पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन गेमिंग में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। कई लोगों ने इस बतौर प्रोफेशन खेलना शुरू किया है। वे कमाई या अतिरिक्त कमाई के लिए इसे खेल रहे हैं। गेम्स, हॉर्स रेस, लॉटरी आदि से होने वाली कमाई पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 194बी, 194BB और 115BB लागू होते हैं। ऑर्गेनाइजर पर गेम्स के विजेता को मिलने वाली प्राइज मनी पर TDS काटने की जिम्मेदारी होती है। सेक्शन 115BB के तहत ऐसे गेम्स, रेस, लॉटरी आदि से विजेता को मिलने वाले पैसे पर इनकम टैक्स के 30 फीसदी रेट का प्रावधान है। सरचार्ज के साथ ही हेल्थ और एजुकेशन सेस भी टैक्स के अमाउंट पर चुकाना पड़ता है। ऑर्गेनाइजर जब प्लेयर्स को प्राइज मनी देता है तो उसे उस पर TDS काटना होता है। इनकम टैक्स के खास सेक्शन के तहत TDS डिडक्ट किया जाता है। संबंधित सेक्शन में TDS के लिए टैक्स के रेट और तरीके का उल्लेख होता है। गेम्स, लॉटरी, क्रॉसवर्ड पजल, कार्ड गेम और दूसरे गेम से प्राइज मनी 10,000 रुपये से ज्यादा होने पर TDS के लिए सेक्शन 194B लागू होता है। इसी तरह किसी रेस कोर्स में हॉर्स रेसिंग या बेटिंग पर TDS के लिए सेक्शन 194BB लागू होता है। यह भी पढ़ें : इंटरेस्ट रेट बढ़ने के बावजूद 30-50 और 50-70 लाख रुपये के सेगमेंट में होम लोन की डिमांड बढ़ी है यूनियन बजट 2023 में स्पष्ट किया गया है कि अब तक इनकम टैक्स के मकसद से ऑनलाइन गेम्स से मिलने वाले प्राइज भी सेक्शन 194B और 115B के तहत आते थे। बजट 2023 में गेम्स, रेस और लॉटरी जीतने से मिलने वाले पैसे पर TDS के नियमों में कई बदलाव किए गए हैं। ऑनलाइन गेमिंग पर TDS और इनकम टैक्स के कैलकुलेशन के लिए अलग टैक्स शुरू किया गया है। इसमें गेम्स और पेमेंट के अलग-अलग ऑप्शंस को ध्यान में रखा गया है। 1. गेम्स, लॉटरी, रेस आदि पर TDS एग्रीगेट अमाउंट पर लगेगा न कि इंडिविजुअल ट्रांजेक्शन पर अभी टीडीएस तब काटा जाता है जब विजेता को चुकाए जाने वाला अमाउंट एक सिंगल ट्रांजेक्शन में 10,000 रुपये की सीमा पार कर जाता है। 1 अप्रैल, 2023 से एक फाइनेंशियल ईयर में ऐसे गेम्स से कुल विनिंग अमाउंट पर TDS लागू होगा न कि इंडिविजुअल ट्रांजेक्शन के आधार पर। उदाहरण के लिए पहले गेम में एक व्यक्ति (एक फाइनेंशियर ईयर में) 3000 रुपये जीतता है। दूसरे गेम में वह 4000 रुपये जीतता है और तीसरे गेम में वह 5000 रुपये जीतता है तो तीसरे गेम के 5000 रुपये के विनिंग अमाउंट के पेमेंट के वक्त ऑर्गेनाइजर को 12,000 रुपये के अमाउंट पर TDS काटना होगा। 2. ऑनलाइन गेमिंग के लिए TDS और इनकम टैक्स के कैलकुलेशन के लिए अलग सेक्शन बजट 2023 में सेक्शन 194B में संशोधन का प्रस्ताव है। इस सेक्शन के दायरे से ऑनलाइन गेम्स को हटाने के लिए यह संशोधन किया गया है, जो 1 जुलाई, 2023 से लागू हो जाएगा। उस तारीख के बाद ऑनलाइन गेम्स के विनिंग अमाउंट पर TDS कलेक्शन के लिए एक नया सेक्शन 194BA लाया गया है। ऑनलाइन गेमिंग के टोटल विनिंग अमाउंट पर इनकम टैक्स के कैलकुलेशन के लिए एक नया सेक्शन 115BBJ लाया गया है, जो फाइनेंशियल ईयर 2023-24 से लागू होगा। 