एनसीडी (NCD) की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। इसका रिटर्न अच्छा है और पैसा भी डूबने का डर नहीं होता। लेकिन, इसके लिए आपको अच्छी कंपनियों के एनसीडी में निवेश करना होगा। कई कंपनियां निवेशकों को लुभाने के लिए हाई इंटरेस्ट रेट वाले एनसीडी पेश कर रही हैं। ऐसे इश्यू का साइज अपेक्षाकृत छोटा होता है। संस्थागत निवेशक भी इनमें अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। खुलने के कुछ ही घंटों के अंदर इन्हें अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। इस हफ्ते की शुरुआत में एडलवाइज फाइनेंशियल सर्विसेज ने 2023 का अपना दूसरा एनसीडी पेश किया। यह लंबी अवधि का एनसीडी है। इसका इंटरेस्ट रेट 10.45 फीसदी सालाना है। IIFL Finance ने पिछले महीने एनसीडी इश्यू पेश किया था। इसका मैच्योरिटी पीरियड 5 साल था। इसका इंटरेस्ट रेट सालाना 9 फीसदी तक है। लेकिन, रिटर्न या इंटरेस्ट रेट एनसीडी का सिर्फ एक पहलू है। अगर आप एनसीडी इश्यू में निवेश करने जा रहे हैं तो आपको कुछ जरूरी बातें जान लेनी चाहिए। यह भी पढ़ें : NIFTY 500 के 76 फीसदी स्टॉक्स अपने ऑल-टाइम हाई से दूर, इनमें कई दिग्गज कंपनियों के शेयर भी हैं शामिल निवेश करना कितना सुरक्षित? सबसे पहले यह जान लेना जरूरी है कि किसी एनसीडी में निवेश करना कितना सुरक्षित है। जब आप किसी कंपनी या एनबीएफसी के एनसीडी में निवेश करते हैं तो आप उस कंपनी को एक निश्चित समय के लिए लोन देती है। इसके बदले कंपनी आपको इंटरेस्ट देती है। इस लोन के साथ भी कोलैटरल जुड़ा होता है। यह किसी डिफॉल्ट की स्थिति में इनवेस्टर्स को सेफ्टी देता है। इश्यू को कितनी रेटिंग मिली है? अगर एनसीडी सेक्योर्ड इश्यू है तो उसमें कोलैटरल होगा। आप इश्यू के प्रॉस्पेक्टस में कोलैटरल एसेट की डिटेल चेक कर सकते हैं। आम तौर पर NBFC के एनसीडी इश्यू सेक्योर्ड होते हैं। आपको इश्यू की क्रेडिट रेटिंग भी चेक करनी होगी। रेटिंग एजेंसियां एनसीडी इश्यू को रेटिंग देती हैं। यह इश्यू पेश करने वाली कंपनी की इनवेस्टर्स के पैसे चुकाने की क्षमता के बारे में बताता है। AAA रेटिंग का मतलब सबसे हाई रेटिंग से है। अगर आप एनसीडी में निवेश करने जा रहे हैं तो यह देख लें कि उसे क्या रेटिंग मिली है। कंपनी की वित्तीय सेहत कैसी है? इनवेस्टर्स के लिए इश्यू जारी करने वाली कंपनी की वित्तीय सेहत के बारे में जानकारी हासिल करना भी बहुत जरूरी है। अगर कंपनी की वित्तीय स्थिति अच्छी है तो इसका मतलब है कि उसका मैनेजमेंट अच्छा है और कंपनी इनवेस्टर्स के पैसे लौटाने में सक्षम है। आपको कंपनी के कैश फ्लो पर भी ध्यान देना होगा। अगर किसी कंपनी का कैश फ्लो अच्छा है तो इसका मतलब है कि उसकी इनकम को लेकर चिंता नहीं है। साथ ही आपको कंपनी की ग्रोथ की संभावनाओं को भी जान लेना होगा। कंपनी आपसे पैसा बिजनेस के विस्तार के लिए ले रही है तो इसका मतलब है कि इस पैसे के इस्तेमाल से उसकी इनकम बढ़ेगी। क्या मैच्योरिटी तक आपको पैसे की जरूरत नहीं पड़ेगी? NCD लॉक-इन के साथ आते हैं। इसका मतलब है कि आपको निवेश करने के बाद मैच्योरटी तक अपना निवेश बनाए रखना पड़ता है। उसके बाद आपको अपना मूलधन वापस मिल जाता है। इस बीच आपको इंटरेस्ट मिलता रहता है। हालांकि, एनसीडी की लिस्टिंग स्टॉक एक्सचेंज में भी होती है। इसका मतलब है कि आपके पास मैच्योरिटी से पहले अपने एनसीडी को बेचने का विकल्प है। लेकिन, आपको निवेश से पहले यह देख लेना चाहिए कि एनसीडी की मैच्योरिटी पैसे की आपकी जरूरत के वक्त से मेल खाती हो। इसकी वजह यह है कि मैच्योरिटी से पहले आप स्टॉक एक्सचेंज में अपने एनसीडी बेच तो सकते हैं। लेकिन, उसमें आपको थोड़ा लॉस हो सकता है। यह सिर्फ इमर्जेंसी की स्थिति में अपने पैसे निकालने का एक ऑप्शन है।
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