Monday, November 7, 2022

Demonetisation: नोटबंदी के 6 साल बाद 72% बढ़ी नकदी, कैश सर्कुलेशन रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा

Demonetisation: देश में 8 नवंबर 2016 को नोटंबदी का ऐलान किया गया था। नोटबंदी के 6 साल पूरे होने के बाद नकदी का इस्तेमाल जमकर हो रहा है। देश में 21 अक्टूबर 2022 तक नकदी का इस्तेमाल 30.88 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। जो कि 4 नवंबर 2016 को मौजूद 17.97 लाख करोड़ रुपये से 71.84 फीसदी ज्यादा है। देश के प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार और काले धन (corruption and black money) की समस्या को दूर करने के मकसद से 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। हालांकि सरकार के इस फैसले की कई विशेषज्ञों ने आलोचन की थी। ऐसे होता है कैलकुलेशन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक देश में भले ही डिजिटल पेमेंट्स पहले के मुकाबले बढ़ो हो। लेकिन अभी भी ज्यादातर लोग खरीदारी के लिए कैश का ही इस्तेमाल करते हैं। नोटबंदी के 2 हफ्ते बाद 25 नवंबर 2016 को लोगों के पास 9.11 लाख करोड़ रुपये का कैश मौजूद था। अब इसमें 239 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि जनता के पास कैश की गणना कुल सर्कुलेशन में मौजूद मुद्रा में से बैंकों के पास मौजूद नकदी को घटाकर किया जाता है। यहां पर सर्कुलेशन में मौजूद मुद्रा से मतलब उस कैश से है, जो किसी देश के भीतर कंज्यूमर और कारोबारियों के बीच लेन-देन में इस्तेमाल किया जाता है।

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डिजिटल पेमेंट  कोरोना वायरस महामारी के दौरान डिजिटल पेमेंट में भारी इजाफा हुआ है। हालांकि धीरे-धीरे डिजिटल पेमेंट में इजाफा हुआ है। लेकिन अभी भी लोग कैश में पेमेंट करना ज्यादा पसंद करते हैं। फेस्टिव सीजन में नकदी की मांग बढ़ जाती है। देश के टियर टियर चार शहरों में 90 फीसदी ई-कॉमर्स कंपनियों में लेने देन कैश में होता है। जबकि टियर एक शहरों में यह आंकड़ा 50 फीसदी है।

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