3. ऑनलाइन गेमिंग पर इनकम टैक्स के कैलकुलेशन का तरीका ऑनलाइन गेमिंग पर TDS के कैलकुलेशन के लिए बजट 2023 में अलग तरीका बताया गया है। इसके मुख्य प्वॉइंट्स निम्नलिखित हैं: (I) जब यूजर अकाउंट से कोई विड्रॉल नहीं किया जाता है तब TDS का कैलकुलेशन फाइनेंशियल ईयर के अंत में यूजर अकाउंट से ऑनलाइन गेम के नेट विनिंग अमाउंट पर टीडीएस काटा जाएगा (II) साल के दौरान यूजर अकाउंट से विड्रॉल होने पर टीडीएस का कैलकुलेशन फाइनेंशियल ईयर के दौरान यूजर अकाउंट से विड्रॉल की स्थिति में ऑनलाइन गेमिंग कंपनी की तरफ से हर विड्रॉल पर टीडीएस काटा जाएगा। यह यूजर के कुल विड्रॉन अमाउंट में से नेट विनिंग अमाउंट पर होगा। इसके अलावा फाइनेंशियल ईयर के अंत में यूजर अकाउंट से नेट विनिंग अमाउंट के बाकी अमाउंट पर भी टीडीएस काटा जाएगा। (III) नेट विनिंग अमाउंट का कैलकुलेशन बजट 2023 में 'नेट विनिंग्स' पर कैलकुलेशन के तरीके में नहीं बताया गया है। इसके बारे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अलग से नोटिफिकेशन जारी करेगा। (IV) जब पैसे के मामले में दूसरे तरीके (बैंक अकाउंट या कैश में पेमेंट के जरिए ट्रांसफर) या कुछ पेमेंट पैसे में और कुछ दूसरे तरीके से होता है तो नेट विनिंग्स पर टीडीएस काटा जाता है कई बार प्राइज और विनिंग्स का पेमेंट गिफ्ट, वाउचर, कूपन आदि के रूप में होता है। ऐसे मामलों में अगर नेट विनिंग्स का अमाउंट जो व्यक्ति को सीधे चुकाया जाता है वह टीडीएस के अमाउंट को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है तो ऑनलाइन गेमिंग कंपनी प्राइज/विनिंग को रिलीज करने से पहले टीडीएस का अमाउट रिकवर करेगी और उसे सुनिश्चित करना होगा कि टीडीएस का कैलकुलेशन सही तरह से किया जाए और इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास जमा कराया जाए। (V) ऑनलाइन गेमिंग पर इनकम टैक्स के रेट ऑनलाइन गेमिंग से विनिंग्स पर लागू होने वाला टैक्स सेक्शन 115BBJ के तहत 30 फीसदी बताया गया है। इस पर सरचार्ज के साथ ही हेल्थ और एजुकेशन सेस भी चुकाना होगा। अभी तक ऑनलाइन गेमिंग पर इनकम टैक्स के कैलकुलेशन को लेकर काफी कनफ्यूजन था। इस कनफ्यूजन को दूर करने के लिए उपर्युक्त कप्यूटेशन लाया गया है। अब ऑनलाइन गेमिंग के सभी यूजर पर एकसमान तरह से टैक्स लगेगा। हालांकि, रेसेज और गैंबलिंग को छोड़ा ज्यादातर ऑनलाइन गेमिंग गेम्स में ज्यादा कमाई करने के लिए स्पेशल स्किल और टैलेंट की जरूरत पड़ती है। कुछ गेम्स में तो कंप्यूटर्स और दूसरे इक्विपमेंट में बड़े निवेश की भी जरूरत पड़ती है। इसलिए 30 फीसदी का फ्लैट टैक्स लगाने का मतलब यह है कि विनिंग अमाउंट से इस तरह के खर्च के डिडक्शन की इजाजत नहीं होगी। इसका अलावा ऑनलाइन गेमिंग पर न्यू टैक्स रीजीम के तहत उपलब्ध 3 लाख रुपये की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट और ओल्ड रीजीम के तहत 2.5 लाख रुपये की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट भी उपलब्ध नहीं होगी। इससे फिजिकल गेम्स के मुकाबले ऑनलाइन गेम्स के प्लेयर्स को कुछ नुकसान है। (अभिषेक अनेजा सीए हैं। वह इनकम टैक्स से जुड़े मामलों के एक्सपर्ट हैं)
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