Friday, January 26, 2024

Tata Steel ने इस 'पाखंड' पर दी सफाई, सीईओ ने बताई ये वजह

Tata Group News: टाटा ग्रुप की स्टील कंपनी टाटा स्टील (Tata Steel) ने अपने ऊपर लगे पाखंड के आरोपों पर सफाई दी है। टाटा स्टील ने 10 जनवरी को वेल्स के पोर्ट टालबोट स्टीलवर्क्स में दो ब्लास्ट भट्ठियों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का ऐलान किया था। इस ऐलान का असर 2800 नौकरियों पर पड़ने का अनुमान है। इस ऐलान के बाद कंपनी पर हिपाक्रिसी यानी पाखंड का आरोप लगा था। अब इसे लेकर कंपनी के सीईओ टीवी नरेंद्रन से बातचीत में कहा कि यूनाइटेड किंगडम (UK) में ब्लास्ट भट्ठियों को बंद करना और इलेक्ट्रिक भट्ठियों की तरफ टाटा स्टील की स्ट्रैटेजी देश के नेट जीरो के लक्ष्य के अनुरुप ही है। क्यों लगा पाखंड का आरोप ब्रिटिश न्यूजपेपर द गॉर्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक टाटा स्टील पर घोर पाखंड का आरोप लगाया जा रहा है। इसकी वजह ये है कि एक तरफ कंपनी भारत में ब्लास्ट भट्ठी खोलने की तैयारी कर रही है। वहीं दूसरी तरफ वेल्स में भट्ठियों को बंद करने के लिए कार्बन उत्सर्जन में कटौती का हवाला दिया गया था, जिससे हजारों नौकरियां चली गईं। OTP का झंझट ही नहीं, Google के एंप्लॉयीज ऐसे लॉग इन करते हैं अपने सिस्टम में Tata Steel ने क्या दी सफाई टाटा स्टील के सीईओ ने कहा कि इस मामले में अलग-अलग जगहों के संदर्भ को समझना चाहिए। यूरोप में बात करें तो यहां कॉर्बन टैक्स है और इसने वर्ष 2050 तक नेट जीरो के लक्ष्य को हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है और इसमें यूके भी है। इसके लिए नीतियां भी लाई जा चुकी हैं। सरकारों ने रोडमैप भी बना दिया है कि वर्ष 2030 तक कितना कॉर्बन घटाने का लक्ष्य है। इसके अलावा कमजोर मांग के माहौल में ब्रिटेन का कारोबार टिकाऊ नहीं रह गया और कंपनी स्टील उत्पादन के लिए यूके में स्क्रैप स्टील की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता का फायदा उठाना चाहती है। Rekha Jhunjhunwala के पोर्टफोलियो में बड़ा बदलाव, एक शेयर ने तो 11 महीने में ही 4 गुना बढ़ाया है पैसा वहीं दूसरी तरफ भारत में नेट जीरो का लक्ष्य वर्ष 2070 तक के लिए तय किया गया है। भारत में कॉर्बन टैक्स भी नहीं है। ऐसे में भारत में रेगुलेटरी फ्रेमवर्क यूके से अलग है और भारत का मार्केट भी बढ़ रहा है तो यहां अधिक क्षमता बढ़ाने की जरूरत है ताकि मार्केट में दबदबा बढ़ाया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि भारत और ब्रिटेन में स्थितियां अलग-अलग हैं और कंपनी ने कहीं भी यह नहीं कहा है कि ब्लास्ट फर्नेस का निर्माण बंद कर दिया जाएगा।

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