छत्तीसगढ़ चुनाव 2023: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पहले चरण के चुनाव से तीन दिन पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को कड़ा मुकाबला झेलना पड़ रहा है। हाला ही में 5.39 करोड़ रुपए कैश बरामद हुआ, जिसका संबंध कांग्रेस (Congress) से बताया जा रहा है। इसी तरह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी एक बयान जारी कर सीएम बघेल की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ED का आरोप है कि महादेव ऐप प्रमोटर्स की तरफ से बघेल को 508 करोड़ रुपए दिए गए हैं। 7 नवंबर को, छत्तीसगढ़ के 20 निर्वाचन क्षेत्रों में वोट डाले जाएंगे - जिसमें बघेल की विधानसभा सीट पाटन (Patan) भी शामिल है, जो चाचा और भतीजे के बीच एक अनोखी चुनावी लड़ाई का गवाह बनेगी। भले ही लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी के बीच बाइपोलर लगती है, लेकिन यहां एक तीसरा पक्ष भी है, जो निर्णायक कारक हो सकता है। OBC बहुल इस ग्रामीण विधानसभा सीट पर राज्य के तीन राजनीतिक दिग्गज लड़ेंगे - कांग्रेस के भूपेश बघेल, BJP के विजय बघेल और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अमित जोगी। विजय भूपेश बघेल के भतीजे हैं और 2000 तक कांग्रेस में थे। विजय बघेल दुर्ग लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद हैं और पाटन दुर्ग के सात विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। अमित जोगी छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे हैं, जो कांग्रेस में भी थे और बाद में 2016 में उन्होंने अपनी पार्टी जनता कांग्रेस बनाई। CG Election 2023: महादेव बेटिंग ऐप को लेकर PM मोदी ने CM बघेल को घेरा, पूछा- दुबई में बैठे घोटाले के आरोपियों से क्या संबंध हैं? कुल मिलाकर, पाटन में राज्य की सबसे दिलचस्प और हाई प्रोफाइल चुनावी लड़ाई देखने को मिलने वाली है। 2008 को छोड़ दें तो 1993 से लगातार इस सीट पर भूपेश बघेल जीतते आ रहे हैं। वह पाटन से पांच बार विधायक रहे हैं। 2008 में, वह अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी विजय बघेल से लगभग 7,800 वोटों के अंतर से हार गए। News18 से बात करते हुए भूपेश बघेल ने ED की आलोचना की और एजेंसी पर 'पक्षपात तरीके' से काम करने का आरोप लगाया उन्होंने पूछा, “ED एक पक्षपाती एजेंसी है। रमन सिंह और उनकी पत्नी पर कई घोटालों के आरोप लगे हैं। उनके बेटे अभिषेक सिंह का नाम भी चिटफंड और अन्य घोटालों में आया। ED ने उनमें से किसी की भी जांच क्यों नहीं की?” हालांकि, मुख्यमंत्री पहले चरण को लेकर आश्वस्त दिखे। उन्होंने कहा, “2018 में, हमने इन 20 में से 17 सीटें जीतीं। इस चुनाव में हम इस चरण में जीत हासिल करेंगे।" ओबीसी फैक्टर दोनों बाघेल कुर्मी समुदाय से हैं, जो क्षेत्र में एक प्रमुख OBC जाति मानी जाती है। हालांकि, पाटन में साहू समुदाय का वर्चस्व है, जो एक और मजबूत ओबीसी समूह है। 2011 की जनगणना के अनुसार, पाटन में साहू समुदाय 20 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं का हिस्सा है। भूपेश बघेल देश के उन चुनिंदा मुख्यमंत्रियों में से एक हैं, जो धर्म और जाति की राजनीति और नीतियों में बखूबी संतुलन बिठाने में कामयाब रहे। एक तरफ, वह रायपुर के शोपीस कौशल्या माता मंदिर, भगवान राम के मंदिरों और मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं, और दूसरी तरफ, वह एक ऐसे मुख्यमंत्री रहे हैं, जिन्होंने कई कर्ज माफी समेत नकद लाभ योजनाओं की रिकॉर्ड संख्या की घोषणा की है। पिछले कुछ दिनों में, भूपेश बघेल ने तीन लोन और टैक्स माफी की घोषणा की जिसमें कृषि ऋण, सेल्फ हेल्प ग्रुप के लोन और मोटर वाहनों के लिए कमर्शियल टैक्स शामिल थे। इसके अलावा, उन्होंने 200 यूनिट की ऊपरी सीमा तक बिजली की लागत भी माफ कर दी। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि उनकी पार्टी ने धान खरीद मूल्य 2,640 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 3,000 रुपए प्रति क्विंटल करने की घोषणा की। वित्तीय सहायता और कर्ज माफी मुख्य रूप से OBC, SC और ST समुदायों के लिए है। सॉफ्ट हिंदुत्व या धर्मिक संतुलन? पाटन के गांवों में भगवान राम की कई मूर्तियां, कई गौठान (आधुनिक गौशालाएं) और धान मंडियां (सरकार के लिए धान खरीद क्षेत्र) हैं। धर्म और जाति को संतुलित करने के अपने तरीकों के बारे में, भूपेश बघेल ने कहा कि उन्होंने राज्य भर में भगवान राम की एक दर्जन से ज्यादा मूर्तियां बनाई हैं। उनका कहना है, "यह मेरी आस्था है और हम धर्म पर राजनीति नहीं करते।" हालांकि, उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अमित जोगी इससे सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा, कृषि, आदिवासियों आदि से जुड़े कई मुद्दे हैं, लेकिन सांप्रदायिक एजेंडा कभी भी उनमें से एक नहीं था। राज्य ने कभी भी सांप्रदायिक रूप से प्रेरित गतिविधियां नहीं देखीं। भगवान राम हर जगह और हम सभी में हैं, लेकिन इसके लिए सॉफ्ट हिंदुत्व अपनाने की जरूरत नहीं है।" पाटन में चुनाव को 'मैच फिक्सिंग' करार देते हुए जोगी ने कहा, "पाटन हमेशा चाचा-भतीजा मैच रहा है, जो हर बार फिक्स होता था।" भ्रष्टाचार और ED छापों के मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "BJP और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं। प्रचार के दौरान आरोप-प्रत्यारोप लगते हैं, लेकिन चुनाव खत्म हो जाने के बाद वे एक-दूसरे को छूते भी नहीं हैं। सत्ता में आने से पहले बघेल ने कहा था कि वह भ्रष्टाचार के आरोप में रमन सिंह को गिरफ्तार करेंगे। क्या ऐसा हुआ? ED की चार्जशीट में, मुख्यमंत्री के कई संदर्भ मिल सकते हैं, लेकिन वह स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं। ये सब चुनावी हथकंडे हैं।”
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