विदेशी निवेशकों (FPI) ने अप्रैल के महीने में अब तक भारतीय शेयर बाजारों में खरीददार बने रहे हैं। विदेशी निवेशकों ने 13 अप्रैल तक भारतीय शेयर बाजार में 8,767 करोड़ रुपये का निवेश किया है। ऐसी उम्मीद है कि विदेशी निवेश आने वाले वक्त में भी भारतीय बाजारों में अपनी खरीददारी को जारी रखेंगे। हालांकि इस दौरान TCS और Infosys जैसे तकनीकी दिग्गजों के Q4FY23 में स्ट्रीट के अनुमानों की वजह से IT शेयरों के लिए उनकी दिलचस्पी कम हो सकती है। लेकिन इस दौरान विदेशी निवेशक कैपिटल गुड्स, फाइनेंशियल और कंस्ट्रक्शन शेयरों में आगे और खरीदारी कर सकते हैं। क्या कहता है NSDL का डाटा नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) से मिले डाटा के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने 13 अप्रैल तक भारतीय शेयर बाजार में 8,767 करोड़ रुपये का निवेश किया है। वहीं विदेशी निवशकों ने ऑउटफ्लो के साथ डेट मार्केट से नेट 1,025 करोड़ रुपये निकाले हैं। वहीं डेट वीआरआर और हाइब्रिड इंस्ट्रुमेंट्स से भी विदेशी निवेशकों ने 200 करोड़ रुपये और 193 करोड़ रुपये निकाले हैं। पिछले महीने में, FPI ने भारतीय शेयरों में ₹7,936 करोड़ का निवेश किया था। Weekly Stocks: अगले हफ्ते इन पांच शेयरों पर लगाएं दांव, 13% से अधिक मुनाफा कमाने का गोल्डेन चांस भारतीय बाजारों में सकारात्मक बना हुआ है FPI का रुझान भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों का रुझान सकारात्मक बना हुआ है। शेयरों में मजबूत खरीददारी और अप्रैल में अभी तक की बिकवाली के बावजूद विदेशी निवेशकों ने बाजार में 7,349 करोड़ रुपये डाले हैं यानी इनवेस्ट किए हैं। बता दें कि अप्रैल में शेयर मार्केट कई बार बंद भी रहे थे और कम कारोबारी सेशन के बाद भी विदेशी निवेशकों ने बाजार के लिए लचीला रुख अपनाया हुआ है। कुल मिलाकर विदेशी निवेशक साल 2023 के पहले दो महीनों में भारी बिकवाली के कारण शेयर बाजार में नेट सेलर्स रहे हैं। हालांकि मार्च में खरीददारी करने के बाद विदेशी निवेशकों ने अप्रैल में भी भारतीय बाजारों में इनवेस्टमेंट जारी रखा था। साल 2023 में अब तक भारतीय बाजार से उन्होंने 17,443 करोड़ रुपये निकाले हैं। बाजार में दिखाई दी थी रैली अप्रैल के महीने में शेयर बाजार में अच्छी रैली भी देखने को मिली थी। अप्रैल के महीने में शेयर बाजार में 9 दिनों की रैली देखने को मिली थी जो कि अक्टूबर 2020 के बाद दूसरी सबसे बड़ी रैली भी है। अप्रैल में अभी तक हर एक करोबारी दिन के दौरान बाजार हरे निशान में ही बंद रहे हैं। 29 मार्च से 13 अप्रैल के कारोबार के दौरान सेंसेक्स में 4.9 फीसदी से भी ज्यादा की तेजी देखने को मिली थी। जबकि निफ्टी में इस दौरान 5.2 फीसदी से भी ज्यादा की तेजी देखी गई।
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