Wednesday, January 25, 2023

Pathaan Movie Review: कुर्सी की पेटी बांध लीजिए...पठान ने मौसम किया खराब या ऑडियंस को आएगा मजा, जीनिए कैसी है फिल्म

बादशाह, किंग खान और किंग ऑफ रोमांस यानी शाहरुख खान (Shahrukh khan)। ये वो नाम है जो एक वक्त तक हिट फिल्मों का पर्याय हुआ करता था। लेकिन पिछले कुछ साल नहीं कुछ साल नहीं बल्कि पिछले पांच सालों के दौरान शाहरुख के खाते में फिल्मों के नाम पर कुछ था तो बस 'जीरो' (Zero)। अब रॉकेट्री और ब्रह्मास्त्र जैसी फिल्मों में कैमियो करने करने के बाद फाइनली एसआरके (SRK) ने वापसी की है पठान (Pathaan) बनकर। ऑडियंस को तो उन्होंने पहले ही कुर्सी की पेटी बांधने का डिस्क्लेमर दे दिया था क्योंकि मौसम खराब जो होने वाला था। तो पठान ने ऑडियंस का मौसम खराब किया या बनाया आइये जानते हैं। बिरयानी मूवी है Pathaan अगर बात पठान की हो रही है और बिरियानी का जिक्र ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। शाहरुख खान ने भी अपनी ऑडियंस को फिल्म के तौर पर बिरयानी परोसी है। एक अच्छी बिरियानी तब तैयार होती है जब उसे धीमी आंच पर देर तक दम लगाकर पकने के लिए छोड़ दिया जाय। पठान के साथ कमोबेश वैसा ही करने की कोशिश की गई है। इस फिल्म में दम लगा है एक्शन का, मसाला है पिक्चराइजेशन और लोकेशन का, शाहरुख तो खैर बासमती चावल की तरह से हैं ही। दीपिका (Deepika Padukon) ने इसमें हॉटनेस का तड़का लगाया है। जॉन (Jhon Abraham) ने विलेन के तौर पर बिरियानी को तीखा बनाने का काम किया है। वहीं फिल्म में सलमान (Salman Khan) का कैमियो उस करी या सालन की तरह से है जो स्वाद बढ़ाने के काम आता है और केवड़े के तौर पर फिल्म में डिंपल कपाड़िया और अशुतोष राणा हैं। हालांकि डिंपल और आशुतोष की स्क्रीन टाइमिंग कम है लेकिन जह उनके दर्जे के एक्टर स्क्रीन पर आते हैं तो उनको देखना हमेशा अच्छा ही लगता है। सबसे आखिर में डायरेक्टर या यूं कहें इस बिरियानी के शेफ सिद्धार्थ आनंद (Sidhhart Anand) ने देशभक्ति के धनिये से गार्निशिंग करके मूवी को हमारे समाने परोसा दिया है। एक्शन, कहानी, लोकेशन और स्रीनप्ले ने बढ़ाया है स्वाद पठान की कहानी शुरू होती है कश्मीर में आर्टिकल 370 के हटने से। पाकिस्तानी फौज आर्टिकल 370 हटाने के लिए इंडिया को सबक सिखाना चाहती है। सबक सिखाने का जिम्मा दिया जाता है एक शैतान को। शैतान यानी फिल्म का विलेन जो बने हैं जॉन अब्राहम। जॉन अब्राहम शुरु में ही एक डायलॉग मारते हैं "गोली एक बार निकल गई तो वापस बंदूक में नहीं जाती", पूरी फिल्म में जॉन गोली की तरह से ही हैं जिनका केवल एक निशाना है 'भारत माता की बर्बादी'। भारत माता की बर्बादी के इस मिशन के लिए जॉन ने अलग अलग देशों के जासूसों को अपने टेरर ऑर्गनाइजेशन में शामिल किया है।अब इस बर्बादी को कोई रोक सकता है तो सिर्फ एक और वो है पठान। फिल्म में स्पाई यूनिवर्स को भी स्टेबलिश करने की कोशिश की गई है। जॉन का कनेक्शन इंडियन आर्मी से भी है और 'वॉर' वाले कबीर से भी। ये कनेक्शन क्या है इसके लिए तो आपको फिल्म देखनी होगी। एक्शन सीन हैं इस फिल्म की जान पठान को अगर आप नॉनवेज बिरियानी की तरह से लें तो एक्शन सीन इसमें लेग पीस या नल्ली की तरह से है। वहीं वेज बिरियानी के शौकीन इसे पनीर की तरह से डील कर सकते हैं। इसके एक्शन सीक्वेंस काफी शानदार तरीके से शूट किए गए हैं। खास तौर पर फाइट और चेजिंग सीक्वेंस को देखने में मजा आता है। दीपिका के खाते में भी अच्छे एक्शन सीक्वेंस हैं जो पठान को स्पाई यूनिवर्स की दूसरी फिल्मों से एक ग्रेड ऊपर उठाते हैं। वहीं अफगानिस्तान के प्लॉट को भी इस फिल्म में