बिहार में एक महीने के अंदर पुल टूटने (Bridge Collapse) का दूसरा मामला सामने आया है। शनिवार को किशनगंज जिले में निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा ढह गया। एक अधिकारी ने इस बारे में बताया। मुश्किल से तीन हफ्ते पहले खगड़िया जिले में गंगा नदीं पर बन रहे पुल का एक हिस्सा पानी में भरभराकर गिर गया था। तब इस घटना को लेकर बिहार की नीतीश सरकार की बहुत आलोचना हुई थी। राज्य सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। शनिवार को जिस पुल का हिस्सा गिरा, वह मेची नदी पर बन रहा है। यह स्थान पटना से करीब 400 किलोमीटर दूर है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद कुमार ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया, "यह निर्माणाधीन पुल एनएच-327E पर बन रहा है। पूरा होने के बाद यह बिहार के किशनगंज और कटिहार जिलों को जोड़ेगा।" उन्होंने कहा कि शनिवार को पुल गिरने की घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इस मामले की जांच के लिए एक पांच-सदस्यीय टीम बना दी गई है। उन्होंने कहा कि पहली नजर में पुल गिरने की वजह मानवीय गलती लगती है, जो पाइलिंग के दौरान हुई। इससे पहले 4 जून को निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिर गया था। यह पुल खगड़िया को भागलपुर से जोड़ने के लिए बनाया जा रहा था। इस हादसे में एक सिक्योरिटी गार्ड की मौत हो गई थी। इस पुल को तैयार करने के लिए नवंबर 2019 की डेडलाइन तय थी। लेकिन, इसके तीन साल पूरे होने के बाद भी यह बनकर तैयार नहीं हो सका। बिहार इंजीनियरिंग सर्विसेज एसोसिएशन ने पुल गिरने के मामले पर चिंता जताई थी। एसोसिएशन ने बिहार में सभी पुलों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की मांग की थी। उसने कहा था कि सभी निर्माणाधीन पुलों को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश होनी चाहिए।
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