Thursday, November 17, 2022

राजनीतिक दबाव के चलते Covaxin को मंजूरी देने में की गई जल्दबाजी? हेल्थ मिनिस्ट्री ने अब दिया इसे लेकर जवाब

केंद्र सरकार ने गुरुवार को उन मीडिया रिपोर्टों को भ्रामक और गलत बताते हुए खारिज किया है, जिनमें दावा किया गया था कि भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के स्वदेशी कोरोना वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) 'कोवैक्सीन (Covaxin)' को मंजूरी देने में कुछ नियामकीय प्रक्रियाओं की अनदेखी की गई थी। स्वास्थ मंत्रालय ने कहा कि कोविड टीके को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी देते समय रेगुलेटर्स ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ पहले से तय मानदंडों का पालन किया था। इससे पहले कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था Covaxin को बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक को "राजनीतिक दबावों" के चलते "कुछ प्रक्रियाओं को छोड़ना" पड़ा था और क्लीनिकल ट्रायल्स को "तेज" करना पड़ा था। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि वैक्सीन की प्रभावशीलता जांचने के लिए 3 चरणों में हुए क्लीनिकल ट्रायल्स के दौरान कई अनियमितताएं पाई गई थीं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, "ये मीडिया रिपोर्ट पूरी तरह से भ्रामक, तथ्यहीन और गलत जानकारी फैलाने वाले हैं।" 'आंतरिक डॉक्यूमेंट्स' के हवाले से रिपोर्ट में किया गया था दावा सरकार की तरफ से यह स्पष्टीकरण बीते 15 नवंबर को मीडिया में आई एक रिपोर्ट के दो दिन बाद आया है। रिपोर्ट में Covaxin को मंजूरी देने से जुड़े 'आंतरिक डॉक्यूमेंट्स' मिलने का दावा किया गया था। यह भी पढ़ें- Bangalore Airport IPO: बेंगलुरु एयरपोर्ट का अगले साल तक आएगा IPO, 3.7 अरब डॉलर के वैल्यू पर हो सकती है लिस्ट ट्रायल प्रोटोकोल में बदलाव का आरोप रिपोर्ट के मुताबिक, क्लीनिकल ट्रायल में हिस्सा लेने वालों की संख्या में अंतर के बावजूद भारतीय रेगुलटर्स ने Covaxin का समर्थन किया। रिपोर्ट में कहा गया है, "इसके अलावा, मंजूरी मिलने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए उन ट्रायल प्रोटोकोल में संदिग्ध बदलाव किए गए थे, जो एक वैक्सीन या दवा के परीक्षण के लिए मान्य और स्थापित प्रक्रियाएं हैं।" भारत बायोटेक ने क्या कहा? Bharat Biotech ने कहा कि कंपनी को कोवैक्सीन (Covaxin) बनाने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए किसी बाहरी दबाव का सामना नहीं करना पड़ा। कंपनी ने यह भी कहा कि इसके उलट उस पर भारत सहित दुनिया भर के लोगों के जीवन को बचाने और कोरोना महामारी के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी टीका बनाने का एक आंतरिक दबाव था।

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