायद ही कोई हो। MVA की घटक तीनों राजनीतिक पार्टियां कोई भी साझा निर्णय सामान्य तौर पर पवार के दिशानिर्देशों पर ही लेती रही हैं। 2019 विधानसभा चुनाव के बाद जीत का सेहरा बांध चुकी बीजेपी के हाथों से मौका छीनकर पवार ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनवा दी थी। पवार MVA के संरक्षक भी हैं। लंबे समय से राजनीति में मौजूद पवार की 'स्टाइल ऑफ पॉलिटिक्स' व्यक्तिगत हमले न करने की रही है। लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार महाराष्ट्र में एक भाषण देते वक्त अपने गठबंधन के शीर्ष नेता की 'स्टाइल ऑफ पॉलिटिक्स' भूल गए।

नागपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने राज्य के पूर्व सीएम और वर्तमान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की पत्नी पर भी निशाना साध दिया। दरअसल हाल ही में देवेंद्र फडणवीस ने कहा था-राज्य में अब 'वोट जिहाद' शुरू हो गया है। अगर वे वोट जिहाद कर रहे हैं, तो हमें 'धर्म-युद्ध' के लिए तैयार रहना चाहिए।

फडणवीस के बयान को लेकर अमृता पर साधा निशाना

कन्हैया कुमार ने फडणवीस के बयान पर हमला करते हुए निशाना अमृता फडणवीस पर साध दिया। कन्हैया कुमार ने कहा-'धर्म बचाना है तो सब मिलकर बचाएंगे। ऐसा तो नहीं होगा न कि हम धर्म बचाएंगे और डिप्टी सीएम की पत्नी इंस्टाग्राम पर रील्स बनाएंगीं।' कन्हैया कुमार इस राजनीतिक हमले में उस लाइन को क्रॉस कर गए थे जो सामान्य तौर पर बड़े नेता अपने बयानों में तोड़ने से बचते हैं। फडणवीस ने भी कन्हैया के बयान उसी भाषा में जवाब दिया। फडणवीस का कहना है कि उनके खिलाफ व्यक्तिगत हमलों का सिलसिला कई वर्षों से चल रहा है और वह जानते हैं कि यह सब किसके इशारे पर हो रहा है।

फडणवीस ने दिया जवाब

फडणवीस ने कहा है-'विपक्ष को पता चल गया है कि इस चुनाव में वे बीजेपी को हरा नहीं पाएगा। कन्हैया कुमार मेरे खिलाफ की गई किसी जांच में कुछ नहीं कर सके, इस वजह से उन्होंने व्यक्तिगत हमले शुरू कर दिए हैं। उनकी ट्रोल आर्मी ने मेरी पत्नी पर इंस्टाग्राम पर रील्स बनाने का आरोप लगाया। जिस तरीके से मेरी पत्नी और उनके बारे में अपमानजनक बातें लिखीं गई हैं, उसे देखकर ट्रोलर्स को शर्म आनी चाहिए। इन लोगों को चूल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए।'

बिना व्यक्तिगत हमले किए शरद पवार ने दिखाई ताकत

कन्हैया कुमार यह बयान देते वक्त इस बात को भूल गए कि जिस MVA के तहत उनकी पार्टी चुनाव लड़ रही है उसके संरक्षक शरद पवार व्यक्तिगत हमले न के बराबर करते हैं। बीते पांच साल में पवार ही वह नेता रहे हैं जिन्होंने अजेय दिखने वाली टॉप बीजेपी लीडरशिप को राजनीतिक गच्चा देकर महाराष्ट्र में एमवीए की सरकार बनवा दी थी। हालांकि 2023 में अजित पवार के नेतृत्व में उनकी पार्टी में भी फूट पड़ गई। लेकिन 83 साल शरद पवार ने लोकसभा चुनाव में नई पार्टी के साथ विपक्ष में सबसे बेहतरीन स्ट्राइक रेट से सीटें जीतीं.

