Wednesday, May 29, 2024

Novelis के आईपीओ का हिंडाल्को की वैल्यूएशन पर क्या असर पड़ेगा?

नोवेलिस ने आखिरकार अमेरिका में अपने इश्यू के प्राइस बैंड का ऐलान कर दिया है। इससे हिंडाल्को इंडस्ट्रीज की इस सब्सिडियरी की वैल्यूएशन का पता चला है। शेयर का प्राइस बैंड 18-21 डॉलर के बीच है। इस आधार पर नोवेलिस की वैल्यूएशन 10.8-12.6 अरब डॉलर के बीच आती है। रुपये में यह 89600 करोड़ से 1,04,500 करोड़ रुपये के बीच है। पेरेंट कंपनी हिंडाल्को का बाजार पूंजीकरण 1.54 लाख करोड़ रुपये है। इसका मतलब है कि नोवेलिस की वैल्यूएशन पेरेंट कंपनी की वैल्यूएशन का 58-68 फीसदी है। इश्यू में शेयर की फाइनल कीमत और लिस्टिंग के बाद शेयरों की चाल के आधार पर वैल्यूएशन में बदलाव हो सकता है।

हिंडाल्को के हाथ में आएंगे 7,800 करोड़

अब इतना तय है कि नोवेलिस की लिस्टिंग से हिंडाल्को को 6,700-7,800 करोड़ रुपये मिलने जा रहे हैं। चूंकि यह सेकेंडरी ऑफ है, जिससे यह अमाउंट ऑफर के सब्सक्रिप्शन के आधार पर 15 फीसदी तक बढ़ सकता है। हिंडाल्को का कंसॉलिडेटेड नेट डेट 31,536 करोड़ रुपये हो गया है। उसे नोवेलिस में अपनी हिस्सेदारी से जो पैसे मिलेंगे उससे उसका कर्ज कम हो जाएगा। अगर हिंडालको नोवेलिस में अपनी हिस्सेदारी और घटाने का फैसला करती है तो उसके हाथ में और पैसे आ सकते हैं।

नोवेलिस में हिंडाल्कों की 92.5 फीसदी हिस्सेदारी

नोवेलिस के पास भी फ्रेश शेयरों की बिक्री से पैसे जुटाने का विकल्प है। कंपनी ने पूंजीगत खर्च के लिए बड़ा प्लान बनाया है, जिसके लिए उसे पैसे की जरूरत पड़ेगी। नोवेलिस में हिंडाल्कों की अब 91.4-92.5 फीसदी हिस्सेदारी बच जाएगी। हालांकि, यह ओवरसब्सक्रिप्शन पर निर्भर करेगी। नोवेलिस के पास हिस्सेदारी बेचकर पैसे जुटाने का विकल्प है। लेकिन, ऐसा करने पर मॉइनरिटी शेयरहोल्डर्स की प्रॉफिट में हिस्सेदारी भी बढ़ जाएगी। इससे हिंडाल्को के शेयरहोल्डर्स की प्रॉफिट में हिस्सेदारी घटेगी।

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हिंडाल्कों की वैल्यूएशन पर ज्यादा असर नहीं

जहां तक वैल्यूएशन का सवाल है तो क्या नोवेलिस की वैल्यूएशन से हिंडाल्कों की वैल्यूएशन में उछाल आएगा? 89,600 करोड़ के हिसाब से हिंडाल्को के शेयर की वैल्यूएशन 400 रुपये आती है। यह उस वैल्यूएशन के नंबर के करीब है जिसे जेफरीज ने कैलकुलेशन के बाद निकाला था। अगर आईपीओ के शेयर प्राइस बैंड के हायर लेवल पर लिस्ट होते हैं तो वैल्यू बढ़कर प्रति शेयर 465 रुपये पहुंच जाएगी। लेकिन, इसमें होल्डिंग कंपनी का डिस्काउंट भी होगा। इसका मतलब है कि जब तक लिस्टिंग के बाद शेयरों की कीमतों में उछाल नहीं आता है आईपीओ से वैल्यूएशन में ज्यादा बदलाव नहीं आएगा।



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