PM Modi Speech LIVE: अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence) पर चर्चा के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) लोकसभा (Lok Sabha) में बोल रहे हैं। मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कई ऐसे बिल थे जो गांव, गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी के लिए थे, उनके कल्याण, भविष्य के साथ जुड़े हुए थे। लेकिन विपक्ष को इसकी चिंता नहीं है। उन्होंने कहा, "विपक्ष के आचरण, व्यवहार से सिद्ध हुआ है कि उनके लिए देश से ज्यादा दल है, देश से बड़ा दल है, देश से पहले प्राथमिकता दल की है। मैं समझता हूं कि गरीब की भूख की चिंता नहीं है, आपको सत्ता की भूख सवार है।" PM Modi Speech LIVE: - मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि देश की जनता ने हमारी सरकार पर बार-बार भरोसा जताया है और मैं देश की करोड़ों जनता के प्रति अपना आभार जताने के लिए यहां आया हूं। - आज मैं देख रहा हूं कि आपने (विपक्ष) तय कर लिया है कि जनता के आशीर्वाद से NDA और भाजपा पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए प्रचंड जीत के साथ वापस आएगी। - 'भगवान बहुत दयालु हैं और वे किसी ना किसी माध्यम से अपनी इच्छा की पूर्ति करता है। मैं इसे भगवान का आशिर्वाद मानता हूं कि ईश्वर विपक्ष को सुझाया और वे प्रस्ताव लेकर आए...मैंने 2018 में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कहा था कि यह हमारे लिए फ्लोर टेस्ट नहीं है, बल्कि ये उनके लिए फ्लोर टेस्ट है और परिणामस्वरूप वे चुनाव हार गए। - कई ऐसे बिल थे जो गांव, गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी के लिए थे, उनके कल्याण, भविष्य के साथ जुड़े हुए थे। लेकिन उनको (विपक्ष) इसकी चिंता नहीं है... विपक्ष के आचरण, व्यवहार से सिद्ध हुआ है कि उनके लिए देश से ज्यादा दल है, देश से बड़ा दल है, देश से पहले प्राथमिकता दल की है। मैं समझता हूं कि गरीब की भूख की चिंता नहीं है, आपको सत्ता की भूख सवार है। - एक तरह से विपक्ष का अविश्वास हमारे लिए शुभ होता है। आज मैं देख रहा हूं कि आपने (विपक्ष) तय कर लिया है कि जनता के आशीर्वाद से NDA और BJP 2024 के चुनाव में पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़कर शानदार जीत के साथ वापस आएंगे। - आपने इस प्रस्ताव पर किस तरह की चर्चा की है। मैं सोशल मीडिया पर देख रहा हूं कि 'आपके दरबारी भी बहुत दुखी हैं।' विपक्ष ने फील्डिंग का आयोजन किया लेकिन चौके-छक्के यहीं से लगे। - मैंने 2018 में कहा था कि 2023 में फिर से आना। लेकिन फिर भी आपने (विपक्ष) मेहनत नहीं की... आपने (विपक्ष) देश को निराशा के अलावा और कुछ नहीं दिया। मैं विपक्ष के रवैये पर कहूंगा, 'जिनके बही-खाते बिगड़े हुए हैं, वे भी हमसे हमारा हिसाब लिए फिरते हैं।' - हमारा ध्यान देश के विकास पर होना चाहिए...यह समय की मांग है। हमारे युवाओं में सपनों को साकार करने की शक्ति है...हमने देश के युवाओं को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार, आकांक्षाएं और अवसर दिए हैं। - हमने दुनिया में भारत की बिगड़ी हुई साख को संभाला है और उसे फिर एक बार नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं, अभी भी कुछ लोग कोशिश कर रहे हैं कि दुनिया में हमारी साख को दाग लग जाए, लेकिन दुनिया अब देश को जान चुकी, भारत के योगदान पर विश्व का भरोसा बढ़ता चला जा रहा है। - अविश्वास और घमंड इनके रग-रग में बस गया है। वे जनता के विश्वास को देख नहीं पाते। यह जो शुतुरमुर्ग दृष्टिकोण है इसके लिए देश क्या ही कर सकता है... जब घर में अच्छा होता है तो नज़र न लगे उसके लिए काला टीका लगाते हैं। आज देश का जो मंगल, वाहवाही हो रही है उस पर मैं आपका धन्यवाद करता हूं कि काले टीके के रूप में काले कपड़े पहनकर सदन में आकर इस मंगल को सुरक्षित करने का काम किया है। - विपक्ष के लोगों को एक रहस्यमयी वरदान मिला हुआ है कि जिसका भी ये लोग बुरा चाहेंगे उसका भला ही होगा। ऐसा ही एक उदाहरण आपके सामने खड़ा है। 