सेट करने की कोशिश की गई है पर वो फिल्म के नाम से ज्यादा और कोई एलिमेंट ऐड नहीं कर पाते हैं। हालांकि बाकी की स्पाई या एजेंट फिल्मों में इतर पठान में दिखाया गया टेरर ग्रुप एक फ्रीलांसर है साथ ही कूल और फैशनेबल भी। इस टेरर ग्रुप का कोई मकसद नहीं है आप इसे पैसे दीजिए और बदले में आपको मिलेगी बर्बादी। सलमान के कैमियो ने बढ़ाया जायका फिल्म के शुरू होने से पहले सलमान खान की अपकमिंग फिल्म का टीजर देखने को मिलता है और इंटरवल के ठीक बाद उनका कैमियो। सलमान का कैमियो पठान और यशराज बैनर की स्पाई यूनिवर्स की कहानी को आगे बढ़ाता है। सलमान और शाहरुख का एक फाइटिंग सीक्वेंस है। जिसे चलती ट्रेन के छत पर शूट किया गया है। इस फाइटिंग सीक्वेंस के दौरान दोनों का 'ब्रोमांस' भी नजर आता है। साथ ही इस कैमियो में आपको टाइगर 3 से जुड़ा भी एक इंपॉर्टेंट हिंट मिलेगा। कैसे हैं फिल्म के गाने और बीजीएम बेशरम रंग के विवाद को अगर जाने दें तो इस फिल्म के गाने कुछ खास नहीं हैं। लेकिन फिल्म के बैकग्राउंड स्कोर पर बढ़िया काम किया गया है। बैकग्राउंड स्कोर फिल्म के एक्शन, फाइट और चेंजिंग सीक्वेंस का लेवल अप करते हैं। वहीं इस दौरान कैमरा, पिक्चराइजेशन और सिनेमैटोग्राफी में भी बढ़िया काम किया गया है। Pathaan: जानें क्यों SRK की 'पठान' देख फैंस को आई अमिताभ बच्चन और नूतन की फिल्म 'सौदागर' की याद स्वाद खराब करती हैं ये चीजें फिल्म में कुछ बाते हैं जो काफी खटकती भी हैं। मसलन किसी दूसरे देश की सड़कों पर एक टेरिरिस्ट किसी साइंटिस्ट को किडनैप कर रहा है और एक एजेंट की उससे फाइट हो रही है। लेकिन सब कुछ बेहद ही नॉर्मल तरीके से घट रहा है। मतलब की उस देश की पुलिस, इंटेलिजेंस, मीडिया, पब्लिक किसी को कुछ फर्क ही नहीं पड़ रहा। ठीक इसी तरह से एंडिया का एक एजेंट रशिया से कुछ बेहद ही सीक्रेट चुरा लेता है और वो भी बड़ी आसानी से। वहीं रोमांस और इंटरवल से ठीक पहले का हिस्सा भी कमजोर कड़ी है। बिरियानी में इलाइची की तरह है शाहरुख दीपिका का रोमांस बिरियानी खाते वक्त अगर कौर में इलाइची आ जाए तो एक बार के लिए पूरा मजा खराब हो जाता है। फिल्म में ठीक ऐसा ही फील शाहरुख और दीपिका का रोमांस देख कर आता है। इंटरवल से ठीक पहले 'विवादित बेशरम रंग' (Besharam Ranag) गाने से शुरु होने वाला रोमांस कई सारे सीन्स में बिना मतलब सा लगता है। अगर फिल्म में ये रोमांटिक एंगल न होता तो भी कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला था। लेकिन अब शाहरुख की फिल्म है को रोमांस होगा ही। यहां पर वही मजबूरी नजर आती है। इसके अलावा इंटरवल से ठीक पहले फिल्म की ग्रिप भी थोड़ी ढीली होती नजर आती है। वहीं इंटरवल के बाद आने वाला सलमान का कैमियो जब खत्म होता है उस वक्त भी इंटरवल वाला ही फील आता है। एक बार देखी जा सकती है फिल्म कुल मिलाकर पठान एक बिरियानी मूवी है। जिसे एक बार तो देखा जा सकता है। वैसे भी पिछले कुछ वक्त से साउथ के सिनेमा ने बॉलिवुड का जायका खराब करके रखा है। फिल्म में एक सीन है जहां सलमान शाहरुख को पेन किलर देते हैं। अब ये फिल्म बॉलिवुड और शाहरुख दोनों के लिए ही पेनकिलर साबित होती है या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा। ऐसे में अगर आप शाहरुख या एक्शन मसाला फिल्मों के फैन हैं तो इसे एक बार देख सकते हैं। नहीं तो अपने 250 रुपये आप असल की बिरियानी खाने में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। च्वाइस आपकी है। अगर हम अपना टेक बताएं तो हम इस फिल्म को पांच में से साढ़े तीन स्टार देना चाहेंगे।

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