Mizoram Assembly Elections 2023: देश के सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री मिजोरम से हैं और यहां अगले विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा (Zoramthanga) करीब 80 साल के हैं। उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में सत्ता का रास्ता जिस विधानसभा सीट आईजॉल ईस्ट 1 (Aizawl East 1) से नापा था, वह लगातार दो बार से कांग्रेस के पास थी। इस सीट के साथ दिलचस्प बात ये है कि इस सीट पर 1987 से लेकर अब तक सिर्फ एक बार 1998 में छोड़ दिया जाए, तो यहां जिस भी पार्टी का कैंडिडेट जीता है, उसकी राज्य में सरकार बनी है। मिजोरम में 40 सीटें हैं। यहां 7 नवंबर को मतदान होगा और फिर उसके अगले महीने 3 दिसंबर को नतीजे आएंगे। मिजोरम विधानसभा की साइट पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक यहां कोई जोर-जबरदस्ती और बूथ कैप्चरिंग नहीं हुई है यानी चुनाव हमेशा शांतिपूर्वक निपटे हैं। Aizawl East 1 पर कब किसने मारी बाजी मिजोरम में पहली बार पूर्ण राज्य के रूप में 1987 में चुनाव हुए थे। इससे पहले यहां जो चार विधानसभा चुनाव हुए थे, उस समय मिजोरम की हैसियत यूनियन टेरिटरी की थी। 1987 के चुनाव में यहां से निर्दलीय (मिजोरम नेशनल फ्रंट निर्दलीय के तौर पर लड़ी थी) सैनगुरा सैलो (Saingura Sailo) को जीत हासिल हुई और राज्य में जीत हासिल करने के बाद लालदेंगा (Laldenga) ने मिजोरम नेशनल फ्रंट की सरकार बनाई थी। इसके बाद 1989 और 1993 में कांग्रेस के जे लालसैंगजुआला (J Lalsangzuala) ने यहां झंडा गाड़ा और राज्य में उन्ही के पार्टी लाल थन्हावाला (Lal Thanhawla) मुख्यमंत्री बने। 1998 में इस सीट से मिजोरम पीपुल्स फ्रंट के पू लाल्हमिंगथंगा (Pu Lalhmingthanga) ने जीत हासिल की लेकिन राज्य में जोरमथंगा की अगुवाई में मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार बनी। 2003 में मिजोरम नेशनल फ्रंट के टिकट से के संगथुआमा (K Sangthuama) ने फतह हासिल की और राज्य में उनकी पार्टी की सरकार बनी रही। इसके बाद 2008 और 2013 में यहां कांग्रेस के आर लालरीनवमा (R Lalrinawma) ने झंडा गाड़ा और कांग्रेस ने लगातार दो टर्म लाल थन्हावाला (Lal Thanhawla) की अगुवाई में सरकार चलाई। फिर आया 2018, जिसमें आइजॉल ईस्ट 1 से मिजोरम नेशनल फ्रंट के जोरामथंगा यहां से जीते और सरकार में वापसी की। तेलंगाना के मुख्यमंत्री की सीट पर 92% ग्रामीण वोटर्स, ऐसा है वोट का गणित 2018 में बढ़ा जीत का अंतर आइजॉल ईस्ट 1 सीट पर जीत का अंतर 2018 में बढ़ा था। 2013 में कांग्रेस उम्मीदवार ने 37.72 फीसदी मत हासिल कर सीट निकाली थी जबकि दूसरे नंबर पर मिजोरम पीपुल्स फ्रंट के उम्मीदवार Lalhmangaiha Sailo को 35.16 वोट मिले थे। अगले ही चुनाव में जोरामथंगा ने 8,358 वोट्स यानी 42.75 फीसदी वोट हासिल किए और जीत हासिल की। दूसरे स्थान पर जोरम पीपुल्स मूवमेंट के K Sapdanga को 29.94 फीसदी वोट्स मिले। 2018 की मिजोरम विधानसभा चुनाव की रिपोर्ट के मुताबिक इस सीट पर 24,348 रजिस्टर्ड वोटर्स हैं। अब इस बार देखना ये है कि अपने गढ़ में वापस कांग्रेस फतह हासिल कर पाती है या नहीं?
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