Saturday, June 24, 2023

Air India और IndiGo भरतय आसमन पर बस इन 2 कपनय क रहग कबज: रपरट

भारतीय एविएशन इंडस्ट्री धीरे-धीरे ड्यूओपोली (duopoly) यानी दो एयरलाइन कंपनियों के वर्चस्व की तरफ बढ़ रही है। ये दोनों एयरलाइन हैं- एयर इंडिया (Air India) और इंडिगो (IndiGo)। नुवामा इंस्टिट्यूशनल इक्विटी (Nuvama Institutional Equities) के एनालिस्ट्स ने एक रिपोर्ट में ये बातें कही हैं। रिपोर्ट में कहा कि भारतीय एविशन इंडस्ट्री का अधिकतर मार्केट शेयर बस इन्हीं दोनों कंपनियों के पास रहने वाला है। गो फर्स्ट (Go First) की उडानें बंद होने और स्पाइसजेट (SpiceJet) के बेड़े में नए विमान नहीं शामिल होने के चलते, एविएशन इंडस्ट्री में बस दो बड़ी कंपनियां बची रही हैं। घरेलू ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक, घरेलू एविशएन इंडस्ट्री में इन दोनों एयरलाइन- एयर इंडिया और इंडिगो का मार्केट शेयर 80 प्रतिशत या उससे अधिक होगा। इंडिगो को अधिक मार्केट शेयर हासिल करते हुए देखा जा रहा है क्योंकि Go First और SpiceJet जैसी छोटी एरलाइन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे इंडस्ट्री सिर्फ 2 या 3 प्रमुख कंपनी तक ही सीमित हो सकता है, जो शॉर्ट-टर्म में कॉम्पिटीशन पर काफी असर डाल सकता है। ब्रोकरेज फर्म ने CAPA इंडिया का हवाला देते हुए कहा कि एविएशन इंडस्ट्री अभी भी रिकवर हो रही है और वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में उथल-पुथल देखी जा सकती है। यह भी पढ़ें- 9 महीने में 293% रिटर्न, लॉन्ग टर्म में बनाया करोड़पति, आपने लगाए हैं पैसे? नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार, एयरलाइनों को करीब 1.6-1.8 बिलियन डॉलर के बीच कंसॉलिडेटेड घाटा जारी रहने की उम्मीद है। इस घाटे के पीछे जेट फ्यूल की कीमतों में उछाल और रुपये में कमजोरी के अलावा एयरलाइनों के आक्रामक विस्तार और एयर इंडिया के रिस्ट्रक्चरिंग जैसे पहलू शामिल हैं। पैसेंजर लोड फैक्टर करीब 85 प्रतिशत के उच्च स्तर पर रहने की उम्मीद है। हालांकि वित्त वर्ष 2024 में आक्रामक विस्तार के चलते इसमें आगे कमी आ सकती है। ब्रोकरेज ने कहा कि हालांकि इस गिरावट के बावजूज लोड फैक्टर, कोरोना-पूर्व के स्तर की तुलना में 28 से 30 प्रतिशत अधिक होने का अनुमान है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि जमीन पर खड़े विमानों के फिर से उड़ान शुरू करने और क्षमता बढ़ाने से लोड फैक्टर पर असर पड़ने की उम्मीद है। एविशन इंडस्ट्री को इस वित्त वर्ष में 75 विमानों के आसमान में वापस लौटने की उम्मीद है। इसके अलावा एयरलाइनों के बेड़े में 41 नए विमान शामिल हो सकते हैं।

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