Tuesday, January 31, 2023

Budget 2023: अपनी ही सरकार के टैक्स को 'खतरनाक' बता खुद PM बन गया था यह वित्त मंत्री, इंदिरा गांधी के साथ हुआ था 'खेल'

Union Budget 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) कल यानी एक फरवरी को संसद में मोदी 2.0 सरकार का आखिरी पूर्ण बजट (Union Budget 2023-2024) पेश करेंगी। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। एक फरवरी को सुबह 11 बजे से लोकसभा में वित्त मंत्री का भाषण शुरू होगा। निर्मला सीतारमण सैलरी धारकों और छोटे व्यवसायों में लोगों के लिए आयकर राहत की घोषणा कर सकती हैं। हाल के दिनों में बढ़ती महंगाई और नौकरियों के संकट के महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। 1947 से लेकर अब तक 89 बार बजट पेश किया जा चुका है। भले ही बजट वित्त मंत्री पेश करे, लेकिन उनके जरिए सरकार और सत्ताधारी पार्टी का विजन आम लोगों के समक्ष पेश होता है। अगले साल चुनाव है, तो इस बजट से लोगों को कुछ ज्यादा ही उम्मीदे है। बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का एक-एक शब्द मोदी सरकार का भविष्य निर्धारित करेगी। दरअसल, इसका जिक्र हम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि एक बार मोरारजी देसाई जब वित्त मंत्री थे तो उन्होंने इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लाए गए टैक्स को खतरनाक बताकर खूब सुर्खियां बटोरी और कुछ साल बाद खुद प्रधानमंत्री बन गए। यह घटना 1968 का है। उस वक्त इंदिरा गांधी की सरकार में मोरारजी देसाई वित्त मंत्री थे। मोरारजी देसाई ने उस साल अपनी सरकार का बजट पेश किया था। इस दौरान अपने बजट भाषण में उन्होंने नए टैक्स को "खतरनाक हिस्सा" कहा था। साथ ही यह भी कहा था कि इसे "प्लास्टिक सर्जरी" करने की आवश्यकता है। केंद्रीय वित्त मंत्री का अपने सरकार के खिलाफ यह बयान काफी दुर्लभ था। देसाई ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षाओं को भी हवा दी। ये भी पढ़ें- Budget 2023: ट्रेनों को पूरी तरह सेफ बनाने की तैयारी में सरकार, बजट में 25% बढ़ा सकती है आवंटन उस वक्त उनका बजट भाषण काफी दिनों तक चर्चा में रहा। इस घटना के करीब नौ साल बाद जब इंदिरा गांधी ने देश से इमरजेंसी हटाया तो 1977 में आम चुनाव हुए। देसाई उस वक्त कांग्रेस का साथ छोड़ चुके थे। उस वक्त देश में नई राजनीतिक ताकत के रूप में जनता पार्टी अस्तित्व में आई थी। इस आम चुनाव में जनता पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की और मोरारजी प्रधानमंत्री बन गए। 1989 में इतिहास ने खुद को फिर दोहराया जब एक और वित्त मंत्री वीपी सिंह, राजीव गांधी की जगह पीएम बन गए। मोरारजी देसाई ने अबतक सबसे ज्यादा बार बजट पेश किया है। करीब 10 बार मोरारजी देसाई बजट पेश कर चुके हैं, जिसमें दो अंतरिम बजट और 8 आम बजट शामिल है। उनका ये रिकॉर्ड अबतक किसी दूसरे वित्तमंत्री ने नहीं तोड़ा है। देसाई देश के चौथे प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं।

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