यूनियन बजट 2023-जैसे- जैसे बजट की तारीख नजदीक आ रही है लोगों की उम्मीदें बढ़ती जा रही है। कोई बढ़ती महंगाई तो कोई बढ़ते खर्च की दुहाई दे रहा है और चाहता है कि बजट में सरकार टैक्सपेयर्स को राहत दे ताकि वो अपनी जेब में ज्यादा से ज्यादा पैसे रख सकें । यह संभावनाएं इसलिए भी ज्यादा प्रबल हो रही है क्योंकि यह मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी फुल बजट है। यानी साफ शब्दों में कहे तो सरकार के पास मिडिल क्लास को लुभाने का यह आखिरी मौका है। ऐसे में टैक्सपेयर्स बजट 2023 में इनकम टैक्स छूट की सीमा या स्टैंडर्ड कटौती को बढ़ाए जाने की उम्मीद की जा रही है। जानकारों का कहना है कि वर्तमान 2.5 लाख रुपये से यह सीमा 5 लाख रुपये तक बढ़ाने की मांग की जा रही है। आपको यह भी बताते चलें कि 2014 से आयकर सीमा में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि टैक्स में राहत को लेकर वित्त मंत्रालय में विचार-विमर्श जारी है और अटकलें लगाई जा रही हैं कि केंद्रीय बजट 2023 में इनकम टैक्स छूट की सीमा या स्टैंडर्ड कटौती को बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में सीएनबीसी-आवाज़ के बजट स्पेशल टैक्स गुरू में ये जानने की कोशिश हो रही है कि क्या इनकम टैक्स छूट की सीमा या स्टैंडर्ड कटौती को 2.5 लाख रुपये से बढ़ना चाहिए। इस चर्चा में देश के जाने माने एक्सपर्ट्स मुकेश पटेल, शरद कोहली की क्या राय है। आइए डालते है इसपर एक नजर। Budget 2023: ब्लॉकबस्टर हो सकता है बजट, इकोनामी और बाजार को मिलेगी नई दिशा टैक्स एक्सपर्ट्स मुकेश पटेल का कहना है कि टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख से ज्यादा बढ़ाने के पक्ष में नहीं हूं लेकिन साथ ही यह भी कहना चाहूंगा कि सरकार को 5 लाख रुपये का थ्रेसहोल्ड लिमिट बढ़ाना चाहिए। हमारे टैक्स के रेशनलाइजेशन ऑफ रेट यानी 5 फीसदी के बाद सीधा 20 फीसदी की बढ़ोतरी होती है सरकार को उस टैक्स स्लैब को रेशनलाइज करना चाहिए। ताकि ज्यादा लोगों को IT के दायरे में लाया जा सकें। अगर सरकार इनकम टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से यह सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये करती है तो महज 12500 का फायदा होता है और वह फायदा एक अपरक्लास (करोड़पति) को भी मिलता है। इससे अच्छा अगर इस 12500 रुपए का फायदा रिबेट में ही इनबिल्ट किया जाता है तो ऐसा करना ज्यादा फायदेमंद होगा । वहीं दूसरे टैक्स एक्सपर्ट्स शरद कोहली का कहना है कि 7 करोड़ लोगों ने रिटर्न फाइल किए और सिर्फ 1.5 करोड़ लोगों ने टैक्स भरा। 140 करोड़ जनता में सिर्फ 1.5 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स भरा है। शरद कोहली का कहना है कि 2.50 लाख रुपए की टैक्स सीमा नहीं बढ़ानी चाहिए। बल्कि सरकार को टैक्स का बेस बढ़ाने की जरुरत है। क्योंकि 2.50 से 5 लाख रुपए तक के टैक्स स्लैब में आनेवाले ज्यादा लोगों पर ज्यादा टैक्स की देनदारी नहीं बनती है । टैक्स का बेस बढ़ाना चाहिए।
from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/42p7ZGv
via
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
A mysterious dissident group accused of breaking into the North Korea's embassy in Madrid last month said on Thursday it was temporarily...
-
The Doha accord would see thousands of American troops quit Afghanistan in a phased plan after more than 18 years in return for various secu...
-
Tony Chung, 20, was charged with secession, under a sweeping national security law, and money laundering in October 2020. from Top World N...
No comments:
Post a Comment