व्यक्तिगत हमलों का जवाब नहीं देते पवार

पवार भी कई व्यक्तिगत हमले हुए हैं लेकिन उन्होंने इसका जवाब अलग तरीके से दिया। वह राजनीति की बारीकियां समझते हैं और कभी महाराष्ट्र में कांग्रेस से कम सीटों पर चुनाव लड़ने वाले पवार इस बार लगभग बराबर सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। यह सबकुछ करते हुए उन्होंने अपने साथियों को भी संदेश दिया है कि राजनीति की लड़ाई व्यक्तिगत हमलों से नहीं जीती जाती।

साबरमती में 'पारिवारिक दंगल'

लोकसभा चुनाव के वक्त महाराष्ट्र की साबरमती सीट पर शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को उतार दिया था। इस मुकाबले में भी शरद पवार की तरफ से कोई व्यक्तिगत हमला नहीं हुआ। कहते हैं कि अपनी राजनीतिक विरासत बचाने के लिए शरद पवार ने इस चुनाव में दरवाजे-दरवाजे जाकर प्रचार किया। जीत भी सुप्रिया सुले की हुई।

हालांकि ऐसा नहीं कि शरद पवार ने अजित पवार को राजनीतिक वॉकओवर दे दिया। अब जबकि विधानसभा चुनाव में अजित पवार बारामती में विधानसभा उम्मीदवार हैं तो शरद पवार ने अजित के भतीजे को चुनावी मैदान में उतार दिया है। पवार ने सारे राजनीतिक कदम उठाए लेकिन व्यक्तिगत हमलों से परहेज किया।

महाराष्ट्र की राजनीति को समझने में गच्चा खा रहे कन्हैया!

महाराष्ट्र की राजनीति का तरीका समझना हो तो कन्हैया एक उदाहरण से समझ सकते हैं। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले का राजनीतिक पदार्पण राज्यसभा चुनाव के जरिए हुआ था। उस वक्त जब शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने शरद पवार को फोन कर कहा था कि 'अगर सुप्रिया चुनाव में खड़ी हो रही है तो मैं शिवसेना का कैंडिडेट वापस ले लेता हूं.' जबकि बाल ठाकरे हमेशा शरद पवार की राजनीति का विरोध करते रहे। महाराष्ट्र की राजनीतिक परिपाटी ऐसी भी है जहां परिवारों की दूसरी तीसरी पीढ़ी पॉलिटिक्स में है और राजनीतिक विरोधों से इतर एक दूसरे के नजदीक भी हैं. ये परिवार आपस में एक-दूसरे पर व्यक्तिगत हमलों से बचते रहे हैं। बड़े नेताओं द्वारा यह नियम फॉलो करने की वजह से व्यक्तिगत हमलों की राजनीति कम होती है।

कन्हैया को एक और सेंटिमेंट समझना चाहिए

लेकिन कन्हैया कुमार इस बात को नहीं समझ पाए हैं। वह एक और बात को शायद नहीं समझ पाए जिसका असर उनके बयान की वजह से हो सकता है। महाराष्ट्र में एंटी-बिहारी राजनीति को सपोर्ट करने वालों का भी एक धड़ा रहा है। यह धड़ा राजनीतिक पार्टियों से जुड़ा रहा है और कभी ये मजबूत होता है और कभी कमजोर। लेकिन सेंटिमेंट बना रहता है। देवेंद्र फडणवीस की पत्नी एक मराठी महिला और कन्हैया कुमार बिहार से ताल्लुक रखते हैं। अगर उनके बयान को इस चश्मे से देखा गया तो भी कांग्रेस को इसका नुकसान ही होगा।

खैर, अब राज्य में वोटिंग का दिन नजदीक आने के साथ राजनीतिक माहौल गर्म हो चुका है। आने वाले दिनों में तीखे जुबानी हमले और तेज हो सकते हैं। देखना होगा कि क्या कन्हैया कुमार के बाद व्यक्तिगत हमलों की भी रफ्तार बढ़ेगी, या फिर विरोध सिर्फ राजनीति तक सीमित रहेगा।

UP उपचुनाव: कौन हैं पूजा पाल, '10 दिन की शादी', 20 साल की पॉलिटिक्स, BSP-SP से लेकर BJP तक 360 डिग्री टर्न



from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/PCRoNTe
via

No comments:

Post a Comment