Monday, April 10, 2023

Daily Voice: बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज, कंज्यूमर स्टेपल और मैन्युफैक्चरिंग में निवेश के अच्छे मौके

Daily Voice: कोटक महिंद्रा असेट मैनेजमेंट कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह ने मनीकंट्रोल को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा है कि ग्लोबल और घरेलू स्तर पर तमाम ऐसी घटनाएं हैं जो वित्त वर्ष 2024 में बाजार के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती हैं। इनमें रूस-यूक्रेन की लड़ाई, तेल की कीमतों में उठा-पटक, अमेरिका में ब्याज दरों पर लिया जाने वाला एक्शन, भारत का 2024 का आम चुनाव और कपनियों के नतीजे जैसे इवेंट शामिल हैं। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का 26 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले नीलेश शाह ने कहा कि कोटक महिंद्रा एएमसी, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज, कंज्यूमर स्टेपल ,कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और मैन्युफैक्चरिंग में वित्त वर्ष 2024 में अपना एक्सपोजर बढ़ा सकती है। उन्होंने आगे कहा कि इन सेक्टर को बढ़ते सरकारी खर्च चाइन प्लस वन रणनीति, भारत की लॉन्ग टर्म ग्रोथ की संभावनाओं और मार्केट में संभावित आउटपरफॉर्मेंस का फायदा मिलेगा। आरबीआई द्वारा ब्याज दरों पर लिया गया विराम सचिन द्वारा एक ट्रिकी पिच पर लगाए गए स्ट्रोक की तरह RBI की पॉलिसी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि आरबीआई द्वारा ब्याज दरों पर लिया गया विराम सचिन द्वारा एक ट्रिकी पिच पर लगाए गए स्ट्रोक की तरह है। आरबीआई के पास यह सुविधा थी कि वो जिस तरफ चाहे को बॉल को हिट कर सकता था। आरबीआई के पास रेट में बढ़ोतरी और और उसमें विराम देने दोनों का विकल्प था। ऐसे में दर बढ़ोतरी पर लगाया गया यह विराम अप्रत्याशित नहीं है। आरबीआई अब अगला कदम उठाने के पहले तमाम आंकड़ों की समीक्षा करेगी। बाजार को उम्मीद है कि आरबीआई ज्यादा से ज्यादा रन जोड़ते हुए महंगाई और ग्रोथ से जुड़े इस मैच को जीत लेगी। इस पर बात का कोई असर नहीं पड़ता कि वो किस दिशा में बॉल हिट करेगी। साल 2024 में बाजार में देखने को मिल सकती है वोलैटिलिटी बाजार पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि साल 2024 में बाजार में वोलैटिलिटी देखने को मिल सकती है। FPI भारत में मुनाफा वसूली करके चीन, कोरिया और ताइवान जैसे बाजार में पैसे लगा सकते हैं। क्योकि भारतीय बाजार इन बाजारों की तुलना में अभी भी महंगा नजर आ रहा है। लेकिन भारत की लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी अभी भी मजबूत है। ऐसे में मार्केट में मोमेंटम का पीछा न करके संतुलित रवैया अपनाने की सलाह होगी। निवेशकों को सलाह है कि वो किसी करेक्शन को नए निवेश के मौके के तौर पर इस्तेमाल करें। लंबी अवधि के नजरिए से निवेशित बने रहें। Taking Stock: शुरुआती बढ़त गंवा कर सपाट बंद हुआ बाजार, जानिए 11 अप्रैल के कैसी रह सकती है इसकी चाल चाइन प्लस वन रणनीति एक उभरती थीम उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार के लिए चाइन प्लस वन रणनीति एक उभरती थीम है। इस पर नजर रखनी चाहिए। दुनिया भर के तमाम बड़े देश अपने सप्लाई चैन चेन को डाइवर्सिफाई करने पर फोकस कर रहे हैं। तमाम कंपनियां चाइना से बाहर निकलकर भारत में अपनी इकाइयां लगा रही हैं। इससे भारत का मैन्युफैक्चरिंग बेस ग्रोथ कर रहा है। इस बदलाव से भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को फायदा होगा। लंबी अवधि के नजरिए से ये भारत की ग्रोथ को मजबूती देगा।   डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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