कमोडिटी मार्केट और खास कर एग्री कमोडिटी मार्केट में पूरे साल काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला है। इस साल कॉटन के भाव 1 लाख रुपए के भी पार जाते हुए दिखे हैं। तो ग्वार पैक में भी रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली। वहीं मासलों में भी काफी उतार चढ़ाव रहा। आइए देखते हैं कि साल 2022 कॉटन,ग्वार गम, ग्वार सीड और मसालों के लिए कैसा रहा। सबसे पहले नजर डालते हैं कॉटन पर। कॉटन की जारी है उड़ान ! MCX पर कॉटन में तेजी जारी है। लगातार चौथे महीने इसके भाव 31000 रुपए के ऊपर हैं। कॉटन के भाव मार्च 2022 से चढ़ने शुरू हुए थे। जून वायदा 52000 रुपए के पार निकल गया था। अगस्त में भी इसके दाम 51000 रुपए के पार थे। कॉटन का हाजिर भाव 1 लाख रुपए के पार निकल गया था। सितंबर से इसकी कीमतों में गिरावट आई है। देश में भाव ग्लोबल भाव से 15 फीसदी ज्यादा है। कीमतें ज्यादा होने से इंपोर्ट नहीं हो रहा है। लागत बढ़ने से 50 फीसदी से ज्यादा मिल्स बंद हैं। मिल्स अपनी आधी क्षमता पर काम कर रही हैं। वहीं NCDEX पर कपास का भाव लगातार दूसरे महीने 1700 रुपए के पार है। सिर्फ अक्टूबर में इसके भाव 1600 रूपए के नीचे गए थे। दिसंबर में इसके भाव 1725.50 रुपए तक पहुंचे थे। सितंबर 2021 से कपास की कीमतों में तेजी आई है। जनवरी-फरवरी 2022 में इसके भाव 2000 रुपए के पार निकल गए थे। 12 में 9 महीने कपास के भाव 1700 रुपए के ऊपर रहे है। ग्वार गम को लगे पर लगातार दूसरे महीने ग्वार गम के भाव 13000 रुपए के पार रहे हैं। नवंबर में इसके दाम 13248 रुपए तक पहुंचे थे। दिसंबर में ग्वार गम ने 13150 रुपए का हाई लगाया था। अप्रैल 2022 के बाद इसके भाव फिर 13000 रुपए के पार चले गए। अप्रैल 2022 में इसके भाव 13385 रुपए तक पहुंचे थे। ग्वार सीड में भी जोरदार तेजी ग्वार सीड लगातार दूसरे महीने 6000 रुपए के पार दिख रहा है।अगस्त 21 से मई 22 तक इसके भाव 6000 रुपए के पार रहे। अक्टूबर-नवंबर 21 में भी इसके दाम 7000 रुपए के भी पार निकल गए थे। जून 22 से कीमतों में गिरावट आई। बता दें की देश से ग्वार का 80 फीसदी एक्सपोर्ट, यूरोप,सऊदी अरब,रूस और अमेरिका को होता है। Market today: कमजोर ग्लोबल संकेतों से बाजार में गिरावट, जानिए सोमवार को कैसी रह सकती है इसकी चाल मसालों की चाल जीरा 2022 में रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंचा। इस साल जीरे का भाव 27760 रुपए तक पहुंचा। चीन की मांग में सुधार से जीरे में उछाल आया है। 2023 में जीरे का कम उत्पदान होने की आशंका है। 2023 में हल्दी का भी उत्पादन कम हो सकता है। हल्दी की नई फसल अप्रैल 2023 में आएगी। अच्छी बुआई से 2023 में धनिये का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। 2022 में मसालों की चाल पर नजर डालें तो इस साल हल्दी ने -16%, जीरा ने +68% और धनिया ने -1.5% रिटर्न दिया है।
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