फार्मा इंडस्ट्री का कहना है कि आगामी बजट में रिसर्च एंड डिवेलपमेंट निवेश को प्रोत्साहित करने, कॉरपोरेट टैक्स में छूट देने और डोमेस्टिक फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री की ग्रोथ को बढ़ावा देने की जरूरत है। भारतीय फार्मा उत्पादक संगठन (OPPI) के डायरेक्टर जनरल अनिल मताई ने सरकार से रिसर्च एंड डिवेलपमेंट से जुड़े निवेश को प्रोत्साहित करने और कॉरपोरेट टैक्स में छूट उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर बजट में इस तरह का प्रावधान किया जाता है, तो इससे इस सेक्टर में रिसर्च और डिवेलपमेंट और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा, 'ज्यादा जोखिम, रिसर्च एंड डिवेलपमेंट की लंबी अवधि आदि को देखते हुए हमने इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 115BAB के दायरे में उन कंपनियों को शामिल करने की मांग की है, जो पूरी तरह से फार्मा रिसर्च और डिवेलपमेंट में शामिल हैं और रिसर्च एंड डिवेलपमेंट के खर्चों पर 200 पर्सेंट डिडक्शन रेट मुहैया करा रहे हैं।' उनके मुताबिक, इससे सेक्टर की रिसर्च एंड डिवेलपमेंट की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और क्लीनिकल ट्रायल और पेटेंट रजिस्ट्रेशन के मामले में भी मदद मिलेगी।
मताई ने ग्लोबल और डोमेस्टिक फर्मों की ग्रोथ के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़ा प्रभावकारी सिस्टम बनाने के साथ-साथ रिसर्च आधारित फार्मा कंपनियों को प्रोत्साहित करने की मांग की। उनका यह भी कहना था कि ऐसे संस्थानों और कंपनियों को इंसेंटिव उपलब्ध कराने की जरूरत है, जो फार्मास्युटिकल एंप्लॉयीज के लिए स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम उपलब्ध कराते हैं।
उन्होंने कहा, ' दुर्लभ बीमारियों के लिए इलाज ढूंढने पर इंसेंटिव उपलब्ध कराना भी काफी अहम हो सकता है।' इसके अलावा, ज्यादा से ज्यादा सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के जरिये दुर्लभ बीमारियों के लिए बेहतर मैनेजमेंट उपलब्ध कराना, रिसर्च एंड डिवेलपमेंट को इंसेटिव के लिए बजट आवंटन में बढ़ोतरी करना और इंपोर्ट ड्यूटी माफ करना जैसे कदम जरूरी हैं।
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