इन दिनों भेड़िया पूरे देश में सुर्खियों में छाया हुआ है। इस भेड़िए ने तो उत्तर प्रदेश सरकार को नाको चने चबवा दिए हैं। सरकार के बड़े अधिकारी राजधानी छोडकर बहराइच के गांवों की धूल फांक रहे हैं। वन विभाग की टीमें पकड़ने में लगी हुई हैं। लेकिन इन प्रशासनिक अधिकारियों से कोसों दूर है और रोजाना अपना शिकार बना रहा है। बहराइच में भेड़िए अब तक 10 लोगों को खा चुके हैं। इनको पकड़ने के लिए यूपी सरकार ने ऑपरेशन भेड़िया भी चलाया है। भेड़िया, कुत्ता और सियार एक जैसे एक दिखाई देते हैं। ऐसे में सवाल ये है कि आखिर इनकी पहचान कैसे करें ?
आदमखोर भेड़ियों से गांव के लोगों में दहशत फैल गई है। बहराइच में आदमखोर बन चुके इन भेड़ियों को पकड़ने के लिए 5 वन प्रभागों बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, गोंडा और बाराबंकी की तकरीबन 25 टीमें लगी हुई हैं। इसके बावजूद भेड़िया अपना शिकार कर रहे हैं।
आदमखोर भेड़िया 20 किमी दूर से सूंघ लेता अपना शिकार
वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड के अनुसार, भेड़िए शिकार के मामले में बेहद खूंखार और अजीब होते हैं। वो अपनी भूख मिटाने के लिए एक-एक दिन में 20 से 25 किलोमीटर तक चल लेते हैं। भेड़िए 20 किलोमीटर दूर से ही अपने शिकार की गंध सूंघ लेते हैं। भेड़िए के जबड़े इतने खतरनाक होते हैं कि ये एक बार में शिकार पर हमला करके उसका 9 किलो मांस चबा सकते हैं। उनके कैनाइन दांत इतने खतरनाक होते हैं कि वो शिकार के मांस को फाड़ते हुए उसकी हड्डियों का फौरन पाउडर बना सकते हैं। वैसे तो भेड़िया कुत्तों की तरह दिखाई देने वाला जानवर है। साइंटिफिक रूप से यह कैनिडाई परिवार का सदस्य है। एक जमाने में भेड़िए पूरे यूरेशिया, उत्तरी अफ्रीका और उत्तर अमेरिका में पाए जाते थे। इंसान की आबादी में बढ़ोतरी की वजह से इनका क्षेत्र सिमटता चला गया।
कुत्ते और सियार के बीच भेड़िए की कैसे करें पहचान
भेड़िया को दूर से देखने में यह कुत्ते और सियार की तरह दिखाई देता है। लेकिन इनकी पहचान कुछ खास बातों से की जा सकती है। भेड़िया की लंबाई पूंछ सहित 6 फीट तक हो सकती है। भेड़ियों के थूथन बड़े होते हैं। कान छोटे और अधिक गोल होते हैं। मादा भेड़ियों का वज़न करीब 70-80 पाउंड और नर भेड़ियों का करीब 95-100 पाउंड होता है। भेड़िए अपने साथी को कभी अकेला नहीं छोड़ते हैं। ये झुंड बनाकर रहते हैं। शिकार के दौरान ये कभी भी बुजुर्ग भेड़िए को अपने साथ नहीं रखते हैं।
शेर को छोड़कर शिकार के मामले में सबसे आगे भेड़िया
शिकार के मामले में ये बस इंसान और शेर से ही पीछे हैं। भेड़ियों का शिकार करने का तरीका बेहद सामाजिक होता है। यह अकेले शिकार नहीं करते, बल्कि झुंड बनाकर हिरण-गाय जैसे जानवरों का शिकार करते हैं। भेड़िए की स्पीड वैसे तो 70 किलोमीटर प्रति घंटे तक है। यह 16 फीट तक छलांग लगा सकता है और 20 मिनट तक तेजी से पीछा कर सकता है। भेड़िए का पैर इतना बड़ा और लचीला होता है कि वह हर तरह के ऊबड़-खाबड़ इलाकों में भी आसानी से घूम-फिर सकता है।
कैसे होते हैं सियार?
सियार लोमड़ी की तरह दिखाई दिखाई देता है। यह भारत के जंगलों और गन्ने आदि के खेतों में आमतौर से पाया जाता है। सियार श्वान वंश कैनिस की भेड़िया जैसी विभिन्न मांसाहारी प्रजातियों में से एक। कैनिडी कुल का लकड़बग्घे के समान, डरपोक जानवर के रूप में प्रसिद्ध है। सियार लगभग 85 से 95 सेमी की लंबाई तक बढते हैं। जिसमें उनकी 30-35 सेमी लंबी पूंछ शामिल है। इनका वजन लगभग 7-11 किग्रा होता है। काली पीठ वाले सियार का रंग धूसर लाल और पीठ काली होती है। बगलों में धारी वाले सियार का रंग स्लेटी होता है। इसकी पूंछ की छोर सफ़ेद होती है।
कुत्ता
कुत्ते भेड़ियों के मुकाबले कम डरपोक और अधिक चंचल होते हैं। भेड़ियों की आंखें पीली होती हैं, जबकि कुत्तों की आंखें आमतौर पर भूरी या नीली होती हैं। भेड़ियों को छाती संकरी और टांगें कुत्तों की अपेक्षा लंबी होती हैं। इनसे उन्हें तेज दौड़ने में मदद मिलती है।
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