20 साल हो गए क्या कुछ नहीं हुआ पर भला ही होता चला गया। - जब हम यह दावा करते हैं कि हम अपनी तीसरी अवधि में देश को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाएंगे, तो एक जिम्मेदार विपक्ष का काम क्या होता? वह सवाल पूछता कि 'निर्मला जी, मोदी जी आप यह कैसे करेंगे?' यह भी मुझे सिखाना पड़ रहा है। यह लोग चुनाव में जनता के बीच कहते कि हम पहले नंबर पर लाएंगे। हमारे विपक्ष की यह त्रासदी है। यह लोग अनुभवहीनता की बातें करते हैं। यह कहते हैं कि यह सब वैसी ही होने वाला है। - इनको (विपक्ष) भारत के सामर्थ्य पर विश्वास नहीं है। इनको भारत के लोगों पर विश्वास नहीं है। लेकिन इस सदन को बताना चाहता हूं कि इस देश का भी, भारत के लोगों का कांग्रेस के प्रति अविश्वास का भाव बहुत गहरा है। कांग्रेस अपने घमंड में इतनी चूर हो गई है कि उसे ज़मीन नहीं दिखाई दे रही है। - मैं विपक्ष के साथियों के प्रति संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं। कुछ ही दिन पहले बंगलुरू में आपने मिल-जुलकर करीब 1.5-2 दशक पुराने UPA का क्रिया कर्म किया है, उसका अंतिम संस्कार किया है। लोकतांत्रित व्यवहार की मुताबिक मुझे आप लोगों को सहानुभूति व्यक्त करनी चाहिए थी। - अविश्वास प्रस्ताव के मत के दौरान विपक्ष के पास जितने वोट थे, उतने वोट भी वो जमा नहीं कर पाए थे। इतना ही नहीं, जब हम जनता के पास गए तो जनता ने भी पूरी ताकत के साथ इनके लिए No Confidence घोषित कर दिया। - आपको देश के युवाओं के भविष्य की नहीं बल्कि अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता है। एक दिन आप जुटे तो अपने कट्टर भ्रष्ट साथी की शर्त पर मजबूर होकर जुटे। - आप ये मत भूलिए, आपको देश देख रहा है, आपके एक-एक शब्द को देश गौर से सुन रहा है। लेकिन हर बार देश को निराशा के सिवा आपने कुछ नहीं दिया है। - मैंने संवेदना व्यक्त नहीं की क्योंकि आप लोग जश्न मना रहे थे। जश्न क्यों मना रहे थे क्योंकि आप लोग खंडहर पर प्लास्टर लगा रहे थे। दशकों पुरानी खटारा गाड़ी को EV दिखाने के लिए कितना बड़ा मजबा लगाया था। आप (विपक्ष) जिसके पीछे चल रहे हैं उनको इस देश की ज़ुबान, इस देश के संस्कार की समझ नहीं है। पीड़ी दर पीड़ी यह लोग लाल और हरी मिर्च में अंतर नहीं समझ पाए। - इनको (विपक्ष) जिदा रहने के लिए भी NDA का सहारा लेना पड़ा। लेकिन घमंड इतना कि NDA में भी दो 'I' पिरो दिए। पहला 'I' 26 दलों का गमन और दूसरा 'I' एक परिवार का गमन। खुद बचने के लिए NDA भी चुराया और इंडिया के भी टुकड़े किए (I.N.D.I.A में डॉट लगाकर)। - कल यहां (लोक सभा में) दिल से बात करने की बात भी कही गई थी। उनके (राहुल गांधी) दिमाग के हाल को तो एक लंबे समय से जानता हूं। अब उनके दिल का भी पता चल गया। - यह सच है कि लंका को हनुमान ने नहीं जलाया था, उनके (रावण) घमंड ने जलाई। जनता भी भगवान राम की तरह है और इसीलिए आप 400 से 40 पर आ गए हैं। जनता ने दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी लेकिन आपको तकलीफ हो रही है कि एक गरीब आदमी यहां कैसे बैठा है और यह आपको सोने नहीं दे रहा है और यहां की जनता देश आपको 2024 में भी सोने नहीं देगा। एक समय था जब जन्मदिन पर हवाई जहाज में केक काटा जाता था, लेकिन आज उन्हीं हवाई जहाज में गरीबों के लिए टीके भेजे जा रहे हैं। - यह घमंडिया गठबंधन 2 अंकों की महंगाई, भ्रष्टाचार, नीतिगत पंगुता, अस्थिरता, तुष्टिकरण, वंशवाद, बेरोजगारी, हिंसा और आतंकवाद की गारंटी है। यह मोदी की गारंटी है कि मेरे तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। - अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दैरान विपक्षी सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट किया। - मणिपुर में अदालत का फैसला आया अब उसके पक्ष-विपक्ष में जो परिस्थितियां बनीं उसमें हिंसा का दौर शुरू हुआ। महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुए और यह अपराध अक्षम है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कोशिश कर रही है। जिस तरह से प्रयास चल रहे हैं, करीबी भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा। - मैं मणिपुर के लोगों, माता, भाइयों, बहनों से कहना चाहुंगा कि देश आपके साथ है। यह सदन आपके साथ है। हम सब मिलकर इस चुनौती का समाधान निकालेंगे। मणिपुर विकास की राह पर आगे बढ़ेगा। - मैं कांग्रेस की परेशानी समझ सकता हूं। वर्षों से वे बार-बार एक असफल उत्पाद लॉन्च करते रहे हैं। हर बार लॉन्चिंग फेल हो जाती है। नतीजा यह है कि मतदाताओं के प्रति उनकी नफरत चरम पर पहुंच गयी है। लॉन्चिंग विफल हो जाती है और वे मतदाताओं के प्रति घृणा रखते हैं। लेकिन पीआर वाले मोहब्बत की दुकान का प्रचार करते हैं। इसीलिए देश की जनता कह रही है, ये है लूट की दुकान, झूठ का बाजार।
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