नए बीजेपी अध्यक्ष की खोज की वजह भले ही मौजूदा अध्यक्ष जे पी नड्डा का मंत्री बनना बताई जा रही है, लेकिन नड्डा का कार्यकाल खत्म होने की वजह से यह प्रक्रिया वैसे भी शुरू होनी थी। नड्डा को 2019 में लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था और बाद में जनवरी 2020 में पार्टी का पूर्णकालिक अध्यक्ष बना दिया गया था।
अमित शाह को केंद्र में गृह मंत्री बनाए जाने के बाद नड्डा को बीजेपी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर 3 साल का नड्डा का कार्यकाल 20 जनवरी को खत्म होना था, लेकिन बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने इसे बढ़ाकर जून 2024 कर दिया था, ताकि चुनावी साल में नेतृत्व के स्तर पर कोई बदलाव नहीं हो।
अब चुनाव खत्म हो गए हैं और मंत्रियों ने शपथ ले ली है। ऐसे में सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि नड्डा की जगह कौन लेगा?
अध्यक्ष के लिए दो संभावित उम्मीदवार बने मंत्री
बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए जिन दो नामों पर काफी चर्चा हो रही थी, उनमें धर्मेंद्र प्रधान और शिवराज सिंह चौहान शामिल थे। हालांकि, दोनों को मोदी कैबिनेट में मंत्री बनाया जा चुका है। प्रधान ओडिशा के तालचर से आते हैं और उन्होंने 1983 में अपना राजनीतिक करियर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से शुरू किया था। शिवराज सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उन्हें राज्य में महिलाओं के लिए बेहतर योजनाएं पेश करने का श्रेय दिया जाता है। चूंकि दोनों अब मंत्री बन गए हैं, लिहाजा इनके लिए अध्यक्ष बनने की संभावनाएं खत्म हो गई हैं।
चार नाम अभी भी रेस में
बीजेपी में अध्यक्ष पद के लिए फिलहाल कुछ और नामों पर चर्चा चल रही है, जिनमें बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े भी शामिल हैं। तावड़े, बीएल संतोष के बाद बीजेपी के बेहद प्रभावशाली महासचिव हैं। वह युवा हैं, मराठा हैं और संगठन को समझते हैं। अध्यक्ष पद को लेकर बीजेपी के ओबीसी मोर्चा चीफ के. लक्ष्मण का नाम भी उछल रहा है। लक्ष्मण तेलंगाना से हैं और आंध्र प्रदेश के बाद बीजेपी का फोकस तेलंगाना पर है। लक्ष्मण बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। अध्यक्ष पद के लिए एक और नाम सुनील बंसल का है। वह फिलहाल पार्टी के महासचिव और तीन राज्यों-पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और ओडिशा के प्रभारी हैं। हालांकि, उनका नाम सुर्खियों में तब आया था, जब उत्तर प्रदेश के महासचिव (संगठन) थे। आरएसएस की पृष्ठभूमि के बावजूद पार्टी का एक तबका बंसल का विरोध कर सकता है।
राजस्थान से पार्टी के राज्यसभा सदस्य और भैरो सिंह शेखावत के शिष्य रहे ओम माथुर भी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में हैं। वह आरएसएस के प्रचारक के साथ-साथ गुजरात के प्रभारी भी रहे हैं। इसके अलावा, बीजेपी कोई और नया नाम पेश कर सबको चौंका भी सकती है।
बीजेपी की पहली महिला अध्यक्ष?
बीजेपी पहली महिला अध्यक्ष बनाने के आइडिया पर भी विचार कर रही है। इससे पहले बीजेपी सरकार ने को भारत की पहली महिला अनुसूचित जनजाति के तौर पर द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया था। चुनाव में महिला वोटरों की भागीदारी बढ़ने के साथ-साथ उनकी चुनावी ताकत भी बढ़ी है। 2009 के लोकसभा चुनाव में महिला मतदाताओं का वोटिंग प्रतिशत 55.8% और पुरुषों का 60.36% था। हालांकि, इस बार महिला और पुरुष दोनों का मतदान प्रतिशत तकरीबन 66% रहा है।
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