प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान राज्यसभा में अपने संबोधन में भाजपा (BJP) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार (NDA government) के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) में जनता के बढ़ते विश्वास की सराहना की। उन्होंने साथ ही साथ उनके कार्यकाल के दौरान PSUs सेक्टर की उपेक्षा के लिए कांग्रेस सरकार की आलोचना भी की। पीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2014 के बाद से इन PSUs कंपनियों की नेट वर्थ में 78 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उनके शेयर अब अनुकूल रिटर्न दे रहे हैं। पीएम मोदी (PM Modi) ने 2014 के बाद से अपनी सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा, "PSU कंपनियों का नेट वर्थ 17 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। ये नेट वर्ष 2014 में 9.5 लाख करोड़ रुपये थी। इसके अलावा, 2014 के बाद से PSUs की संख्या 234 से बढ़कर 254 हो गई है।" आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल हर तीन में से एक PSU स्टॉक ने 100 प्रतिशत से अधिक रिटर्न दिया है। जिससे बीएसई पीएसयू इंडेक्स (BSE PSU index) में 95 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, BSE PSU index पिछले पांच वर्षों में 169 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है। ब्रोकर्स की संस्था ANMI ने इंडेक्स फ्यूचर्स के लिए ट्रेडिंग घंटे बढ़ाने को दी सैद्धांतिक मंजूरी इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने भी इस बात पर प्रकाश डाला था कि सरकार सार्वजनिक उपक्रमों का वैल्यूएशन बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है। ऐतिहासिक रूप से, सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों ने अपने प्रतिस्पर्धी प्राइवेट कंपनियों के मुकाबले डिस्काउंट पर कारोबार किया है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने इस अंतर को कम कर दिया है। वित्त मंत्री ने कहा, "हम उनके वैल्यूएशन को बनाए रखने पर फोकस कर रहे हैं। "यदि आप आज सार्वजनिक क्षेत्र की लिस्टेड कंपनियों और उनके मार्केट वैल्यूएशन पर गौर करें, तो आप उनक कंपनियों की बढ़ी हुई धमक देख सकते हैं। शेयर की कीमतें बढ़ी हैं और डिविडेंड में काफी सुधार हुआ है। इसलिए विनिवेश (disinvestment) भी एक पहलू है। लेकिन हमारा उद्देश्य उनके वैल्यू को बढ़ाना और अनुकूल मार्केट सेंटीमेंट्स को सुनिश्चित करना है।" सीतारमण ने यह भी कहा था कि प्राइवेट सेक्टर को "मुख्य रणनीतिक" क्षेत्रों में प्रवेश की अनुमति दी गई है। सरकार का लक्ष्य इन क्षेत्रों में केवल अपनी "न्यूनतम उपस्थिति" बनाए रखना है। डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)
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