Sunday, June 25, 2023

Rs 2000 क द तहई स जयद नट बक म वपस आए RBI गवरनर न बतय- 85% नट बक अकउट म जम हए

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने कहा है कि चलन में मौजूद 2,000 रुपए के नोट (Rs 2000 Notes) वापस लेने के निर्णय के एक महीने के भीतर कुल 3.62 लाख करोड़ रुपए में से दो तिहाई से ज्यादा यानी करीब 2.41 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 2,000 रुपए के नोट वापस लेने का अर्थव्यवस्था पर कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा। केंद्रीय बैंक ने 19 मई को अचानक से 2,000 रुपए के नोट को वापस लेने का निर्णय किया था। लोगों से बैंक जाकर 30 सितंबर तक 2,000 रुपए के नोट अपने अकाउंट में जमा करने या दूसरी कीमत के नोट से बदलने को कहा गया है। मूल्य के हिसाब से मार्च 2023 में कुल 3.62 लाख करोड़ रुपए के नोट 2,000 रुपए के थे। दास ने RBI के अपने दफ्तर में PTI से बातचीत में कहा, "चलन में मौजूद 2,000 रुपए के नोट वापस लेने के निर्णय के बाद कुल 3.62 लाख करोड़ रुपए में से दो तिहाई से ज्यादा यानी 2.41 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बैंकों में वापस आ चुके हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि मोटे तौर पर 2000 के लगभग 85 प्रतिशत नोट बैंक खातों में जमा के रूप में आए हैं। इससे पहले, आठ जून को मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद में दास ने कहा था कि 1.8 लाख करोड़ रुपए के 2,000 रुपए के नोट वापस आ गए हैं। यह चलन में मौजूदा 2,000 रुपए के कुल नोट का लगभग 50 प्रतिशत था। इसमें मोटे तौर पर 85 प्रतिशत बैंक शाखाओं में जमा हुए हैं जबकि बाकी को दूसरे मूल्य के नोट से बदला गया। दो हजार रुपए के नोट वापस लेने के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मैं आपको साफ तौर से कह सकता हूं कि अभी जो 2,000 रुपए का नोट वापस लिए जा रहे हैं, उसका अर्थव्यवस्था पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।" महंगाई दर को 4% पर लाने के लिए कोशिश जारी: दास बता दें कि SBI रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक का 2,000 रुपए के नोट चलन से वापस लेने से खपत में तेजी आ सकती है और इससे चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से ज्यादा रह सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, "हम 2000 रुपए के नोट वापस लेने के प्रभावों की वजह से अप्रैल-जून तिमाही में ग्रोथ रेट 8.1% रहने की उम्मीद कर रहे हैं। यह हमारे उस अनुमान की पुष्टि करता है कि वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि आरबीआई के अनुमान 6.5 प्रतिशत से अधिक रह सकती है।" रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इस रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, "जब 2,000 रुपए का नोट वापस लेने का फैसला किया गया, उसका आर्थिक वृद्धि से कोई संबंध नहीं था....इस फैसले का जो भी नतीजा होगा, उसका पता बाद में चलेगा लेकिन एक चीज मैं आपको स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि अभी जो 2,000 रुपए का नोट वापस ले रहे हैं, उसका अर्थव्यवस्था पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। बाकी कितना सकारात्मक परिणाम आता है, वह आगे पता चलेगा।"

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