Tuesday, June 11, 2024

NDA सरकार में GST रेट्स को तर्कसंगत बनाने का मामला फंस सकता है

लोकसभा चुनावों में बीजेपी को कम सीटें मिलने का असर जीएसटी रेट्स में संभावित बदलाव पर दिख सकता है। एनालिस्ट्स का मानना है कि इसका असर समाज के कमजोर वर्गों पर पड़ेगा। मंत्रियों का समूह जीएसटी के चार स्लैब को घटाकर तीन करने के प्रस्ताव पर मीटिंग कर सकता है। एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर कम जरूरी आइटम्स पर जीएसटी के रेट्स में कमी की जाती है तो जरूरी आइटम्स पर टैक्स का बोझ बढ़ सकता है। अभी कम जरूरी आइटम्स पर जीएसटी के रेट्स 12 और 18 फीसदी है, जबकि जरूरी आइटम्स पर 5 फीसदी है।

सरकार जरूरी चीजों पर जीएसटी नहीं बढ़ाना चाहती

जीएसटी (GST) से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कम आयवर्ग के लोगों पर खराब असर पड़ने की आशंका को देखते हुए फिलहाल जीएसटी के रेट्स में बदलाव की संभावना कम है। जानकारों का कहना है कि फिलहाल जरूरी चीजों पर जीएसटी रेट में सरकार किसी तरह का इजाफा करने के खिलाफ है। अभी सेमी-एसेंशियल गुड्स पर जीएसटी का रेट 12 फीसदी है, जबकि जरूरी चीजों पर रेट 5 फीसदी है।

अभी जीएसटी का सबसे ज्यादा स्लैब 28 फीसदी का

अभी लग्जरी आइटम्स पर जीएसटी का रेट 28 फीसदी है। सूत्रों ने बताया कि जीएसटी का ज्यादा रेट्स सरकार के लिए फायदेमंद है। इससे उसे ज्यादा रेवेन्यू मिलता है। रेट कम होने से सरकार के रेवेन्यू पर असर पड़ता है। टैक्स का कम रेट समाज के कम आय वर्ग के लिए फायदेमंद है। सरकार ने 1 नवबंर, 2023 को जीएसटी रेट को तर्कसंगत बनाने के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का पुनर्गठन किया था। इसके प्रमुख यूपी के फाइनेंस मिनिस्टर सुरेश खन्ना हैं।

चार की जगह तीन स्लैब हो सकती हैं

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) के चेयरमैन विवेक जोहरी ने पिछले साल बिजनेस टुडे टीवी को एक इंटरव्यू में कहा था कि जीएसटी के स्लैब को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव है। अभी 28 फीसदी, 18 फीसदी, 12 फीसदी और 5 फीसदी के कुल चार स्लैब हैं। इसे घटाकर तीन स्लैब करने का प्रस्ताव है। जीएसटी काउंसिल की बैठक 17 सितंबर, 2021 को हुई थी। इसमें रेट्स को तर्कसंगत बनाने के लिए एक जीओएम बनाने का फैसला हुआ था।

अभी कई चीजों को जीएसटी से छूट

दुनिया के कई देशों में जीएसटी का सिंगल रेट है। लेकिन, इंडिया में कुल चार स्लैब में टैक्स लगता है। इसके बाद 0.25 फीसदी सेश और 1.5 फीसदी का स्पेशल रेट भी लगता है। कई चीजों पर जीएसटी रेट जीरो है। इनमें अनाज, नमक, ब्रेड, फ्रेश फ्रूट, दूध और दही शामिल हैं। विदेश में होने वाली सप्लाई पर भी टैक्स नहीं लगता है।



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