Tuesday, November 15, 2022

Fusion Micro Finance की कमजोर लिस्टिंग से इनवेस्टर्स निराश, क्या शेयर बेच देने चाहिए?

Fusion Micro Finance के शेयरों की लिस्टिंग 15 नवंबर को दमदार नहीं रही। डिस्काउंट पर लिस्टिंग (Listing on discount) ने इनवेस्टर्स को निराश कर दिया। कारोबार के दौरान शेयरों में गिरावट देखने को मिली। घटता मार्जिन और बैड लोन की आशंका इनवेस्टर्स को परेशान कर रही है। एनालिस्ट्स का कहना है कि यह शेयर बहुत ज्यादा रिस्क और बहुत ज्यादा धैर्य रखने वाले इनवेस्टर्स के लिए है। इसकी वजह यह है कि फ्यूजन माइक्रो फाइनेंस के सामने आगे कई तरह के चैलेंजेज दिख रहे हैं। चॉइस ब्रोकिंग के रिसर्च एनालिस्ट सतीश कुमार ने कहा कि हाई इनफ्लेशन के बीच माइक्रो फाइनेंस सेक्टर के लिए रिस्क बढ़ा है। इसके बावजूद कंपनी ने ज्यादा वैल्यूएशन पर अपने शेयर बेचे थे। यह भी पढ़ें : Anant Acharya ने कहा, Nifty 6 महीनों में 15200 पर आएगा, फिर पांच साल तक दिखाएगा तेज रफ्तार उन्होंने कहा, "ज्यादा क्रेडिट कॉस्ट की वजह से कंपनी का रिटर्न रेशियो कमजोर है। इसलिए क्रेडिट कॉस्ट के मोर्चे पर किसी तरह के अप्रत्याशित झटके का बड़ा असर रिटर्न रेशियो पर देखने को मिलेगा। जिन निवेशकों को एलॉटमेंट में शेयर मिले हैं, उन्हें प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए।" यह शेयर 15 नवंबर को 2.3 फीसदी डिस्काउंट पर खुला। इसका इश्यू प्राइस 368 रुपये था। कारोबार के अंत में यह 12 फीसदी गिरकर 325 रुपये पर बंद हुआ। फ्यूजन माइक्रो फाइनेंस इंडिया की 10 सबसे बड़ी माइक्रो फाइनेंस कंपनियों में शामिल है। यह महिला उद्यमियों को लोन देती है। इसका बिजनेस ज्वाइंट लायबिलिटी ग्रुप-लेंडिंग मॉडल पर काम करता है। इसमें कुछ महिलाएं मिलकर एक ग्रुप बनाती हैं और एक-दूसरे के लोन की गारंटी देती हैं। कंपनी का फोकस रूरल एरिया पर है। इसकी मौजूदगी पूरे देश में है। बिजनेस का जो मॉडल कंपनी इस्तेमाल करती है, उसके चलते कई बार रिस्क बढ़ जाता है। खासकर हाई इनफ्लेशन के वक्त यह रिस्क बढ़ जाता है, क्योंकि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों पर इनफ्लेशन का ज्यादा असर पड़ता है। मेहता इक्विटीज के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट प्रशांत तापसे ने भी उन इनवेस्टर्स को प्रॉफिट बुक कर लेने की सलाह दी है, जिन्हें कंपनी ने आईपीओ में शेयर एलॉट किए हैं। निवेशक दूसरी एनबीएफसी में निवेश के मौकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। बुक बिल्डिंग के दौरान इस इश्यू को संस्थागत और रिटेल दोनों तरह के निवेशकों का कमजोर रिस्पॉन्स मिला था। पोस्ट-आईपीओ बेसिस पर कंपनी ने 1.8 का प्राइस-बुक (P/B) मल्टीपल मांगा था। इसके मुकाबले CreditAccess जैसी इसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी का P/B 3.3 है। आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के हेड-इक्विटी रिसर्च नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि निवेशकों को यह शेयर अपने पास लंबी अवधि तक रखना चाहिए। स्वास्तिका इनवेस्टमार्ट के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट प्रवेश गौड़ ने कहा कि यह शेयर सिर्फ ज्यादा रिस्क लेने वाले और लंबी अवधि तक अपने पास रखने वाले निवेशकों के लिए है।

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