Wednesday, October 16, 2024

जानना चाहते हैं नौकरी छोड़ने या रिटायरमेंट पर कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी? इस फॉर्मूला से आसानी से कर सकते हैं कैलकुलेशन

प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनों सेक्टर में नौकरी करने वाले लोग ग्रेच्युटी के हकदार होते हैं। एक तरह से यह लंबे समय तक काम करने के एवज में एंप्लॉयर की तरफ से एंप्लॉयी को मिलने वाला रिवॉर्ड है। लेकिन, इसके कुछ नियम और शर्तें हैं। ग्रेच्युटी पर पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 लागू होता है। प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को इस एक्ट के हिसाब से शर्तें पूरी करने वाले एंप्लॉयीज को ग्रेच्युटी का पेमेंट करना पड़ता है। ग्रेच्युटी के तहत मिलने वाला एकमुश्त अमाउंट बहुत काम आता है। रिटायरमेंट की स्थिति में तो इसकी अहमियत और बढ़ जाती है।

ग्रेच्युटी का हकदार होने के लिए क्या है शर्त?

ग्रेच्युटी का हकदार होने के लिए पहली शर्त यह है कि किसी कंपनी में आपकी नौकरी कम से कम पांच साल पूरी होनी चाहिए। इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति नौकरी 5 साल पूरा होने से पहले इस्तीफा दे देता है तो उसे ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी। कई प्राइवेट कंपनियों की कॉस्ट-टू-कंपनी (CTC) में ग्रेच्युटी पेमेंट भी शामिल होता है। लेकिन, यह पैसा एंप्लॉयी को तभी मिलता है, जब उसकी नौकरी कम से कम पांच साल की हो जाती है। इससे पहले नौकरी छोड़ने पर ग्रेच्युटी का पूरा पैसा डूब जाता है।

इन स्थितियों में भी एंप्लॉयी ग्रेच्युटी का हकदार होता है

हालांकि, अगर कंपनी एंप्लॉयी को नौकरी से टर्मिनेट कर देती है और इसकी वजह एंप्लॉयी की कोई गलती नहीं होती है तो वह ग्रेच्युटी पेमेंट का हकदार होता है। इसके अलावा अगर कोई एंप्लॉयी स्वेच्छा से कंपनी से तय समय से पहले रिटायरमेंट ले लेता है तो भी उसे ग्रेच्युटी मिलेगी। एंप्लॉयी के निधन या अपंग होने की स्थिति में भी ग्रेच्युटी अमाउंट का पेमेंट होता है। रिटायरमेंट की स्थिति में कंपनी एंप्लॉयी को ग्रेच्युटी का पूरा पैसा दे देती है।

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ग्रेच्युटी के कैलकुलेशन के लिए क्या है फॉर्मूला?

ग्रेच्युटी अमाउंट के कैलकुलेशन के लिए एक फॉर्मूला है। कोई एंप्लॉयी अगर यह जानना चाहता है कि नौकरी से इस्तीफा देने या रिटायरमेंट पर उसे ग्रेच्युटी का कितना पैसा मिलेगा, तो वह आसानी से इस फॉर्मूला से ग्रेच्युटी अमाउंट का कैलकुलेशन कर सकता है।

ग्रेच्युटी अमाउंट =(15X अंतिम सैलरी X नौकरी के साल)/26

अंतिम सैलरी में बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउन्स (DA) शामिल होता है। अगर किसी एंप्लॉयी ने छह महीने या इससे ज्यादा नौकरी की है तो उसे एक साल काउंट किया जाता है। इसे हम एक उदाहरण की मदद से आसानी से समझ सकते हैं। मान लीजिए सुजाता ने एक आईटी कंपनी में 11 साल 7 महीने नौकरी की है। ऐसी स्थिति में उसकी नौकरी पूरे 12 साल मानी जाएगी। हम सुजाता की अंतिम सैलरी (बेसिक प्लस डीए) 50,000 रुपये मान लेते हैं। ऐसे ग्रेच्युटी के रूप में उन्हें 3,46,153 रुपये (ग्रेच्युटी अमाउंट =(15X50000X12)/26 ) मिलेंगे।



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