Thursday, August 15, 2024

क्विक कॉमर्स सेगमेंट में ओला की एंट्री के साथ ही ब्लिनकिट, स्विगी, जेप्टो के लिए बढ़ सकती हैं चुनौतियां

ओला की नजर अब 5 अरब डॉलर के क्विक कॉमर्स मार्केट पर है। कंपनी ने कई ऐसे ऐलान किए हैं, जिसकी वजह से साफ है कि अब उसका मुकाबला क्विक कॉमर्स मार्केट के मौजूदा खिलाड़ियों मसलन ब्लिनकिट, स्विगी, इंस्टामार्ट और जेप्टो के साथ होगा। अपनी नए पेशकश के साथ ओला अब फ्लिपकार्ट मिनट्स (Flipkart Minutes) को भी चुनौती देगी।

ओला क्विक कॉमर्स मार्केट में ओला की एंट्री ऐसे वक्त में हुई है, जब इसका बाजार काफी तेजी से बढ़ रहा है। UBS के एनालिस्ट्स के मुताबिक, यह सेक्टर अब एक तरह से अपनी जबरदस्त उपयोगिता साबित कर चुका है। ब्लिनकिट जैसा बिजनेस जोमैटो की ग्रोथ का अहम हिस्सा बन गया है। पिछले कुछ महीनों में कंपनी के मैनेजमेंट के अलावा एनालिस्ट्स भी कई बार यह बात कह चुके हैं। जेप्टो भी काफी तेजी से आगे बढ़ रही है और उसने 1 अरब डॉलर जुटाने के लिए डील की है।

साढ़े तीन साल पुरानी यह इंडस्ट्री लगातार आगे बढ़ रही है और अपनी क्षमता बेहतर करने के लिए कंपनियां अलग-अलग आइडिया पर काम कर रही हैं। ओला के बॉस भाविश अग्रवाल भी इससे अलग नहीं हैं। ब्लिनकिट, स्विगी, इंस्टामार्ट, जेप्टो जैसी खिलाड़ियों ने जहां डार्क स्टोर में ऑर्डर प्रोसेस करने के लिए स्टाफ की भर्ती की है, वहीं ओला के अग्रवाल की योजना ऑर्डर तैयार करने के लिए रोबोट रखने की है।

अग्रवाल ने ओला 'संकल्प' के मौके पर 15 अगस्त को कहा, ' हमने ऐसी तकनीक बनाई है, जो वेयरहाउसिंग को पूरी तरह से ऑटोमेटेड कर देगा। ये रोबोट थकेंगे नहीं और समय पर डिलीवरी करेंगे। यही डार्क स्टोर का भविष्य है।' डार्क स्टोर आम तौर पर रिहायशी इलाकों के आसपास 2,500-3,500 वर्ग फुट का वेयरहाउस होता है। यह क्विक कॉमर्स का मुख्य सेंटर होता है।

हालांकि, ओला का डार्क स्टोर थोड़ा अलग है। यह कंटेनर होगा और इसका वॉल्यूम काफी ज्यादा रहेगा। इसमें इंसानों के लिए जगह की जरूरत नहीं होगी। अग्रवाल का दावा है कि डार्क स्टोर ऑपरेशंस को ऑटोमैटिक बनाने से ऑर्डर का प्रोसेसिंग टाइम 4 मिनट से घटकर 1 मिनट हो जाएगा।



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