Sunday, July 21, 2024

Budget 2024: NPS, आयुष्मान भारत पर हो सकती हैं घोषणाएं, लेकिन आयकर में राहत की उम्मीद कम

इस हफ्ते पेश होने वाले आम बजट में नई पेंशन प्रणाली और आयुष्मान भारत जैसी सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को लेकर कुछ घोषणाएं हो सकती है। हालांकि, आयकर के मामले में राहत की उम्मीद कम है। यह कहना है अर्थशास्त्रियों का। उनका यह भी कहना है कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए इन्फ्रॉस्ट्रक्चर पर जोर, ग्रामीण और कृषि संबंधी आवंटन बढ़ने और सूक्ष्म और लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाये जाने की संभावना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 के लिए लगातार सातवीं बार और नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली NDA सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट मंगलवार यानी 23 जुलाई को लोकसभा में पेश करेंगीं।

Budget 2024 में NPS और आयुष्मान भारत पर ये है उम्मीदें

बजट में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लेकर उम्मीद के बारे में पूछे जाने पर जाने-माने अर्थशास्त्री और राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (NIPFP) में प्रोफेसर एन आर भानुमूर्ति ने कहा, ‘‘बजट में NPS और आयुष्मान भारत पर कुछ घोषणाओं की उम्मीद है। पेंशन स्कीम को लेकर राज्यों के स्तर पर काफी चर्चा हुई है। केंद्र सरकार ने NPS (नई पेंशन प्रणाली) को लेकर समिति भी गठित की थी। प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत के बारे में कुछ बातें कही हैं। ऐसे में दोनों योजनाओं में कुछ घोषणाओं की उम्मीद की जा सकती है।’’

प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव से पहले दिए थे संकेत

प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा था कि 70 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी का ध्यान निवेश के जरिये लोगों के मान-सम्मान और बेहतर जीवन और रोजगार सुनिश्चित करने पर है।

NPS और आयुष्मान भारत के बारे में अर्थशास्त्री और शोध संस्थान RIS (विकासशील देशों की अनुसंधान एवं सूचना प्रणाली) के महानिदेशक सचिन चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘यह काफी अहम क्षेत्र है। प्रमुख कार्यक्रम पहले से ही पूर्ण लक्ष्य तक पहुंचने के करीब हैं… इस दिशा में नए उपायों की उम्मीद की जा सकती है।’’

इस संबंध में NIPFP में प्रोफेसर लेखा चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘महामारी के बाद की राजकोषीय रणनीति में सामाजिक सुरक्षा योजनाएं अहम हैं। हालांकि, स्वास्थ्य क्षेत्र में बीमा योजनाएं इस प्रणाली को और अधिक महंगा बनाती हैं। बीमा योजनाओं के बजाय हमें मजबूत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता है।’’

Budget 2024 में इनकम टैक्स पर क्या है एक्सपर्ट्स की राय

लोकसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के बीच बजट में टैक्स के मोर्चे पर राहत के बारे में पूछे जाने पर भानुमूर्ति कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि चुनाव नतीजों का डायरेक्ट टैक्स पॉलिसी पर असर पड़ेगा। चूंकि निजी खपत चिंता का विषय है, ऐसे में जीएसटी काउंसिल को अपनी दरों को कम करने पर विचार करना चाहिए, खासकर तब जब टैक्स कलेक्शन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है।’’ चतुर्वेदी ने भी कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि बजट में इस संबंध में कुछ होगा।’’

चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘टैक्स रेट्स में कमी से लोगों के हाथों में खर्च करने लायक आय में वृद्धि होगी और यह उपभोग को बढ़ावा दे सकता है। लेकिन हमें ध्यान रखना होगा कि देश की आबादी का केवल एक छोटा हिस्सा (लगभग 4 फीसदी) ही आयकर अदा करता है।’’

बजट में प्राथमिकता के बारे में चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘बजट में पहले से चिन्हित सभी सात प्राथमिकताओं…समावेशी विकास, अंतिम छोर तक पहुंच, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता का उपयोग, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र के विस्तार… पर ध्यान जारी रखा जाना चाहिए। ’’ चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘यह आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने वाला बजट होगा। हालांकि, वित्त मंत्री के लिए राजकोषीय मजबूती के रास्ते से हटने की गुंजाइश बहुत कम है।’’

Budget 2024 में रोजगार के साथ विकास पर फोकस की उम्मीद

एक अन्य सवाल के जवाब में भानुमूर्ति ने कहा, ‘‘बजट में रोजगार के साथ विकास पर फोकस किये जाने की संभावना है। चूंकि PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) ने कोविड महामारी के दौरान उद्योग की मदद की है। अब यह आकलन करने की जरूरत है कि क्या इसने रोजगार पैदा करने में भी मदद की है। यानी पीएलआई योजना का आकलन करने की जरूरत है।’’

अस्सी करोड़ आबादी को मुफ्त अनाज योजना से जुड़े सवाल के जवाब में चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘भारत ने काफी प्रयासों के बाद 35 करोड़ से अधिक लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला है। उन्हें फिर से उसी स्थिति में जाने से रोकने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए। खाद्य कार्यक्रम उस स्तर पर समाधान का सिर्फ एक हिस्सा है। सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों का विकास, बेहतर स्वास्थ्य ‘कवरेज’ और स्वच्छता तक पहुंच के लिए निरंतर प्रयास समान रूप से अहम होंगे।’’

हालांकि, भानुमूर्ति ने कहा कि कोविड के दौरान शुरू किए गए खाद्य योजना जैसे सभी उपायों पर फिर से विचार की जरूरत है। इसके बजाय ग्रामीण विकास जैसे अन्य क्षेत्र हैं, जिनपर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।



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