भारत एक गंभीर H3N2 प्रकोप से जूझ रहा है। भारतीय राज्यों खासतौर से पश्चिम बंगाल में एडेनोवायरस (Adenovirus) के मामलों में एक उछाल के कारण, ऐसी आशंका है कि Covid-19 के संक्रमणों में भी बढ़ोतरी हुई है। अगर ये सही साबित होता है, तो किसी दोहरी से कम नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि, इन्फ्लूएंजा (H3N2 Influenza) का एक सबटाइप H3N2 के मामले भारत में काफी तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसमें अब तक तीन मौतें हुई हैं और 5 मार्च तक कुल 451 मामले सामने आए हैं। इस बीच, बंगाल में एडेनोवायरस का प्रकोप ज्यादा घातक साबित हुआ है। अब तक 19 बच्चों की मौत हो चुकी है और कई अस्पताल में भर्ती हैं, कुछ ICU में भी भर्ती हैं। साथ ही Covid-19 के 524 नए केस भी सामने आने के साथ, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने टास्क फोर्स के साथ स्टैंडबाय रहते हुए, इसे लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। SRL डायग्नोस्टिक्स की सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट डॉ. रश्मी खडपकर कहती हैं, "एडेनोवायरस H3N2 और Covid-19 से कहीं ज्यादा खतरनाक और घातक है।" वह कहती हैं, “वर्तमान स्ट्रेन बच्चों के लिए ज्यादा घातक है और मृत्यु दर 20-50 प्रतिशत के बीच है। एडेनोवायरस के 100 से ज्यादा टाइप में से 6 टाइप को ज्यादा गंभीर संक्रमण और यहां तक कि मृत्यु का कारण बनने के लिए जाना जाता है। वे टाइप 3, 4, 7, 8, 14 और 55 हैं।" रिपोर्टों के अनुसार, बंगाल में संक्रमण में बढ़ोतरी के पीछे एडेनोवायरस टाइप 3 और 7 हैं। खडपकर आगे कहती हैं, "टाइप 14 सबसे घातक है, लेकिन अब तक, टाइप 3 और 7 भारत में संक्रमण में बढ़ोतरी कर रहे हैं।" Moneycontrol ने देश भर के संक्रामक रोग विशेषज्ञों से बात की, ताकि पता चल सके कि एडेनोवायरस, H3N2 और Covid-19 संक्रमण के बीच अंतर कैसे किया जा सकता है। क्या हैं लक्षण और इनमें अंतर भले ही बुखार, नाक बहना और थकान इन तीनों में आम लक्षण हैं, लेकिन पीडी हिंदुजा अस्पताल में संक्रामक रोगों के सलाहकार डॉ. उमंग अग्रवाल का कहना है कि एडेनोवायरस से संक्रमित लोगों में आंख आने यानी कंजक्टिवाइटिस की आशंका होती है। एडेनोवायरस में आंखों का लाला होना, जलन होनो और काफी ज्यादा पानी बहना एक आम लक्षण है। उन्होंने कहा, “अगर मरीज को कंजंक्टिवाइटिस के साथ-साथ लंबे समय तक तेज बुखार रहता है, तो ये एडेनोवायरस होने की संभावना है। लिम्फ नोड्स होना भी एक दूसरा लक्षण है, जिसका क्लीनिकल टेस्टिंग से पुष्टि कराई जा सकता है। Covid-19 के मामले दोबारा से बढ़ना हुए चालू, एक दिन में ही सामने आए 1,000 से ज्यादा मरीज सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल के को-डायरेक्टर, इनफेक्शन डिजीज, डॉ. वसंत नागवेकर कहते हैं, हालांकि H3N2 के लिए, सब अह लक्षण दर्दनाक खांसी के साथ तेज बुखार है, जो ब्रोंकाइटिस में विकसित होता है। उन्होंने कहा, “H3N2 के मामले में, जब तेज बुखार कम हो जाता है, तब भी मरीज खराब खांसी की शिकायत करते हैं। जबकि Covid-19 में, नाक बहना, स्वाद और गंध की नहीं आना ज्यादा आम है। डॉ. नागवेकर अलग-अलग लक्षणों में इस तरह अंतर किए हैं: Covid-19: हल्का बुखार, जो थोड़े समय के लिए रहता है और साथ ही नाक बहना और स्वाद और सूंघने की क्षमती खत्म हो जाती है। H3N2: तेज बुखार, जिसके दौरान दर्दनाक खांसी होती है, जो हफ्तों तक रहता है और ब्रोंकाइटिस में विकसित होता है। एडेनोवायरस: काफी तेज बुखार, जो 7 दिनों तक रहता है। ये बुखार 10 से 14 दिनों तक भी रह सकता है। इसमें आंख आना, एक आम लक्षण है। कब हों सतर्क Covid-19 की पहली लहर में, पॉजिटिव टेस्ट करने वालों को उनके ऑक्सीजन लेवल की निगरानी के लिए ऑक्सीमीटर दिए गए थे और 94 प्रतिशत से नीचे गिरने पर इमरजेंसी में भर्ती होने की सलाह दी गई थी। H3N2 और Covi-19 के लिए: बहुत ज्यादा खांसी, सांस फूलना और कम ऑक्सीजन लेवल ये सभी वार्निंग साइन हैं, जिन पर ध्यान देना चाहिए। अगर ये लक्षण बने रहते हैं, तो अपने डॉक्टर के पास या इमरजेंसी यूनिट में जाएं। एडेनोवायरस के लिए: बहुत तेज बुखार और सांस की गंभीर समस्या, संकेतों के लिए काफ हैं। अगर ये लक्षण लंबे समय तक रहते हैं, तो चिकित्सा सहायता लेने पर विचार करें।
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