Weather Updates: एक सदी में सबसे ज्यादा गर्म रहे फरवरी महीने के बाद, भारत में पिछले साल की भीषण गर्मी (Summer) एक बार फिर झूलसाने वाले है। भारत के मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस साल मार्च, अप्रैल और मई में सामान्य से ज्यादा गर्म रहने की चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने कहा कि मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत में आने वाले महीनों में लू (Heatwave) चलने की बहुत ज्यादा संभावना होगी। भारत में 2022 में भीषण गर्मी पड़ी थी, जो पड़ोसी देश पाकिस्तान समेत ज्यादातर उपमहाद्वीप में फैली थी। गर्मी की लहर, जो मार्च और अप्रैल के बीच हुई, जिसके कारण 90 लोगों की मृत्यु हुई और 1901 के बाद से इस रीजन में सबसे गर्म मार्च देखा गया। कैसी तैयारी कर रही है सरकार? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अगले कुछ महीनों के लिए सरकार की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक हाई लेवल बैठक की। पीएम मोदी को रबी फसलों पर संभावित असर और फसल की कटाई पर सामान्य मानसून के असर के बारे में जानकारी दी गई। बहुत ज्यादा गर्मी के लिए शमन उपायों के साथ-साथ गर्मी से ज्यादा आपदाओं की बात आने पर पीएम को मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति के बारे में भी जानकारी दी गई। अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों को भी फायर ऑडिट करने और मॉक फायर सेफ्टी ड्रिल चलाने के लिए कहा गया है, क्योंकि हीटवेव के दौरान अचानक आग लगने का खतरा बहुत ज्यादा खतरा होता है। बैठक में, भारतीय खाद्य निगम को ये सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया था कि बहुत ज्यादा गर्मी की स्थिति में भी आरक्षित अनाज और बफर स्टॉक को ठीक से रखा जाए। IMD को डेली वेदर फोरकास्ट तैयार करने के लिए भी कहा गया था, जिसे जनता तक आसानी से पहुंचाया जाए और आसानी से समझा जा सके। साथ ही, टीवी न्यूज चैनलों और FM रेडियो को भी डेली वेदर फोरकास्ट को शेयर करने और समझाने के लिए कहा गया है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि सभी नागरिक मौसम के बारे में जागरूक हों। प्रधान मंत्री ने कहा कि गर्मी मौसम के लिए प्रोटोकॉल और क्या करें और क्या न करें तैयार करने और सभी फॉर्मेट में शेयर करने की जरूरत है, ताकि लोगों के पास हर समय अहम जानकारी पहुंच जाएं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने पहले ही हीटवेव से निपटने के लिए क्या करें और क्या न करें पर अलग-अलग जानकारियां तैयार की और शेयर की है। गर्मी की लहर के दौरान प्रमुख चिंताएं फसलों और फूड सप्लाई, बिजली प्रोडक्शन और नागरिकों के स्वास्थ्य पर असर है। भीड़-भाड़ से अलग इन जगहों पर मनाएं Holiday, रिफ्रेश हो जाएंगे, जानें ये 5 ऑफबीट डेस्टिनेशन खेतीबाड़ी पर असर की बात की जाए, तो लू के लगातार दूसरे साल गेहूं, अंगूर के बीज, छोले और दूसरी रबी फसलों पर असर पड़ने की आशंका है। पिछले साल, सरकार ने गेहूं और दूसरा अनाज के निर्यात पर रोक लगा दी थी। हालांकि, ये फैसाल 2023 की स्थिति के आधार पर वापस लिया जा सकता है। सरकार पहले से ही आने वाले महीनों में चरम बिजली की मांग को पूरा करने की तैयारी कर रही है, जिससे बिजली प्रोडक्ट को प्रोडक्शन में काफी बढ़ोतरी करने के लिए कहा जा रहा है। गैस से चलने वाले बिजलीघर नेचुरल गैस के बढ़े हुए आयात से भरे जाएंगे। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने मानसून के आने के बाद कम होने से पहले, अप्रैल के दौरान बिजली की अधिकतम मांग 229 GW तक पहुंचने का अनुमान लगाया है। बिजली मंत्री आरके सिंह पहले ही बिजली उत्पादकों को ये सुनिश्चित करने के लिए कह चुके हैं कि पीक महीनों के दौरान लोड-शेडिंग न हो, साथ ही केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण को ये सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है कि अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोयले का सही आवंटन हो। भारतीय रेलवे ने आने वाले महीनों में कोयले की मांग में लगातार बढ़ोतरी की उम्मीद करते हुए अपने कोयला परिवहन में पहले ही बढ़ोतरी कर दी है। राज्य सरकारें भी आने वाली लू से निपटने के लिए सक्रिय रूप से योजनाएं बना रही हैं।
from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/5J0Mluc
via
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
The Doha accord would see thousands of American troops quit Afghanistan in a phased plan after more than 18 years in return for various secu...
-
A mysterious dissident group accused of breaking into the North Korea's embassy in Madrid last month said on Thursday it was temporarily...
-
The launch on Monday came two days North Korea's state media said leader Kim Jong Un supervised an artillery drill aimed at testing the ...
No comments:
Post a Comment