Thursday, June 22, 2023

Modi US Visit : इडय म बनग फइटर पलन HAL क GE Aerospace करग इजन क सपलई

GE Aerospace और HAL के बीच 22 जून को समझौता हो गया। इस समझौते के तहत जीई एयरोस्पेस हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) को एयरक्रॉफ्ट के इंजन की सप्लाई करेगा। इनका इस्तेमाल भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए फाइटर प्लेन बनाने के लिए होगा। जीई एयरोस्पेस अमेरिकी कंपनी है, जो एयरक्रॉफ्ट का इंजन बनाती है। HAL सरकारी कंपनी है। यह हेलीकॉप्टर, प्लेन और प्लेन के पुर्जे बनाती है। यह समझौत तब हुआ है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर हैं। वह अमेरिकी सरकार के निमंत्रण पर चार दिन की अमेरिका यात्रा पर गए हैं। देश में होगा लड़ाकू विमानों का उत्पादन जीई एयरोस्पेस ने एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इस समझौते के तहत इंडिया में F414 इंजन के संयुक्त उत्पादन का प्रस्ताव है। उसने यह भी कहा है कि वह इसके लिए जरूरी एक्सपोर्ट के एप्रूवल हासिल करने के लिए अमेरिकी सरकार के साथ मिलकर काम करेगी। यह कोशिश IAF के लाइट कम्बैट एयरक्राफ्ट (LAC) MK2 प्रोग्राम का हिस्सा है। F414 इंजन का कोई मुकाबला नहीं जीई एयरोस्पेस और एचएएल के बीच इस समझौते को बहुत अहम माना जा रहा है। इस समझौते से LCA MK2 प्रोग्राम के तहत इंडियन एयरफोर्स के लिए 99 इंजन बनाने के पहले हुए समझौते के तहत काम को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। जीई एयरोस्पेस के सीईओ H Lawrence Culp Jr ने कहा कि हमारे F414 इंजंस का कोई मुकाबला नहीं है। इंडिया के एचएएल के साथ समझौते से दोनों देशों को इकोनॉमिक और नेशनल सिक्योरिटीज के मामले में फायदे होंगे। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक समझौता उन्होंने कहा कि हम अपने कस्टमर्स को सबसे उच्च क्वालिटी के इंजन बनाने में मदद करेंगे। इससे उनकी सैन्य संबंधी जरूरतें पूरी होंगी। उन्होंने इस समझौते को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह इंडिया और HAL के साथ हमारे पुराने संबंधों की वजह से मुमकिन हुआ है। हमें राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीब सहयोग की कोशिशों में बड़ी भूमिका निभाने में खुशी होगी। GE और एचएएल का संबंध चार दशक पुराना GE Aerospace पिछले चार दशक से इंडिया के साथ मिलकर काम कर रही है। उसने 1986 में इंडिया की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और HAL के साथ मिलकर काम करना शुरू किया था। इसके तहत F404 इंजन के साथ LCA बनाने का काम चल रहा है। बताया जाता है कि जीई के फाइटर प्लेन के इंजन सप्लाई करने से देश में ही उच्च क्षमता वाले लड़ाकू विमानों का उत्पादन हो सकेगा।

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